केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और सांसद प्रवेश वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करने की CPM नेता वृंदा करात की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. वृंदा करात ने शाहीन बाग़ में चल रहे CAA विरोधी प्रदर्शन को लेकर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज करने की मांग की थी. हाई कोर्ट ने CPM के नेता वृंदा करात की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि मामले पर निचली अदालत का आदेश सही है. निचली अदालत ने स्टेटस रिपोर्ट देखने के बाद ही FIR की मंज़ूरी नही देकर सही फैसला किया है.
अपने फैसले में जस्टिस सी डी सिंह ने कहा कि हालांकि ये रिट याचिका सुनवाई योग्य है. लेकिन कानून की स्थापित स्थिति के साथ-साथ एक प्रभावी वैकल्पिक उपाय के अस्तित्व पर फैसलों को देखते हुए इस पर विचार नहीं किया जा सकता है. याचिकाकर्ताओं के वकील दंड प्रक्रिया संहिता के तहत निर्धारित तंत्र का पालन करने में विफल रहे. ट्रायल कोर्ट ने आदेश पारित करते समय मामले के गुण-दोष पर विचार नहीं किया था और उसने अधिकार क्षेत्र के आधार पर शिकायत का फैसला किया था.
इसमें आगे कहा गया है कि हाईकोर्ट को नियमित रूप से ऐसे मामलों में अनुच्छेद 226 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं करना चाहिए. यदि प्रभावी वैकल्पिक उपाय उपलब्ध है और यदि ऐसा किया जाता है, तो यह अन्य मामलों के लिए पैंडोरा बॉक्स खोलेगा .अदालत का विचार था कि जिन मामलों में प्रभावी वैकल्पिक उपाय उपलब्ध हैं, उन्हें अपनाना चाहिए और न्याय के हित में आकस्मिक मामलों को छोड़कर हाईकोर्ट के हस्तक्षेप का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए. अदालत ने 25 मार्च को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था.
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