
- असम के शिवसागर जिले में एक नवजात बच्चे को 50 हजार रुपये में बेचने का मामला सामने आया है. मां ने ही किया था अपने बच्चे का सौदा.
- नवजात बच्चे की मां ने बिना शादी के बच्चे को जन्म दिया था. सिविल अस्पताल में दो आशा कार्यकर्ताओं की मदद से बच्चे को बेचने का आरोप है.
- पुलिस ने नवजात बच्चे की मां, उसकी मां, चाची, दो आशा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है. बच्चा खरीदने वाले दंपति को हिरासत में लिया गया है.
असम में एक नवजात बच्चे को 50 हजार रुपये में बेचने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. पुलिस ने इस मामले में बच्चे की मां और दो आशा वर्कर्स समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. बच्चा खरीदने वाले दंपति को भी हिरासत में लिया गया है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि आशा कार्यकर्ताओं पर इससे पहले भी नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त में शामिल होने का शक है.
छुट्टी मिलने से पहले ही बेच दिया बच्चा
पुलिस सूत्रों का कहना है कि नवजात को बेचने से पहले ही चाइल्ड वेलफेयर कमिटी को इस मामले की जानकारी मिल गई थी. कमिटी के सदस्यों ने अस्पताल जाकर युवती को समझाने की कोशिश की कि वह अपने नवजात बच्चे को न बेचे. लेकिन इसके बावजूद बच्चे का सौदा कर दिया गया. युवती के अस्पताल से डिस्चार्ज होने से पहले ही बच्चे को बेच दिया गया. जिस दंपति को बच्चा बेचा गया, वो चराइदेव जिले में सपेखाती के रहने वाले हैं. उनके कोई संतान नहीं है.
दो आशा वर्कर समेत 5 गिरफ्तार
घटना की जानकारी मिलने के बाद डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट की तरफ से शिवसागर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नवजात की मां, उसकी मां, चाची और दो आशा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. जिस दंपति ने बच्चा खरीदा था, उसे भी हिरासत में लिया गया है. बच्चे को भी बरामद कर लिया गया है.
पहले भी नवजात बच्चे बेचने का शक
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस पूरे मामले में आशा कार्यकर्ताओं की मिलीभगत सामने आ रही है. वो इससे पहले भी इस तरह से नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त को अंजाम दे चुकी हैं. पुलिस को शक है कि नवजात बच्चों को खरीदने-बेचने के इस गोरखधंधे में कई और आशा कार्यकर्ता शामिल हो सकती हैं. उनकी तलाश की जा रही है.
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