प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी ने शहर में भारी वायु प्रदूषण के कारण स्कूल बंद करने और विद्यार्थियों को घरों पर ही रहने देने का प्रस्ताव रखा है। आप ने बीजिंग का उदाहरण लेते हुए यह प्रस्ताव रखा है, जहां तीन दिन से भारी वायु प्रदूषण है।
...तो स्कूल, बाजार बंद करने होंगे
दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बीते 24 घंटों में सर्वाधिक 500 यूनिट प्रदूषण दर्ज किया है। इसका अर्थ है कि दिल्ली में सहे जा सकने वाले सामान्य प्रदूषण से 10 से 16 गुना अधिक प्रदूषण है। आप सरकार की एडवायजरी बाडी के दिल्ली डॉयलाग कमीशन के चेयरमैन आशीष खेतान ने कहा है कि 'यदि प्रदूषण उस स्तर पर पहुंच गया है जहां वह लोगों के स्वास्थ्य को हानि पहुंचा सकता है, तो हम स्कूल और बाजार बंद कर देंगे। मुझे लगता है ऐसी स्थिति बन चुकी है।'
घरों में क्या स्कूल से कम प्रदूषण?
उधर दिल्ली प्रदूषण बोर्ड उक्त तर्क से सहमत नहीं है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के चेयरमैन अश्विनी कुमार का कहना है कि 'कुछ लोगों का कहना है कि घरों में प्रदूषण का स्तर स्कूलों के प्रदूषण स्तर से कम है। इस तरह की प्रतिक्रियाओं का कोई फायदा नहीं है। समस्या को सुलझाने के लिए कुछ वक्त चाहिए पर उसके लिए भय पैदा करने की जरूरत नहीं है।'
कोयला, कचरा जलाने से बिगड़े हालात
वायु प्रदूषण की मौजूदा स्थिति के पीछे कोयला, पत्ते और कचरे का जलाया जाना प्रमुख कारण है। सर्दियां आने के कारण गरीब लोग इस सामग्री को जला रहे हैं। दिल्ली में प्रदूषण का यह मुद्दा तब उठा है जब पेरिस में वैश्विक जलवायु पर बहस हो रही है। वहां भारत ने कहा है कि जलवायुि परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए विकसित देश नेतृत्व करें। भारत ने कहा है कि यहां 20 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें बिजली उपलब्ध नहीं है। उन पर कोयले के उपयोग पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारत क्रमशः स्वच्छ ऊर्जा बढ़ाने की महत्वाकांक्षी योजना पर कार्य कर रहा है।
नागरिकों के लिए स्पर्धा, पुरस्कार 2 करोड़ रुपये
आप सरकार इस बारे में नागरिकों के नए विचार जानना चाहती है। दिल्ली डॉयलाग कमीशन और शिकागो यूनिवर्सिटी ने एक संयुक्त उद्यम पर काम शुरू किया है। इसमें सबसे पहले एक प्रतियोगिता शामिल की गई है जिसमें वायु की गुणवत्ता में सुधार के लिए नागरिकों के विचारों को केंद्र में रखा गया है। इसमें पुरस्कार राशि दो करोड़ रुपये है।
...तो स्कूल, बाजार बंद करने होंगे
दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बीते 24 घंटों में सर्वाधिक 500 यूनिट प्रदूषण दर्ज किया है। इसका अर्थ है कि दिल्ली में सहे जा सकने वाले सामान्य प्रदूषण से 10 से 16 गुना अधिक प्रदूषण है। आप सरकार की एडवायजरी बाडी के दिल्ली डॉयलाग कमीशन के चेयरमैन आशीष खेतान ने कहा है कि 'यदि प्रदूषण उस स्तर पर पहुंच गया है जहां वह लोगों के स्वास्थ्य को हानि पहुंचा सकता है, तो हम स्कूल और बाजार बंद कर देंगे। मुझे लगता है ऐसी स्थिति बन चुकी है।'
घरों में क्या स्कूल से कम प्रदूषण?
उधर दिल्ली प्रदूषण बोर्ड उक्त तर्क से सहमत नहीं है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के चेयरमैन अश्विनी कुमार का कहना है कि 'कुछ लोगों का कहना है कि घरों में प्रदूषण का स्तर स्कूलों के प्रदूषण स्तर से कम है। इस तरह की प्रतिक्रियाओं का कोई फायदा नहीं है। समस्या को सुलझाने के लिए कुछ वक्त चाहिए पर उसके लिए भय पैदा करने की जरूरत नहीं है।'
कोयला, कचरा जलाने से बिगड़े हालात
वायु प्रदूषण की मौजूदा स्थिति के पीछे कोयला, पत्ते और कचरे का जलाया जाना प्रमुख कारण है। सर्दियां आने के कारण गरीब लोग इस सामग्री को जला रहे हैं। दिल्ली में प्रदूषण का यह मुद्दा तब उठा है जब पेरिस में वैश्विक जलवायु पर बहस हो रही है। वहां भारत ने कहा है कि जलवायुि परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए विकसित देश नेतृत्व करें। भारत ने कहा है कि यहां 20 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें बिजली उपलब्ध नहीं है। उन पर कोयले के उपयोग पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारत क्रमशः स्वच्छ ऊर्जा बढ़ाने की महत्वाकांक्षी योजना पर कार्य कर रहा है।
नागरिकों के लिए स्पर्धा, पुरस्कार 2 करोड़ रुपये
आप सरकार इस बारे में नागरिकों के नए विचार जानना चाहती है। दिल्ली डॉयलाग कमीशन और शिकागो यूनिवर्सिटी ने एक संयुक्त उद्यम पर काम शुरू किया है। इसमें सबसे पहले एक प्रतियोगिता शामिल की गई है जिसमें वायु की गुणवत्ता में सुधार के लिए नागरिकों के विचारों को केंद्र में रखा गया है। इसमें पुरस्कार राशि दो करोड़ रुपये है।
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