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This Article is From Jan 10, 2015

सुरेश रैना : टेस्ट में भारत का सबसे नाकाम ‘सुपरस्टार’

सुरेश रैना : टेस्ट में भारत का सबसे नाकाम ‘सुपरस्टार’
फाइल फोटो
नई दिल्ली:

सिडनी टेस्ट में चेतेश्वर पुजारा की कीमत पर सुरेश रैना को मौका मिला, लेकिन उन्होंने सबसे ज़्यादा निराशा किया। रैना टेस्ट की दोनों पारियों में अपना खाता नहीं खोल पाए। उनके टेस्ट करियर में यह दूसरा मौका है, जब वे किसी टेस्ट की दोनों पारियों में खाता नहीं खोल पाए।

इससे पहले अगस्त, 2011 में इंग्लैंड खेले गए ओवल टेस्ट की दोनों पारियों में सुरेश रैना अपना खाता नहीं खोल पाए थे, हालांकि ओवल टेस्ट में सुरेश रैना का प्रदर्शन कहीं बेहतर था, क्योंकि तब दोनों पारियों में शून्य बनाने के लिए उन्होंने कुल 42 गेंदों का सामना किया था, लेकिन सिडनी टेस्ट की दोनों पारियों में सुरेश रैना महज चार गेंदों के भीतर शून्य पर आउट हो गए।

पहली पारी में तो पहली ही गेंद पर शेन वॉटसन ने उन्हें पवेलियन भेज दिया, वहीं दूसरी पारी में वे तीसरी गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हुए। भारतीय क्रिकेट में टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज़ों से सुरेश रैना महज दूसरे ऐसे बल्लेबाज़ हैं, जो अपने करियर में दो बार दोनों पारियों में खाता नहीं खोल पाए। उनसे पहले मोहिंदर अमरनाथ भी अपने टेस्ट करियर में दो बार दोनों पारियों में खाता नहीं खोल पाए थे, लेकिन मोहिंदर अमरनाथ 69 टेस्ट के करियर में दो बार दुर्भाग्यपूर्ण रहे, हालांकि जब वे अपने करियर में दूसरी बार दोनों पारियों में खाता नहीं खोल पाए थे, तो वह उनका 42वां टेस्ट था, लेकिन सुरेश रैना महज 18 टेस्ट में ही दो बार किसी टेस्ट की दोनों पारियों में खाता नहीं खोल पाए हैं।

दरअसल, सुरेश रैना भारतीय क्रिकेट में टेस्ट मैचों में नाकामी का दूसरा नाम बनते जा रहे हैं। एक तो 2005 से ही वनडे टीम में नियमित तौर पर शामिल रहे सुरेश रैना टेस्ट मैचों में अब तक अपनी जगह सुनिश्चित नहीं कर पाए हैं। दूसरी ओर 2008 से टीम में आए विराट कोहली टेस्ट टीम के कप्तान भी बन गए हैं।

इसकी सबसे बड़ी वजह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस सीरीज़ में भी नजर आई. एक ओर विराट कोहली ने चार टेस्ट मैचों की आठ पारियों में 692 रन ठोक दिए। वहीं सुरेश रैना अब तक अपने करियर में 18 टेस्ट मैचों की 31 पारियों में महज 768 रन बना पाए हैं। सुरेश रैना का ये हाल तब है जब उन्होंने अपने टेस्ट करियर के पहली ही पारी में जोरदार शतक बनाया था। श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में 2010 में खेले गए डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में सुरेश रैना ने 120 रन ठोके थे। करियर की दूसरी पारी में 62 और तीसरी पारी में रैना के नॉट आउट 41 रन थे। चौथी टेस्ट पारी में उन्होंने 86 रन बनाए थे।

पांचवीं पारी में उन्होंने पहली बार शून्य बनाया और उसके बाद 31 टेस्ट पारियों तक पहुंचने में सुरेश रैना आठ बार शून्य पर ही आउट हो चुके हैं। जाहिर है, 200 से ज्यादा वनडे खेल चुके सुरेश रैना का टेस्ट करियर शुरू होने से पहले ही खत्म होने की राह पर है और इसके लिए खुद सुरेश रैना के अलावा कोई दूसरा जिम्मेदार नहीं है।

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