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This Article is From Jan 04, 2016

अंडर-19 वर्ल्‍डकप में टीम इंडिया के इन दो क्रिकेटरों के प्रदर्शन पर होगी सबकी नजर

अंडर-19 वर्ल्‍डकप में टीम इंडिया के इन दो क्रिकेटरों के प्रदर्शन पर होगी सबकी नजर
अंडर-19 वर्ल्‍डकप में भारतीय टीम के सदस्‍य राहुल बॉथम
नई दिल्‍ली: मिडिल क्‍लास परिवार में जन्‍मे इन दोनों क्रिकेटरों का खेल के प्रति जुनून एक जैसा है। इसके बल पर ही ये  अंडर-19 वर्ल्‍डकप के लिए भारतीय टीम में स्‍थान बनाने में कामयाब रहे हैं। इन दोनों युवा खिलाडि़यों की समानता यहीं खत्‍म नहीं होती। दोनों ही तेज गेंदबाज की हैसियत से टीम में शामिल हुए हैं और मध्‍य प्रदेश से संबंध रखते हैं।

यही नहीं, भोपाल के राहुल बॉथम और इंदौर के अवेश खान ने क्रिकेट की बारीकियां इंटरनेशनल प्‍लेयर अमय खुरासिया से ही सीखीं है। दरअसल, अमय पिछले 8 साल से स्टेट अकादमी के चीफ हैं, यह अकादमी मप्र  में क्रिकेट का टैलेंट तलाशकर इसे निखारने का काम कर रही है।

बल्‍लेबाजी में भी कम नहीं हैं राहुल
टीम इंडिया में भोपाल के राहुल बॉथम ने आलराउंडर के रूप में स्‍थान बनाया है। दाएं हाथ से बल्‍लेबाजी और गेंदबाजी करने वाले राहुल करीब तीन साल से अकादमी में अमय से ट्रेनिंग ले रहे हैं। इससे पहले उन्‍होंने भोपाल में जेपी त्‍यागी से क्रिकेट की बारीकियां सीखीं। लोअर मिडिल क्‍लास से संबंध रखने वाले राहुल नंबर सात पर बल्‍ले से टीम के लिए कई बार महत्‍वपूर्ण योगदान कर चुके हैं। वे कहते हैं, 'मैं इस मुकाम तक पहुंचा तो इसमें मेरे परिवार खासकर पापा का योगदान है।' राहुल के पिता गैस एजेंसी में गोदाम इंचार्ज हैं। श्रीलंका में हुई त्रिकोणीय सीरीज में राहुल ने तीन मैच खेलकर छह विकेट लिए और निचले क्रम पर बल्‍ले से भी अच्‍छा योगदान दिया।

'संतुलित है हमारी टीम'
जूनियर वर्ल्‍डकप में टीम की संभावनाओं के बारे में पूछने पर राहुल कहते हैं, 'हमारी टीम बेहद संतुलित हैं। उम्‍मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में कामयाब रहे तो तो वर्ल्‍डकप भी जीत सकते हैं। टीम में  ऋषभ पंत, रिकी भोई, अरमान जाफर, सरफराज और कप्‍तान ईशान किशन जैसे अच्‍छे बल्‍लेबाज हैं तो अवेश, खलील अहमद जैसे तेज गेंदबाज भी हैं। स्पिन के विभाग में मयंक डागर और जीशान से काफी उम्‍मीदें हैं। दौरे में द्रविड़ से क्‍या सीखने को मिला, इस पर राहुल ने कहा, 'द्रविड़ सर हमेशा पाजिटिव रहते हैं। मानसिक मजबूती के मामले में हमने उनसे काफी कुछ सीखा है। दबाव की स्थिति का किस तरह से सामना करना चाहिए, इस बारे में उन्‍होंने हमें काफी बताया है।'

भविष्‍य के खिलाड़ी माने जा रहे अवेश
 

दूसरी ओर, 19 साल के अवेश खान 135-140 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद फेंकते हैं। महज 19 वर्ष के गठीले शरीर के इस क्रिकेटर का नाम तब सुर्खियों में आया जब इन्‍होंने बांग्‍लादेश की जूनियर टीम के खिलाफ महज चार रन देकर चार विकेट लिए। इस गेंदबाजी की बदौलत भारतीय टीम इस मैच को आसानी से जीतने में कामयाब रही थी। एक ही स्‍पीड से गेंद फेंकने वाले अवेश को भविष्‍य का खिलाड़ी माना जा रहा है। इस 'खास' मैच के बारे में वे कहते हैं, 'इस मैच में मैंने पहली ही गेंद पर विकेट लिया था। लो स्‍कोर के इस मैच में हम ऐसी ही शुरुआत की उम्‍मीद कर रहे थे। इस सफलता के बाद आत्‍मविश्‍वास बढ़ा और अच्‍छी गेंदबाजी करते हुए हमने बांग्‍लादेश को बैकफुट पर ला दिया। इस मैच में बल्‍ले से भी योगदान देते हुए मैंने 25 रन बनाए थे।'

गेंदबाजी में शमी और मोर्केल पसंद
छह फुट दो इंच के अवेश के पिता रियल एस्‍टेट से जुड़े हैं जबकि मां हाउस वाइफ हैं। संयुक्‍त परिवार में पले-बढ़े अवेश के परिवार में कुल 27 लोग हैं। श्रीलंका में हाल ही में हुई त्रिकोणीय सीरीज के अपने अनुभव के बारे में उन्‍होंने बताया कि कोच राहुल द्रविड़ ने रोटेशन नीति के तहत लगभग सभी खिलाडि़यों को खेलने का मौका दिया था। अवेश को तीन मैच खेलने का मौका मिला। शुरू के दो मैच में कोई विकेट नहीं मिला, लेकिन तीसरे मैच में दो विकेट लेने में कामयाब रहे। अवेश खेल में किसी को आदर्श नहीं मानते लेकिन मो, शमी, मोर्ने मार्केल और डेल स्‍टेन की गेंदबाजी को पसंद करते हैं। अमय खुरासिया के मार्गदर्शन में खेल में आए सुधार के बारे में उन्‍होंने कहा, 'आज जो कुछ भी हूं, अमय सर की बदौलत हूं। स्‍लो और ग्रीन विकेट पर किस तरह की गेंदबाजी करना चाहिए, इस बारे में उनसे काफी सीखा। शुरू में लाइन-लेंथ पर मेरा नियंत्रण नहीं रहता था। उन्‍होंने मेरे एक्‍शन में थोड़ा बदलाव किया जिसके बाद मैं बेहतर गेंदबाज बनकर उभरा हूं।'

दोनों की अपनी-अपनी खूबियां : अमय
अवेश और राहुल के बारे में बीसीसीआई की अकादमी के इनके कोच अमय कहते हैं, इन दोनों की अपनी-अपनी खूबियां हैं। राहुल बॉथम के पास भले ही अवेश जैसी स्‍पीड नहीं है, लेकिन उसकी वह बेहद फिट है और एक ही लाइन-लेंथ पर लंबे स्‍पैल फेंकने में सक्षम है। अपनी बल्‍लेबाजी से भी वह टीम के लिए उपयोगी साबित होता है। अवेश के बारे मे उन्‍होंने कहा, स्‍पीड हमेशा से ही उसका प्‍लस पइंट रही है। वह ऐसा गेंदबाज है जो एक स्‍पैल में ही मैच को खत्‍म करने की क्षमता रखता है।

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