फाइल फोटो
नई दिल्ली:
विधायकी जाने का खतरा झेल रहे 21 आम आदमी पार्टी विधायकों की मुश्किल अब और बढ़ गई हैं. दिल्ली के मुख्य सचिव ने चुनाव आयोग में जो जवाब दाखिल किया है, उससे तो ऐसा ही लग रहा है. चुनाव आयोग को मुख्य सचिव ने बताया है कि 21 आप विधायक जिनको संसदीय सचिव नियुक्त किया गया था, उनको क्या क्या सुविधा मिल रही थी.
दिल्ली के मुख्य सचिव के चुनाव आयोग को भेजे जवाब के मुख्य अंश-
1. दिल्ली विधानसभा में नए रेनोवेट हुए कमरों में टेबल कुर्सी आदि के लिए दिल्ली विधानसभा ने 13,26,300 रुपये मंज़ूर किये थे और दिल्ली सरकार के PWD विभाग ने इस पर 11,75,828 रुपये खर्च किये.
2. चार संसदीय सचिवों के लिए दिल्ली सचिवालय में केबिन बनाने पर 3,73,871 रुपये खर्च हुए जिसमें 2,22,500 रुपये का सिविल और इलेक्ट्रिकल काम था और 1,51,371 रुपये का फर्नीचर था.
3. ये चार विधायक थे, संजीव झा, सरिता सिंह, नरेश यादव, और जरनैल सिंह
4. अल्का लाम्बा को सीपीओ बिल्डिंग में दो छोटे कमरे दिए गए जिसकी रेनोवेशन पीडब्ल्यू ने करवाई और बिजली पानी के बिल 'कला, संस्कृति और भाषा विभाग' ने दिए
5. आदर्श शास्त्री को 15,479 रुपये डिजिटल इंडिया की मुंबई में एक कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए दिये.
6. कुल 9 विधायकों को दिल्ली जल बोर्ड के दफ्तरों में कमरे दिए गए.
7. इनमें सरिता सिंह और राजेश ऋषि को दो कमरे मिले.
8. प्रवीण कुमार, शरद चौहान, आदर्श शास्त्री, मैदान लाल, नरेश यादव, जरनैल सिंह और मनोज कुमार को एक एक कमरा दिल्ली जल बोर्ड के दफ्तरों में मिला.
9. इन विधायकों को कोई फ़ोन, गाड़ी या फिर ड्राइवर आदि नहीं दिया गया.
10. ये विधायक अलग अलग तरह की समितियों की अध्यक्षता करते रहे या सदस्य के रूप में समितियों की बैठक में शामिल हुए.
सरकार के सूत्रों का कहना है कि विधानसभा में कमरे देकर वापस ले लिए गए थे जबकि आदर्श शास्त्री संसदीय सचिव के तौर पर नहीं बल्कि सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर मुंबई गए थे. यही वजह थी उनका सरकार ने खर्च उठाया. जबकि, इस मामले में याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल का कहना है- 'दिल्ली के मुख्य सचिव के जवाब से यह साफ़ हो गया है कि आप के 21 विधायक लाभ के पद पर हैं इसलिए अब जल्द ही आयोग अपनी सुनवाई पूरी करके राष्ट्रपति को इनकी सदस्यता रद्द करने की सिफारिश भेजेगा.'
दरअसल चुनाव आयोग तीन बार दिल्ली के मुख्य सचिव से कुछ सवालों के जवाब मांग चुका था लेकिन दिल्ली के मुख्य सचिव के जवाब से आयोग संतुष्ट नहीं हो रहा था. अब मुख्य सचिव के तीसरे जवाब के बाद सभी 21 आप विधायक 7 अक्टूबर तक आयोग में अपना जवाब दाखिल करेंगे. इस पर याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल 14 अक्टूबर तक अपना जवाब देंगे. उसके बाद आयोग सुनवाई की तारीख तय करेगा.
दिल्ली के मुख्य सचिव के चुनाव आयोग को भेजे जवाब के मुख्य अंश-
1. दिल्ली विधानसभा में नए रेनोवेट हुए कमरों में टेबल कुर्सी आदि के लिए दिल्ली विधानसभा ने 13,26,300 रुपये मंज़ूर किये थे और दिल्ली सरकार के PWD विभाग ने इस पर 11,75,828 रुपये खर्च किये.
2. चार संसदीय सचिवों के लिए दिल्ली सचिवालय में केबिन बनाने पर 3,73,871 रुपये खर्च हुए जिसमें 2,22,500 रुपये का सिविल और इलेक्ट्रिकल काम था और 1,51,371 रुपये का फर्नीचर था.
3. ये चार विधायक थे, संजीव झा, सरिता सिंह, नरेश यादव, और जरनैल सिंह
4. अल्का लाम्बा को सीपीओ बिल्डिंग में दो छोटे कमरे दिए गए जिसकी रेनोवेशन पीडब्ल्यू ने करवाई और बिजली पानी के बिल 'कला, संस्कृति और भाषा विभाग' ने दिए
5. आदर्श शास्त्री को 15,479 रुपये डिजिटल इंडिया की मुंबई में एक कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए दिये.
6. कुल 9 विधायकों को दिल्ली जल बोर्ड के दफ्तरों में कमरे दिए गए.
7. इनमें सरिता सिंह और राजेश ऋषि को दो कमरे मिले.
8. प्रवीण कुमार, शरद चौहान, आदर्श शास्त्री, मैदान लाल, नरेश यादव, जरनैल सिंह और मनोज कुमार को एक एक कमरा दिल्ली जल बोर्ड के दफ्तरों में मिला.
9. इन विधायकों को कोई फ़ोन, गाड़ी या फिर ड्राइवर आदि नहीं दिया गया.
10. ये विधायक अलग अलग तरह की समितियों की अध्यक्षता करते रहे या सदस्य के रूप में समितियों की बैठक में शामिल हुए.
सरकार के सूत्रों का कहना है कि विधानसभा में कमरे देकर वापस ले लिए गए थे जबकि आदर्श शास्त्री संसदीय सचिव के तौर पर नहीं बल्कि सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर मुंबई गए थे. यही वजह थी उनका सरकार ने खर्च उठाया. जबकि, इस मामले में याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल का कहना है- 'दिल्ली के मुख्य सचिव के जवाब से यह साफ़ हो गया है कि आप के 21 विधायक लाभ के पद पर हैं इसलिए अब जल्द ही आयोग अपनी सुनवाई पूरी करके राष्ट्रपति को इनकी सदस्यता रद्द करने की सिफारिश भेजेगा.'
दरअसल चुनाव आयोग तीन बार दिल्ली के मुख्य सचिव से कुछ सवालों के जवाब मांग चुका था लेकिन दिल्ली के मुख्य सचिव के जवाब से आयोग संतुष्ट नहीं हो रहा था. अब मुख्य सचिव के तीसरे जवाब के बाद सभी 21 आप विधायक 7 अक्टूबर तक आयोग में अपना जवाब दाखिल करेंगे. इस पर याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल 14 अक्टूबर तक अपना जवाब देंगे. उसके बाद आयोग सुनवाई की तारीख तय करेगा.
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