सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी (AAP) के 21 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के मामले में चुनाव आयोग ने अंतिम बहस के लिए 23 जुलाई की तारीख तय की है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद 17 मई से चुनाव आयोग ने मामले की फिर से सुनवाई शुरू की थी. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग की सिफारिश और राष्ट्रपति के नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया था, जिसमें 21 आप विधायकों को विधायक रहते हुए लाभ के पद लेने के आरोप में अयोग्य घोषित कर दिया था. दिल्ली हाइकोर्ट ने आदेश दिया था कि क्योंकि आप विधायकों की सुनवाई ठीक से किये बिना चुनाव आयोग ने फैसला सुनाया था इसलिए इस मामले में फिर से सुनवाई करे जिसके बाद चुनाव आयोग ने विधायकों को फिर से सुनवाई के लिए बुलाया था.
'आप' से पहले कांग्रेस के असरदार नेता रहे हैं सुखपाल सिंह खैरा
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली सिफारिश पर हस्ताक्षर करने वाले तत्कालीन चुनाव आयुक्त और मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत पर टिपण्णी करते हुए कहा था कि जब इन्होंने आरोप लगने पर खुद को इस मामले से अलग कर लिया था तो फिर ये दोबारा इस मामले में कब शामिल हुए इसकी कोई जानकारी नहीं मिलती. यही नहीं चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा तो चुनाव आयुक्त बने ही सितंबर 2017 में थे और जून 2017 के बाद कोई सुनवाई हुई नहीं तो कैसे इन्होंने उस सिफारिश पर दस्तखत किए जिसमे विधायकों को अयोग्य ठहराया गया.
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ये हैं वो आप विधायक जिनपर लाभ के पद का आरोप है
1. जरनैल सिंह, तिलक नगर
2. नरेश यादव, मेहरौली
3. अल्का लांबा, चांदनी चौक
4. प्रवीण कुमार, जंगपुरा
5. राजेश ऋषि, जनकपुरी
6. राजेश गुप्ता, वज़ीरपुर
7. मदन लाल, कस्तूरबा नगर
8. विजेंद्र गर्ग, राजिंदर नगर
9. अवतार सिंह, कालकाजी
10. शरद चौहान, नरेला
11. सरिता सिंह, रोहताश नगर
12. संजीव झा, बुराड़ी
13. सोम दत्त, सदर बाज़ार
14. शिव चरण गोयल, मोती नगर
15. अनिल कुमार बाजपई, गांधी नगर
16. मनोज कुमार, कोंडली
17. नितिन त्यागी, लक्ष्मी नगर
18. सुखबीर दलाल, मुंडका
19. कैलाश गहलोत, नजफ़गढ़
20. आदर्श शास्त्री, द्वारका
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गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली सिफारिश पर हस्ताक्षर करने वाले तत्कालीन चुनाव आयुक्त और मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत पर टिपण्णी करते हुए कहा था कि जब इन्होंने आरोप लगने पर खुद को इस मामले से अलग कर लिया था तो फिर ये दोबारा इस मामले में कब शामिल हुए इसकी कोई जानकारी नहीं मिलती. यही नहीं चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा तो चुनाव आयुक्त बने ही सितंबर 2017 में थे और जून 2017 के बाद कोई सुनवाई हुई नहीं तो कैसे इन्होंने उस सिफारिश पर दस्तखत किए जिसमे विधायकों को अयोग्य ठहराया गया.
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5. राजेश ऋषि, जनकपुरी
6. राजेश गुप्ता, वज़ीरपुर
7. मदन लाल, कस्तूरबा नगर
8. विजेंद्र गर्ग, राजिंदर नगर
9. अवतार सिंह, कालकाजी
10. शरद चौहान, नरेला
11. सरिता सिंह, रोहताश नगर
12. संजीव झा, बुराड़ी
13. सोम दत्त, सदर बाज़ार
14. शिव चरण गोयल, मोती नगर
15. अनिल कुमार बाजपई, गांधी नगर
16. मनोज कुमार, कोंडली
17. नितिन त्यागी, लक्ष्मी नगर
18. सुखबीर दलाल, मुंडका
19. कैलाश गहलोत, नजफ़गढ़
20. आदर्श शास्त्री, द्वारका
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