
- दिल्ली में अवैध झुग्गियों पर एमसीडी की कार्रवाई जारी है.
- 1600 से अधिक झुग्गियों पर बुलडोजर चलाया गया है.
- EWS फ्लैट्स झुग्गीवालों के लिए बने, लेकिन खाली पड़े हैं.
दिल्ली में इन दिनों अवैध रूप से बनाए गए झुग्गियों पर एमसीडी के बुलडोजर कार्रवाई के चर्चे हैं. इन झुग्गियों में रहने वाले लोगों का कहना है कि सरकार की इस कार्रवाई ने उन्हें सड़क पर ला दिया है. उनके पास रखने को अब छत तक नहीं है. आपको बता दें कि दिल्ली में बीते कुछ दिनों में 1600 से ज्यााद झुग्गियों पर बुलडोजर चल चुका है. झुग्गियों पर इस कार्रवाई को लेकर राजनीति भी हो रही है. आम आदमी पार्टी जहां बीजेपी पर मनमानी करने का आरोप लगा रही है वहीं सीएम रेखा गुप्ता का कहना है कि अवैध झुग्गियों को हटाने का आदेश कोर्ट की तरफ से आया है. हम सिर्फ उस आदेश को मान रहे हैं. इन सब के बीच NDTV की पड़ताल में एक बड़ा खुलासा हुआ है. NDTV की ये पड़ताल उन EWS यानी इकॉनोमिक वीकर सेक्शन के तहत आने वाले लोगों के लिए बनाए गए फ्लैट्स को लेकर है. ये फ्लैस्ट्स आज भी अपने आवंटन की राह जोह रहे हैं.

NDTV की पड़ताल में पता चला है कि ये फ्लैट्स झुग्गीवालों के लिए ही बनाए गए थे लेकिन तैयार होने के बाद भी ये किसी को दिए नहीं गए. और आज ये खंडहर बने हुए हैं. ऐसे फ्लैट्स की संख्या 35000 से ज्यादा है. मकान बनें होने के बाद भी किसी भी जरूरतमंद को ये फ्लैट्स नहीं दिए जा सके हैं.

NDTV आज आपको बता रहा है कि झुग्गी वालों के लिए बनाए गए सरकारी फ्लैट्स खंडहर हो रहे हैं लेकिन कांग्रेस आम आदमी पार्टी और अब बीजेपी इसको लेकर कोई पॉलिसी नहीं बना पाई.झुग्गी वालों को मकान देकर इनको बसाया जाए. इसके लिए EWS flat बनाए गए थे लेकिन ग़रीबों के वो मकान किस हाल में हैं ये देखकर आप भी दंग रह जाएंगे. कालका जी के भूमिहीन कैंप से क़रीब 60 किमी दूर बवाना और नरेला के इलाक़े में ग़रीबों के मकान बनाने की शुरुआत 2005 में हुई और योजना का नाम रखा गया राजीव रत्न आवास योजना.

दिल्ली को झुग्गी मुक्त करने की योजना के लिए 2005 से लेकर 2013 तक इस तरह के 35000 EWS मकान बनाए गए. NDTV ने एक दो नहीं बल्कि 5000 से ज्यादा फ्लैट्स की पड़ताल की . दिल्ली के घोगा गांव में ग़रीबों के लिए 3980 फ्लैट्स तैयार हुए लेकिन इनकी हालत देखकर हम भी हैरान हो गए. नशेडियों ने इन इमारतों के पिलर के सरिए काट दिए इसके चलते 9 फ्लैट्स गिर चुके हैं.छतों तक जाने के लिए सीढ़ियां ग़ायब हैं. जगह जगह नोटिस लगाकर फ्लैट्स के पास नज़दीक तक जाने से मना किया जा रहा है.

दरवाजे और ग्रीन तक गायब हैं
NDTV की पड़तला में पता चला कि गरीबों के लिए जो मकान बनाए गए थे अब उन मकानों से दरवाजे और ग्रील तक गायब हैं. इतना ही नहीं इन मकानों से वाश बेसिन तक भी गायब कर दिया गया है. घोगा गांव से करीब चार किमी दूर नरेला में भी ग़रीबों के लिए इस तरह के करीब 1700 फ्लैटस बनाए गए.सालों से ख़ाली पड़े इन फ्लैट्स के दरवाजे और खिड़कियों तक को चोरों ने ग़ायब कर दिया है.
फ्लैट्स के आवंटन में देरी को लेकर भी राजनीति
इन फ्लैट्स के आवंटन में हो रही देरी के कारण को लेकर भी राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव कहते हैं कि इन फ्लैट्स को तैयार होने के बाद भी इसलिए आवंटित नहीं किया गया क्योंकि ये फ्लैट्स पूर्व पीएम राजीव गांधी के नाम पर बनाए गए थे. कांग्रेस ने इन फ्लैट्स के बनाने का काम शुरू किया था लेकिन बनकर तैयार होते होते सरकार बदल गई थी. इन फ्लैट्स की खराब हालत को लेकर सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि हम जल्द ही इन फ्लैट्स की मरम्मत की काम शुरू करेंगे.

आम आदमी पार्टी ने पांच साल में महज 1293 झुग्गी वालों को पुनर्वास कराया
अब आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी झुग्गी वालों के लिए विरोध प्रदर्शन कर रही हैं लेकिन आँकड़े बता रहे हैं कि बीते 5 साल में महज 1293 झुग्गी वालों का ही पुनर्वास हुआ.बीजेपी सत्ता में है लेकिन सौ दिन पूरे होने के बावजूद 2500 करोड़ की लागत से 18000 फ्लैट्स पर अभी कोई नीतिगत फैसला नहीं ले पाई.
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