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This Article is From Dec 09, 2021

भारत में क्या है क्रिप्टो का भविष्य? जानें CoinSwitch के CEO आशीष सिंघल के साथ

भारत में क्रिप्टो का भविष्य क्या है? क्या देश में वास्तव में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगेगा? सरकार जो बिल लाने की योजना बना रही है वह किस तरह का है? क्या मुझे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश जारी रखना चाहिए? ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं जो बहुत से लोगों के दिमाग में हैं क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी में लाखों भारतीयों का कारोबार और निवेश जारी है.

भारत में क्या है क्रिप्टो का भविष्य? जानें CoinSwitch के CEO आशीष सिंघल के साथ
Cryptocurrency Bill पर CoinSwitch के CEO आशीष सिंघल के साथ सवाल-जवाब.

क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrencies) पर संसद में पेश किए जाने वाले एक नए बिल को लेकर हाल के समाचारों से भ्रम की स्थिति बनी है. शुरुआत में इससे घबराहट का माहौल बना था और देश में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों ने बिकवाली शुरू कर दी थी क्योंकि बैन की आशंका बढ़ गई थी. ऐसे में भारत में क्रिप्टो का भविष्य क्या है? क्या देश में वास्तव में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगेगा? सरकार जो बिल लाने की योजना बना रही है वह किस तरह का है? क्या मुझे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश जारी रखना चाहिए? ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं जो बहुत से लोगों के दिमाग में हैं क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी में लाखों भारतीयों का कारोबार और निवेश जारी है.

ऐसे कुछ बड़े प्रश्नों के उत्तर और सामान्य उलझनों को दूर करने के लिए, CoinSwitch Kuber ने कंपनी के CEO आशीष सिंघल के साथ हाल ही में एक AMA (Ask Me anything) सेशन आयोजित किया था. CoinSwitch अभी देश के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों में से एक है. CoinSwitch के को-फाउंडर और CEO, आशीष ने इससे पहले CRUXPay, रीप बेनेफिट, अर्बन टेलर, माइक्रोसॉफ्ट और अन्य कंपनियों में काम किया है. उन्होंने नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से डिग्री ली है. उनके एक पावरफुल और यूजर-फ्रेंडली क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज शुरू करने के नजरिए का परिणाम CoinSwitch का लॉन्च है.

CoinSwitch के AMA में जिन प्रश्नों पर चर्चा की गई उनमें से कुछ यहां दिए जा रहे हैं:

प्रस्तावित बिल का भारत में क्रिप्टो के लिए क्या मतलब है?

आशीषः चलिए पहले प्रस्तावित क्रिप्टो बिल का इतिहास समझते हैं. हमें केवल बिल के शीर्षक की जानकारी है, जो पिछले साल लाए जाने वाले बिल के समान है. हालांकि, वह बिल संसद में प्रस्तुत नहीं किया गया था और चीजें तब काफी अलग थीं. मौजूदा स्थितियों की बात की जाए तो भारत में क्रिप्टो कम्युनिटी इस अवधि में तेजी से बढ़ी है. लाखों लोग अब CoinSwitch और अन्य एप्लिकेशंस का हिस्सा हैं. क्रिप्टो को अब एक एसेट क्लास के तौर पर देखा जा रहा है और इसे केवल एक करेंसी की तरह नहीं मानना चाहिए. यह भविष्य में गूगल, एमेजॉन, आदि की तरह बन सकता है.

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रकार क्रिप्टो के कॉन्सेप्ट को समझने की कोशिश कर रही है और इसके साथ ही उसकी सोच भी बदल रही है. हमें नहीं पता कि प्रस्तावित बिल में वास्तव में क्या है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए सरकार के बिल लाने के प्रस्ताव से एक प्रगतिशील क्रांति होगी.

क्या आप कहेंगे कि भविष्य अच्छा है?

आशीषः सबसे पहले, मेरी राय पक्षपात वाली है क्योंकि हम एक क्रिप्टो कंपनी चलाते हैं. हमारा मानना है कि क्रिप्टो से फाइनेंस इंडस्ट्री और कंपनी में फाइनेंशियल इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव हो सकता है. अभी तक हमें प्रस्तावित क्रिप्टोकरेंसी बिल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. सरकार यह समझती है कि क्रिप्टो इंडस्ट्री बहुत बड़ी हो सकती है. वे मुख्यतौर पर निवेशकों को नुकसान पहुंचाने की आशंका वाले भ्रामक विज्ञापनों जैसी चीजों से चिंतित हैं. हमें सरकार को क्रिप्टो के फायदे और नुकसान के बारे में बताने और इंडस्ट्री को खुला रखने के साथ इसके गलत इस्तेमाल से बचने में उनकी मदद करने की जरूरत है.

हमें उम्मीद है कि प्रस्तावित बिल इंडस्ट्रीज और क्रिप्टो निवेशकों के लिए सकारात्मक होगा. क्रिप्टो को स्वीकृति मिलना ही हम सभी के लिए एक बड़ी उपलब्ध है. क्रिप्टो रेगुलेशन पर एक बिल लाना सरकार के लिए भी मुश्किल है क्योंकि हर दिन एक बिल्कुल नया कॉन्सेप्ट सामने आता है. एक रेगुलेशन बनाने का मतलब ऐसा बिल लाना है जो न केवल अभी बल्कि पांच वर्ष बाद भी कारगर होगा. बिल में क्रिप्टो को एक वर्ग में रखा जा सकता है और यूजर्स की सुरक्षा और इनोवेशन को बढ़ावा देने में मदद के लिए एक चरणबद्ध तरीके से क्रिप्टो को रेगुलेट किया जा सकता है.अगर क्रिप्टो पर बैन लगता है तो क्या होगा?

क्रिप्टो पर पूरी तरह बैन लगना टेक्नोलॉजी के नजरिए से काफी मुश्किल है क्योंकि प्रत्येक चीज आपस में जुड़ी है. एक्सचेंजों या क्रिप्टो को बैन करना समाधान नहीं है. इसके संचालन के लिए रूपरेखा बनाना एक आदर्श समाधान हो सकता है. अगर बैन लगाया जाता है तो सरकार को यह सोचना होगा कि खुदरा निवेशकों ने क्रिप्टो में 6 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है.

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पब्लिक और प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के बीच क्या अंतर है?

आशीषः पब्लिक और प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज सरकार की क्रिप्टो के लिए व्याख्या है. इस बारे में हमारे पास अभी तक कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है. यह व्याख्या पूरी तरह हमारी है – पब्लिक ब्लॉकचेन में इकोसिस्टम में यूजर हिस्सा ले सकता है और इंफ्रास्ट्रक्चर में एक बदलाव कर सकता है. प्राइवेट ब्लॉकचेन कुछ एंटिटीज के बीच बनाई गई एक ब्लॉकचेन हो सकती है. सरकार की समझ एक ब्लॉकचेन को जारी करने पर आधारित हो सकती है, पब्लिक और प्राइवेट कंपनियों को स्वीकृति देने के तरीके के समान.

क्या अभी क्रिप्टो को खरीदना, रखना या बेचना चाहिए?

आशीषः इस प्रश्न का उत्तर देना बहुत मुश्किल है. मार्केट में अभी काफी अनिश्चितता है. हमने अभी तक प्रस्तावित क्रिप्टो बिल नहीं देखा है. हमारे अनुभव से हम जानते हैं कि सरकार में लोग क्रिप्टो को अब सकारात्मक नजरिए से देख रहे हैं. हालांकि, कुछ आशंकाएं भी हैं. मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि अपना फैसला खुद करें लेकिन आपका फैसला इस पर आधारित नहीं होना चाहिए कि कल क्या हुआ था. हमें उम्मीद है कि हमारे पास और जानकारी होगी जिससे निवेशक एक समझदारी वाला फैसला ले सकें. हमें तथ्यों के सामने आने का इंतजार करना होगा और तब आप अपना फैसला कर सकते हैं.

(अस्वीकरण : Coinswitch, NDTV नेटवर्क पर एक एडवर्टाइजर है)

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