
Virat Kohli Test retirement: विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है. कोहली के टेस्ट से संन्यास के बाद एक विराट युग का अंत हुआ है. कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को नया जीवन अपने खेल और अपने व्यवहार से दिया था. वर्तमान में आज टेस्ट क्रिकेट में जो इजाफा हुआ है उसका पूरा श्रेय किंग कोहली को जाता है. कोहली नीरस और बेरंग टेस्ट मैच में भी अपने एटीट्यूड से रंग भर देते थे. युवा फैन टेस्ट मैच को देखने के लिए उत्साहित रहते थे. कोहली भले ही दस हजार टेस्ट रन से चूक गए लेकिन उनके खेल को विश्व क्रिकेट कभी भी नहीं भूल पाएगा. कोहली का रिकॉर्ड अपने आप में बहुत बड़ा है. वह जब भी सीधे खड़े होकर जेब में हाथ डालकर विरोधियों को घूरते हैं.. या इशारा करते हैं तो क्रिकेट का रोमांच अपने चरम पर होता था.

कोहली विदेशी धरती पर भी काफी आक्रमक अंदाज में दिखे थे, यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया में जाकर कोहली ने अपने आक्रमक एटीट्यूड से विरोधियों को जो परेशान किया, उसकी याद आज भी फैन्स के जेहन में हैं. आक्रामक, चहकने वाला, विरोधी खिलाड़ी के सामने आकर आंख दिखाने वाला.. ऐसे गुण जो ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों में नजर आता था वह गुण कोहली में भी दिखता था. यही कारण था कि ऑस्ट्रेलियाई फैन्स और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी उनके एटीट्यूड से डरते थे. ऐसे में जानते हैं उन खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में जाकर विरोधियों को परेशान और हैरान कर दिया था.
सर जेफ्री बॉयकॉट ( ऑस्ट्रेलिया में 19 टेस्ट, दो शतक, 10 अर्धशतक, औसत 45.03)
सर जेफ्री बॉयकॉट भी ऐसे क्रिकेटरों में रहे जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में जाकर अपना लोहा मनवाया. क्रिकेट के प्रति उनकी सेवा के लिए उन्हें नाइट की उपाधि दी गई. कमेंट्री बॉक्स में, वे "ही इज रूबेश" या "दैट्स रूबेश" कहने के लिए जाने जाते हैं. यॉर्कशायर के बारे में उनकी बेबाकी कई बार काफी मजेदार होती थी. . 8000 से ज़्यादा टेस्ट रन बनाने वाले खिलाड़ी को आउट करना मुश्किल होता था.
सुनील गावस्कर (ऑस्ट्रेलिया में 11 टेस्ट, एक शतक, पांच अर्धशतक, औसत 51.11)
सुनील गावस्कर भी ऐसे क्रिकेटर रहे जो अपने एटीट्यूड के लिए जाने गए. ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट के दौरान एलबीडब्लू आउट दिए जाने पर उन्होंने अपनी टीम को मैदान से बाहर ले जाने की धमकी दी.. और ऑस्ट्रेलियन को खूब परेशान किया. गावस्कर 10,000 रन, 30 टेस्ट शतक और 50 से अधिक औसत बनाने वाले पहले बल्लेबाज थे, उस समय जब विंडीज के गेंदबाज सबसे खतरनाक थे, उस दौर में गावस्कर ने इतने सारे रन बनाए हैं.
जावेद मियांदाद (16 टेस्ट, दो शतक, सात अर्धशतक, औसत 38.07)
जावेद मियांदाद एक प्रसिद्ध स्लेजर थे जिनसे ऑस्ट्रेलियाई भी डरते थे. जावेद मियांदाद ने डीके लिली को अपने बल्ले से मारने की धमकी दी..मियांदाद ने ऑस्ट्रेलिया में 16 टेस्ट खेले और कुल दो शतक लगाए, उनके नाम ऑस्ट्रेलिया में 7 अर्धसतक जमाने का रिकॉर्ड दर्ज है. ऑस्ट्रेलिया में मियांदाद निडर होकर खेलते थे. गेंदबाजों को उन्होंने अपनी करिश्माई बल्लेबाजी से काफी परेशान किया है.

विराट कोहली ( ऑस्ट्रेलिया में 18 टेस्ट, सात शतक, चार अर्धशतक, औसत 52.44)
विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया में जाकर अपनी जो ठाठ दिखाई उसे देख खिलाड़ी ही नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलियाई फैन्स भी हैरान था. हर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज को गुस्से में देखकर स्लेजिंग करना, उनके सामने जाकर आंख दिखाना, कोहली के इस एटीट्यूड ने ऑस्ट्रेलिया में हंगामा बरपा दिया था. र मिच जॉनसन सहित हमारे दूसरे ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों के खिलाफ पूरी तरह से सहज और आक्रमक रूख अपनाकर बल्लेबाजी करना उन्हें सर्वेश्रेष्ठ बनाता है. आज जब कोहली ने टेस्ट से रिटायरमेंट लिया है को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया भी उन्हें सलाम कर रहा है.

केविन पीटरसन ( ऑस्ट्रेलिया में 15 टेस्ट, दो शतक, छह अर्धशतक, औसत 45.76)
अकड़..बहादुरी.. बेवकूफी भरा हेयरकट. गेंदबाजों को बिना किसी कारण के रोकना.. अपने अंदाज में गेंदबाजों को स्लेज करना..केविन पीटरसन ने अपने इस एटीट्यूड से इंग्लैंड क्रिकेट में फ्लेवर लेकर आए थे. ऑस्ट्रेलियाई मीडिया भी कोहली की तरह पीटरसन कोलेकर काफी बातें करता था. लेकिन पीटरसन ने अपने खेल से ऑस्ट्रेलियाई टीम को खूब परेशान किया.
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