
फाइल फोटो
नई दिल्ली:
14 मैच में 248 रन सिर्फ़ 19.07 का औसत, 16 करोड़ में दिल्ली की टीम को युवराज सिंह से आईपीएल सीज़न-8 में बस इतना ही मिल पाया।
आईपीएल की नीलामी में सबसे ज़्यादा सुर्खियां बटोरने वाले युवराज सिंह अपने प्रदर्शन के वजह से हालांकि कुछ खास सुर्खियां नहीं बटोर पाए। अपनी कीमत और प्रदर्शन की बातों से तंग आकर युवराज सिंह ने एक मैच के बाद यहां तक कह दिया कि उन्होंने किसी से अपने लिए इतनी कीमत नहीं मांगी थी, उन्हें जो मिली उसे उन्होंने बस स्वीकार किया है।
युवराज की बात सही भी लगती है। खासकर जब लीग मैचों के बाद दिल्ली की टीम के सीईओ ने ये बयान दिया कि 'युवराज की कीमत खेल ने नहीं, बल्कि बाज़ार ने तय की थी, यानी दिल्ली युवराज के खेल के साथ-साथ उनके ब्रांड को भी भुनाने के लिए इतनी बड़ी कीमत देने को तैयार था।
लेकिन ऐसा नहीं कि आईपीएल में युवराज सिंह की नाकामी कुछ नई हो। अभी तक 8 सीज़न हो चुके हैं और किसी भी सीज़न में युवराज ने 400 रन को पार नहीं किया।
वहीं सुरेश रैना ने इस सीज़न से पहले लगातार सात सीज़न 400 रनों के पार बनाकर इस फॉर्मेट में अपने हुनर को साबित किया है।
तो आखिर दिल्ली ने युवराज पर इतना पैसा क्यों लगाया? जानकारों कि मानें तो युवराज सिंह भारत के टॉप पांच ब्रांड्स में से हैं। उस पर अगर कैंसर के बाद उनकी वापसी की बात हो तो फैंस काफी भावुक हो जाते हैं और दिल्ली ने अपनी गिरती फैन फॉलोइंग को थामने के लिए युवराज के इस पहलु का सहारा लेने का प्लान शायद बनाया हो, लेकिन न तो युवराज मैदान पर ही कुछ असरदार रहे न ही दिल्ली की टीम के लिए नतीजे ही बदल पाए। बहस के बीच दिल्ली की टीम ने इस सीज़न युवराज सिंह के हर रन के लिए 8 लाख रुपये चुकाए।
पिछले आठ सीज़न में वह जिस भी टीम से खेले वह कभी ख़िताब जीतने के करीब नहीं पहुंच पाई। इस सीज़न में फिर यह तय हो गया कि वनडे क्रिकेट में युवराज सिंह भले ही विश्व चैंपियन हों, लेकिन आईपीएल में उन्हें कामयाबी हासिल करने में अभी काफी वक्त है।
आईपीएल की नीलामी में सबसे ज़्यादा सुर्खियां बटोरने वाले युवराज सिंह अपने प्रदर्शन के वजह से हालांकि कुछ खास सुर्खियां नहीं बटोर पाए। अपनी कीमत और प्रदर्शन की बातों से तंग आकर युवराज सिंह ने एक मैच के बाद यहां तक कह दिया कि उन्होंने किसी से अपने लिए इतनी कीमत नहीं मांगी थी, उन्हें जो मिली उसे उन्होंने बस स्वीकार किया है।
युवराज की बात सही भी लगती है। खासकर जब लीग मैचों के बाद दिल्ली की टीम के सीईओ ने ये बयान दिया कि 'युवराज की कीमत खेल ने नहीं, बल्कि बाज़ार ने तय की थी, यानी दिल्ली युवराज के खेल के साथ-साथ उनके ब्रांड को भी भुनाने के लिए इतनी बड़ी कीमत देने को तैयार था।
लेकिन ऐसा नहीं कि आईपीएल में युवराज सिंह की नाकामी कुछ नई हो। अभी तक 8 सीज़न हो चुके हैं और किसी भी सीज़न में युवराज ने 400 रन को पार नहीं किया।
वहीं सुरेश रैना ने इस सीज़न से पहले लगातार सात सीज़न 400 रनों के पार बनाकर इस फॉर्मेट में अपने हुनर को साबित किया है।
तो आखिर दिल्ली ने युवराज पर इतना पैसा क्यों लगाया? जानकारों कि मानें तो युवराज सिंह भारत के टॉप पांच ब्रांड्स में से हैं। उस पर अगर कैंसर के बाद उनकी वापसी की बात हो तो फैंस काफी भावुक हो जाते हैं और दिल्ली ने अपनी गिरती फैन फॉलोइंग को थामने के लिए युवराज के इस पहलु का सहारा लेने का प्लान शायद बनाया हो, लेकिन न तो युवराज मैदान पर ही कुछ असरदार रहे न ही दिल्ली की टीम के लिए नतीजे ही बदल पाए। बहस के बीच दिल्ली की टीम ने इस सीज़न युवराज सिंह के हर रन के लिए 8 लाख रुपये चुकाए।
पिछले आठ सीज़न में वह जिस भी टीम से खेले वह कभी ख़िताब जीतने के करीब नहीं पहुंच पाई। इस सीज़न में फिर यह तय हो गया कि वनडे क्रिकेट में युवराज सिंह भले ही विश्व चैंपियन हों, लेकिन आईपीएल में उन्हें कामयाबी हासिल करने में अभी काफी वक्त है।
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