
India-Pakistan Tension: भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के बीच पाकिस्तान को तुर्किये के समर्थन के बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) सहित यहां के कई शैक्षणिक संस्थानों ने या तो वहां के विश्वविद्यालयों के साथ अपना सहयोग निलंबित कर दिया है या इस पर विचार कर रहे हैं. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.जेएनयू ने तुर्किये के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) को निलंबित कर दिया है, वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया ने भी राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए तुर्किये के संस्थानों के साथ सभी प्रकार के सहयोग को निलंबित कर दिया है.
जेएनयू ने समझौता ज्ञापन को निलंबित कर दिया है
जेएनयू और इनोनू विश्वविद्यालय के बीच तीन वर्ष की अवधि के लिए तीन फरवरी को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें अन्य शैक्षणिक सहयोगों के अलावा संकाय और छात्र विनिमय कार्यक्रमों की योजनाएं भी शामिल थीं. जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने एक बयान में कहा, 'जेएनयू ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर समझौता ज्ञापन को निलंबित कर दिया है, क्योंकि जेएनयू राष्ट्र और सशस्त्र बलों के साथ खड़ा है, जिनमें से कई जेएनयू के पूर्व छात्र हैं.'
तुर्किये के सामान का बहिष्कार
जामिया मिलिया इस्लामिया की जनसंपर्क अधिकारी प्रोफेसर साइमा सईद ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'जामिया ने तुर्किये के किसी भी शैक्षणिक संस्थान और प्रतिष्ठान के साथ सहयोग को निलंबित कर दिया है। हम सरकार और देश के साथ खड़े हैं और अगली सूचना तक सब कुछ निलंबित है.'दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) भी अपनी अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक साझेदारियों की समीक्षा कर रहा है.
डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, 'हम सभी समझौता ज्ञापन की जांच कर रहे हैं और समझौतों की समीक्षा के बाद ही कोई निर्णय लेंगे. पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद तुर्किये द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने तथा भारतीय सशस्त्र बलों के ऑपरेशन सिंदूर की निंदा करने के कारण दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में भी तनाव आने की आशंका है. भारतीय भी तुर्किये के सामान का बहिष्कार कर रहे हैं और पश्चिम एशियाई देश की अपनी यात्राएं रद्द कर रहे हैं. ईजमाईट्रिप और इक्सिगो जैसे ऑनलाइन ट्रैवल मंच ने इन देशों की यात्रा न करने की सलाह जारी की है.
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