
जेएनयू कैंपस में पूर्वोत्तर के छात्रों के लिए हॉस्टल की नींव केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रखी
नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने सोमवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में बराक होस्टल की आधारशिला रखी. इस अवसर पर जितेंद्र सिंह ने कहा कि जेएनयू में 8000 से ज्यादा विद्यार्थी हैं. इसमें से अधिकतर विद्यार्थी पूर्वोत्तर क्षेत्र के हैं. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष बेंगलुरु विश्वविद्यालय में भी पूर्वोत्तर की छात्राओं के लिए छात्रावास की आधारशिला रखी गई थी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार का ध्यान शेष देश को पूर्वोत्तर भारत के निकट लाने पर है. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर विकास क्षेत्र मंत्रालय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में उद्यम स्थापित करने के इच्छुक युवा स्टार्ट अप और उद्यमियों के लिए उद्यम पूंजी कोष बनाया है. उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम पूर्वोत्तर क्षेत्र को मिलने वाले सभी प्रोत्साहनों के अतिरिक्त है. उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र की साक्षरता दर पर बल देते हुए कहा कि केरल के बाद सबसे अधिक साक्षरता दर मिजोरम में है.
इस अवसर पर डॉक्टर सिंह ने पूर्वोत्तर भारत के इतिहास, राजनीति और संस्कृति पर ‘फिस्सिटी एंड फ्लुइडिटी’ नामक एक पुस्तक का विमोचन किया.
पूर्वोत्तर विकास क्षेत्र मंत्रालय के सचिव नवीन वर्मा ने कहा कि जेएनयू में छात्रावास कि समस्या रही है और छात्रावास की आधारशिला इस कमी को पूरा करने के लिए रखी जा रही है. पूर्वोत्तर परिषद के सचिव राम मुविया ने कहा कि बराक होस्टल बनाने के काम में 100 प्रतिशत धन यानी 28.30 करोड़ रुपयें पूर्वोत्तर परिषद दे रही है. यह छात्रावास तीन वर्ष में बनकर तैयार हो जाएगा और इस में चार सौ विद्यार्थी रहेंगे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार का ध्यान शेष देश को पूर्वोत्तर भारत के निकट लाने पर है. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर विकास क्षेत्र मंत्रालय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में उद्यम स्थापित करने के इच्छुक युवा स्टार्ट अप और उद्यमियों के लिए उद्यम पूंजी कोष बनाया है. उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम पूर्वोत्तर क्षेत्र को मिलने वाले सभी प्रोत्साहनों के अतिरिक्त है. उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र की साक्षरता दर पर बल देते हुए कहा कि केरल के बाद सबसे अधिक साक्षरता दर मिजोरम में है.
इस अवसर पर डॉक्टर सिंह ने पूर्वोत्तर भारत के इतिहास, राजनीति और संस्कृति पर ‘फिस्सिटी एंड फ्लुइडिटी’ नामक एक पुस्तक का विमोचन किया.
पूर्वोत्तर विकास क्षेत्र मंत्रालय के सचिव नवीन वर्मा ने कहा कि जेएनयू में छात्रावास कि समस्या रही है और छात्रावास की आधारशिला इस कमी को पूरा करने के लिए रखी जा रही है. पूर्वोत्तर परिषद के सचिव राम मुविया ने कहा कि बराक होस्टल बनाने के काम में 100 प्रतिशत धन यानी 28.30 करोड़ रुपयें पूर्वोत्तर परिषद दे रही है. यह छात्रावास तीन वर्ष में बनकर तैयार हो जाएगा और इस में चार सौ विद्यार्थी रहेंगे.
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