
भारत ने अंडर-19 विश्व कप फाइनल (U 19 CWC) तक पहुंचने के लिए सब कुछ किया. टीम फाइनल में पहुंची भी. फाइनल तक पहुंचने के सफर में जब टीम की बल्लेबाजी विफल हुई तो उसके गेंदबाजों ने मैच जिताया और जब गेंदबाज असफल रहे तो उसके बल्लेबाजों ने मैच जिताया, लेकिन फाइनल में जाकर टीम की किस्मत उससे रूठ गई. फाइनल का दिन किसी भी भारतीय खिलाड़ी का दिन नहीं था और शायद रही कारण रहा कि टीम को बांग्लादेश के हाथों तीन विकेट से हार झेलकर खिताब गंवाना पड़ा. बांग्लादेश किसी भी स्तर पर पहली बार आईसीसी विश्व कप (Unde-19 World cup) जीतने में कामयाब रहा. वहीं, भारत का रिकॉर्ड पांचवीं बार चैंपियन बनने का सपना टूट गया. भारत ने इससे पहले 2000, 2008, 2012 और 2018 में यह खिताब अपने नाम किया था. दक्षिण अफ्रीका में अपने खिताब बचाओ अभियान की शुरुआत करने से पहले भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज खेली और विश्व कप की तीन अन्य टीमों के खिलाफ भी मैच खेले. इन मैचों में भारत ने अपने मध्यक्रम में तिलक वर्मा, सिद्धेश वीर और ध्रुव जुरेल के बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर दोनों सीरीज भी जीती. चलिए हम आपको बतातें कि किन दस गलतियों के चलते भारत हारा.
Not Acceptable In Cricket.
— CricketMAN (@Man4Cricket) February 10, 2020
Bangladesh And India Player fight After #U19CWCFinal. 'Shameful' pic.twitter.com/wvrMRtldxq
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1. विश्व कप में ग्रुप चरण के मैचों को छोड़ दिया जाए तो नॉकआउट चरण में भारत का मध्यक्रम असफल रहा. क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की मध्यक्रम की विफलता सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ पता नहीं चल पाई क्योंकि भारत ने इस मैच में पाकिस्तान को 10 विकेट से हरा दिया था.
2. फाइनल में नंबर चार से लेकर नंबर सात तक बल्लेबाजों ने केवल 32 रनों का योगदान दिया. मतलब यह कि भारतीय मिड्ल और लोअर ऑर्डर सबसे बड़ी जरूरत के मौके पर पूरी तरह से नाकाम रहा.
3. इसी के चलते भारत फाइनल में पहले बैटिंग करते हुए ऐसा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रहा, जो बांग्लादेशियों पर दबाव बनाने में सफल रहता. भारत केवल 177 रन ही बना सका और यह बांग्लादेश के लिए नाकाफी साबित हुआ.
Seniors are right now cheering from New Zealand..
— Rohit Sharma™ (@Ro45FC_) February 9, 2020
Come on India..#INDvBAN #U19CWCFinal pic.twitter.com/P92e9r0QD8
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4. अगर फाइनल में टॉस को बॉस करार दिया जाए, तो यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा. घटादार मौसम में टॉस ने बांग्लादेश को फायदा पहुंचाया और शुरुआती में पिच से अच्छी खासी बाउंस तो मिली ही, उसके गेंदबाजों को हवा में अच्छी स्विंग भी मिली. नतीजन शुरुआती ओवरों में भारतीय बल्लेबाज बहुत ही धीमा खेले और रन तेजी से नहीं आ सके.
5. बांग्लादेशी गेंदबाजों खासकर सीमरों ने बहुत ही शानदार गेंदबाजी की. उनकी गेंदों की लंबाई, दिशा और टप्पे से साफ साबित हुआ कि गेंदबाजों के पास एक स्पष्ट प्लान था. वे अपने वर्क को लेकर पूरी तरह स्पष्ट थे और बांग्लादेश कोचिंग डिपार्टमेंट की योजना गेंदबाजी विभाग में इक्कीस साबित हुई. वास्तव में, भारत को इस टूर्नामेंट में द्रविड़ जैसे कद्दावर प्लानर और कोच की कमी खली.
6. भारत को ठोस शुरुआत नहीं मिल सकी, तो वहीं कप्तान प्रियम गर्ग भी इस बड़े मौके पर बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे.
400 runs from 6 games
— BCCI (@BCCI) February 9, 2020
4 fifties and a hundred
Hundred in the semi-final
88 in the final
3 wickets with the ball #TeamIndia's Yashasvi Jaiswal bagged the Player of the Tournament award at the #U19CWC. pic.twitter.com/PwiOkMqLh4
7. भारतीय गेंदबाजों ने जरूरत के मौके पर अच्छी गेंदबाजी नहीं की. उनकी गेंदबाजी से साफ लगा कि बॉलरों खासकर सीमरों के पास कोई प्लान नहीं था. धीमी पिच पर बहुत ज्यादा बाउंसर, शॉर्ट पिच गेंदबाजी की गई, तो बल्लेबाजों को कट व पुल करने के लिए भी काफी जगह दी गई.
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8. भारत ने कम स्कोर के बावजूद 33 रन एक्स्ट्रा दिए. कुछ बदनसीबी से भी आए, लेकिन ये आए. कुल मिलाकर बांग्लादेश ने 19.41 प्रतिशत रन अतिरिक्त रनों के रूप में बटोरे. फाइनल में 33 रन एक्सट्रा खर्च करना उसे काफी महंगा पड़ गया, जिसके कारण वह अपने खिताब का बचाव नहीं कर पाया.
9. भारत ने एक समय 102 रन तक बांग्लादेश के छह विकेट आउट कर दिए थे और उसके पास बांग्लादेश के ऊपर दबाव बनाने का अच्छा मौका था. लेकिन कप्तान प्रियम द्वारा सही से अपने गेंदबाजों का इस्तेमाल न करना टीम के लिए घातक साबित हुआ.
No matter the result, Team India has still made us proud at the U19 Cricket World Cup.
— Jay Shah (@JayShah) February 9, 2020
You were exceptional through out the series.
Well played boys! #INDvBAN pic.twitter.com/1lgsQT7KLX
10. प्रियम उस समय बिश्नोई को लेकर आए जब उनके केवल तीन ओवर ही बचे थे और बांग्लादेशी बल्लेबाज विकेट पर अपनी नजरें जमा चुके थे. बिश्नोई ने टूर्नामेंट में सर्वाधिक 17 विकेट लिए. वहीं, कप्तान प्रियम डकवर्थ लुइस नियम से भी पूरी तरह से अवगत नहीं थे. जब आप किसी स्कोर का बचाव कर रहे होते हैं तो आपको डकवर्थ लुइस नियम को भी अपने दिमाग में रखना पड़ता है. मैच में जब एक समय बारिश आ गई थी, उससे पहले बांग्लादेश की टीम डकवर्थ लुइस नियम के तहत भी काफी आगे थी.
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