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This Article is From Aug 20, 2018

हरफनमौला हार्दिक पंड्या ने अपने बचपन के कोच के प्रति इस तरह जताया था सम्‍मान...

हरफनमौला हार्दिक पंड्या ने अपने बचपन के कोच के प्रति इस तरह जताया था सम्‍मान...
हार्दिक ने नॉटिंघम टेस्‍ट के दूसरे दिन शानदार गेंदबाजी करते हुए पांच विकेट हासिल किए
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
ऑस्‍ट्रेलिया दौरे के बाद अपने कोच की भेंट की थी कार
बचपन के कोच जितेंद्र सिंह को कार के शोरूम लेकर गए थे
कोहली भी अपने कोच राजकुमार शर्मा को भेंट कर चुके हैं कार
मुंबई:

टैटू, कानों के डायमंड स्टड और आलोचकों के प्रति बेपरवाही कुछ ऐसी चीजें हैं जो विराट कोहली एवं टीम इंडिया के हरफनमौला हार्दिक पंड्या के व्यक्तित्व में समान हैं. इनके अलावा भी दोनों में एक समानता और है जो उनके बचपन के कोच के साथ उनका जुड़ाव है. ये दोनों खिलाड़ी मानते हैं कि खेल की दुनिया में उन्‍हें जो भी ऊंचाई मिली है, उसमें कोच का अहम योगदान है. अपने करियर में कोच के योगदान को उन्‍होंने अनूठे तरीके से सम्‍मान दिया. विराट ने अपने कोच राजकुमार शर्मा को 'गुरुदक्षिणा' में होंडा सिटी कार भेंट की थी, उसी तरह हार्दिक ने भी ऑस्‍ट्रेलिया के दौरे के बाद अपने कोच जितेंद्र को कार भेंट की थी. गौरतलब है कि इंग्‍लैंड के खिलाफ नॉटिंघम टेस्‍ट में कल दूसरे दिन हार्दिक ने पहली बार अपने टेस्‍ट करियर में पारी में पांच विकेट लिए. उनकी गेंदबाजी की बदौलत टीम इंडिया, इंग्‍लैंड की पहली पारी को 161 रन के छोटे से स्‍कोर पर समेटने में सफल रही.  

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कुछ साल पहले विराट के बड़े भाई विकास, विराट के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा के घर गए और उन्हें एक चमचमाती होंडा सिटी कार की चाबी सौंपी. इसके बाद विकास ने अपने छोटे भाई यानी विराट की कोच से बात कराई थी. कोच राजकुमार शर्मा उस समय हैरान रह गए जब विराट ने उन्‍हें शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दीं. भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े खिलाड़ी बन चुके विराट से इस तरह का स्नेह पाकर कोच राजकुमार भावविभोर हो गए. विराट की ही तरह 2016 में ऑस्ट्रेलिया के अपने पहले दौरे से लौटने के बाद  हार्दिक पंड्या अपनी अकादमी गए. अकादमी में वह अपने कोच जितेंद्र सिंह से मिले और उन्हें सीधा कार के एक शोरूम ले गए और उन्हें एक नई कार भेंट की.

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जितेंद्र ने उस दिन को याद करते हुए कहा, ‘हार्दिक ऑस्ट्रेलिया के दौरे के बाद मुझसे मिलने आया था. उसे तब पहली बार भारतीय टीम में लिया गया था. वह मुझे कार के एक शोरूम ले गया, जहां उसने और क्रुणाल (हार्दिक के बड़े भाई) ने मुझे एक कार भेंट की.’बचपन में नटखट स्वभाव के रहे हार्दिक और बड़े भाई क्रुणाल ने भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर किरण मोरे की अकादमी में प्रशिक्षण लिया था. हार्दिक के पिता हिमांशु ने सोमवार को कहा, ‘मैं मूल रूप से सूरत का रहने वाला हूं. लेकिन बड़ौदा में क्रिकेट से जुड़ी सुविधा बेहतर होने के कारण मैंने अपने परिवार के साथ वहां जाकर रहने का फैसला किया क्योंकि हम तब क्रुणाल के क्रिकेट के बारे में सोच रहे थे. क्रुणाल ने किरण मोरे की अकादमी में प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया और सात साल का हार्दिक उसके साथ अकादमी जाने लगा. किरण सर (मोरे) ने उससे अपनी अकादमी में आने के लिए कहा और मेरे बच्चों से कोचिंग का शुल्क भी नहीं लिया.’ कोच जितेंद्र ने पुरानी यादें ताजा करते हुए कहा, ‘एक बार अंडर-19 के एक मैच में हमारी टीम में केवल एक ही तेज गेंदबाज था क्योंकि बाकी सभी बड़ौदा के लिए रणजी और अंडर-23 टूर्नामेंट में खेल रहे थे. हार्दिक लेग स्पिनर था. मैंने हार्दिक से नई गेंद से चमक खत्म करने के लिए लक्ष्य बनाकर गेंद डालने को कहा.’ कोच ने बताया, 'हार्दिक ने एक पारी में पांच विकेट लिए. वह दूसरे छोर से गेंदबाजी कर रहे तेज गेंदबाज से भी ज्यादा असरदार साबित हुआ. सनत कुमार सर ने भी उस दौरान हर्दिक को देखा और उसे तेज गेंदबाजी ही करने की सलाह दी.’ जितेंद्र ने कहा, ‘उसी सत्र में हार्दिक को बड़ौदा के लिए टी20 में खेलने का मौका मिला जहां उसने शानदार प्रदर्शन किया और फिर कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा.’ (इनपुट: भाषा)

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