
युवराज सिंह ( फाइल फोटो )
नई दिल्ली:
'सिक्सर किंग' कहे जाने वाले युवराज सिंह का श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय और टी-20 टीम में चयन नहीं हुआ है. भारत के तरफ से 302 एकदिवसीय मैच खेल चुके युवराज सिंह की अब एकदिवसीय टीम में वापसी मुश्किल दिख रही है.एक समय ऐसा था जब युवराज सिंह टीम इंडिया का सबसे बेहतरीन मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज माने जाते थे. तेजी से रन बनाने के लिए मशहूर युवराज सिंह कई मैचों में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने बलबूते पर टीम इंडिया को जीत दिलवा चुके हैं. 2011 में भारत ने 28 साल के बाद वर्ल्ड कप जीतने का गौरव हासिल किया था. युवराज सिंह इस वर्ल्ड कप में 9 मैचों में 362 रन बनाए थे और “मैन ऑफ़ सीरीज” भी बने.
टीम वापसी के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था : युवराज सिंह की ज़िंदगी काफी संघर्ष पूर्ण रही, लेकिन फिर भी एक हीरो की तरह वह ज़िंदगी की जंग से लड़ते रहे और जीते भी. कई बार ख़राब फॉर्म से उन्हें जूझना पड़ा. वह जब अपने करियर के अच्छे फॉर्म में वह थे, तब उन्हें लंग कैंसर हुआ, लेकिन फिर भी वह इस कैंसर से लड़ते हुए पूरी तरह ठीक हुए और क्रिकेट के मैदान पर लौटे. इस बीमारी की वजह से करीब एक साल युवराज को क्रिकेट से दूर रहना पड़ा. जब वापस आए, तब वे उस फॉर्म में नहीं थे. आईपीएल से लेकर रणजी ट्रॉफी तक युवराज फ्लॉप हो रहे थे, लेकिन युवराज हार मानने वाले नहीं थे. एक तरफ अपनी फिटनेस बनाए रखते थे तो दूसरी तरफ फॉर्म में वापसी के लिए काफी मेहनत करते थे. घरेलू मैच में काफी अच्छे प्रदर्शन के वजह से कैंसर से पूरी तरह ठीक होने के बाद युवराज सिंह ने 11 सितंबर 2012 को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टी-20 मैच खेला. फिर उनको टेस्ट और एकदिवसीय टीम में मौक़ा मिला था.
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2019 के वर्ल्ड कप को देखते हुए टीम की तैयारी : टीम इंडिया के चयन कर्ता अब 2019 में इंग्लैंड में होने वाले वर्ल्ड कप को देखते हुए टीम की तैयारी में लगे हुए हैं. अब टीम में उन खिलाडियों को मौका मिल रहा है जो अच्छा प्रदर्शन कर करने के साथ-साथ युवा भी है. युवराज सिंह का उम्र अब 36 साल है और 2019 वर्ल्ड कप तक वो 38 साल के हो जाएंगे. ऐसे में वह अपने आप को कितना फिट रख पाते हैं यह देखने वाली बात होगी. अगर पिछले कुछ मैचों पर नज़र डाला जाए तो युवराज सिंह का प्रदर्शन इतना ख़राब भी नहीं रहा है. अंतर्राष्ट्रीय मैचों में वापसी करने के बाद युवराज 11 पारियों में 41.33 के औसत से 372 रन बनाए हैं जिस में एक शानदार शतक और एक अर्धशतक भी शामिल है. लेकिन अब दूसरे खिलाड़ी युवराज से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.
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दूसरे खिलाड़ियों का अच्छा प्रदर्शन : एक समय ऐसा था जब युवराज और सुरेश रैना टीम इंडिया का सबसे बेहतरीन मिडिल आर्डर बल्लेबाज माने जाते थे.अगर इन दोनों में से कोई चोटिल हो जाता था तब टीम की हालत ख़राब हो जाती थी. इन दोनों की कोई रिप्लेसमेंट भी मुश्किल था लेकिन अब ऐसे हालात नही हैं. टीम में ऐसे कई मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज है जो शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. मनीष पांडेय, अजिंक्ये रहाणे और केएल राहुल शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. केएल राहुल एक ऐसे बल्लेबाज हैं जो पारी की शुरुआत भी कर सकते हैं और जरुरत पड़ने पर वह मिडिल आर्डर में बल्लेबाजी भी कर सकते हैं. ऐसा ही जिम्मेदारी अजिंक्ये रहाणे भी निभाते हैं. राहुल ने अपनी बल्लेबाजी से सबका दिल जीता है. अब तक सिर्फ छह एकदिवसीय मैच खेलते हुए राहुल ने 55 के औसत से 220 रन बनाए हैं जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल है. मनीष पांडेय का प्रदर्शन भी शानदार रहा है. मनीष को जब-जब मौका मिला उन्होंने अच्छे प्रदर्शन किए है. मनीष 12 मैचों में 43.50 के औसत से 261 रन बनाए हैं जिस में एक शतक और एक अर्धशतक शामिल हैं.
Video : युवराज सिंह का क्या होगा
ऑल राउंडर के रूप में हार्दिक पांड्या का अच्छा प्रदर्शन: सबसे बड़ी बात यह है मौजूदा समय में मनीष सबसे बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं. हाल ही में साउथ अफ्रीका में हुए ट्राई सीरीज में इंडिया-ए के तरफ से पांच मैच खेलते हुए 307 रन बनाए थे जिसमें तीन अर्धशतक शामिल थे. पांचों में से चार मैच में मनीष नॉट आउट थे. एकदिवसीय मैचों में रहाणे का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है. एक सवाल यह भी उठ सकता है कि एक ऑलराउंडर के रूप में भी युवराज का इस्तेमाल हो सकता था. लेकिन टीम में हार्दिक पंड्या जैसा शानदार ऑल राउंडर मौजूद है. पांड्या तेजी से रन बनाने के लिए जाने जाते हैं. पांड्या ने 17 एकदिवसीय मैच खेलते हुए करीब 41 की औसत से 289 रन बनाए हैं और पांड्या का स्ट्राइक रेट 135 के करीब है. पांड्या 17 मैचों में 19 विकेट लेने में भी कामयाब हुए हैं.
टीम वापसी के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था : युवराज सिंह की ज़िंदगी काफी संघर्ष पूर्ण रही, लेकिन फिर भी एक हीरो की तरह वह ज़िंदगी की जंग से लड़ते रहे और जीते भी. कई बार ख़राब फॉर्म से उन्हें जूझना पड़ा. वह जब अपने करियर के अच्छे फॉर्म में वह थे, तब उन्हें लंग कैंसर हुआ, लेकिन फिर भी वह इस कैंसर से लड़ते हुए पूरी तरह ठीक हुए और क्रिकेट के मैदान पर लौटे. इस बीमारी की वजह से करीब एक साल युवराज को क्रिकेट से दूर रहना पड़ा. जब वापस आए, तब वे उस फॉर्म में नहीं थे. आईपीएल से लेकर रणजी ट्रॉफी तक युवराज फ्लॉप हो रहे थे, लेकिन युवराज हार मानने वाले नहीं थे. एक तरफ अपनी फिटनेस बनाए रखते थे तो दूसरी तरफ फॉर्म में वापसी के लिए काफी मेहनत करते थे. घरेलू मैच में काफी अच्छे प्रदर्शन के वजह से कैंसर से पूरी तरह ठीक होने के बाद युवराज सिंह ने 11 सितंबर 2012 को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टी-20 मैच खेला. फिर उनको टेस्ट और एकदिवसीय टीम में मौक़ा मिला था.
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2019 के वर्ल्ड कप को देखते हुए टीम की तैयारी : टीम इंडिया के चयन कर्ता अब 2019 में इंग्लैंड में होने वाले वर्ल्ड कप को देखते हुए टीम की तैयारी में लगे हुए हैं. अब टीम में उन खिलाडियों को मौका मिल रहा है जो अच्छा प्रदर्शन कर करने के साथ-साथ युवा भी है. युवराज सिंह का उम्र अब 36 साल है और 2019 वर्ल्ड कप तक वो 38 साल के हो जाएंगे. ऐसे में वह अपने आप को कितना फिट रख पाते हैं यह देखने वाली बात होगी. अगर पिछले कुछ मैचों पर नज़र डाला जाए तो युवराज सिंह का प्रदर्शन इतना ख़राब भी नहीं रहा है. अंतर्राष्ट्रीय मैचों में वापसी करने के बाद युवराज 11 पारियों में 41.33 के औसत से 372 रन बनाए हैं जिस में एक शानदार शतक और एक अर्धशतक भी शामिल है. लेकिन अब दूसरे खिलाड़ी युवराज से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.
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दूसरे खिलाड़ियों का अच्छा प्रदर्शन : एक समय ऐसा था जब युवराज और सुरेश रैना टीम इंडिया का सबसे बेहतरीन मिडिल आर्डर बल्लेबाज माने जाते थे.अगर इन दोनों में से कोई चोटिल हो जाता था तब टीम की हालत ख़राब हो जाती थी. इन दोनों की कोई रिप्लेसमेंट भी मुश्किल था लेकिन अब ऐसे हालात नही हैं. टीम में ऐसे कई मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज है जो शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. मनीष पांडेय, अजिंक्ये रहाणे और केएल राहुल शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. केएल राहुल एक ऐसे बल्लेबाज हैं जो पारी की शुरुआत भी कर सकते हैं और जरुरत पड़ने पर वह मिडिल आर्डर में बल्लेबाजी भी कर सकते हैं. ऐसा ही जिम्मेदारी अजिंक्ये रहाणे भी निभाते हैं. राहुल ने अपनी बल्लेबाजी से सबका दिल जीता है. अब तक सिर्फ छह एकदिवसीय मैच खेलते हुए राहुल ने 55 के औसत से 220 रन बनाए हैं जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल है. मनीष पांडेय का प्रदर्शन भी शानदार रहा है. मनीष को जब-जब मौका मिला उन्होंने अच्छे प्रदर्शन किए है. मनीष 12 मैचों में 43.50 के औसत से 261 रन बनाए हैं जिस में एक शतक और एक अर्धशतक शामिल हैं.
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ऑल राउंडर के रूप में हार्दिक पांड्या का अच्छा प्रदर्शन: सबसे बड़ी बात यह है मौजूदा समय में मनीष सबसे बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं. हाल ही में साउथ अफ्रीका में हुए ट्राई सीरीज में इंडिया-ए के तरफ से पांच मैच खेलते हुए 307 रन बनाए थे जिसमें तीन अर्धशतक शामिल थे. पांचों में से चार मैच में मनीष नॉट आउट थे. एकदिवसीय मैचों में रहाणे का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है. एक सवाल यह भी उठ सकता है कि एक ऑलराउंडर के रूप में भी युवराज का इस्तेमाल हो सकता था. लेकिन टीम में हार्दिक पंड्या जैसा शानदार ऑल राउंडर मौजूद है. पांड्या तेजी से रन बनाने के लिए जाने जाते हैं. पांड्या ने 17 एकदिवसीय मैच खेलते हुए करीब 41 की औसत से 289 रन बनाए हैं और पांड्या का स्ट्राइक रेट 135 के करीब है. पांड्या 17 मैचों में 19 विकेट लेने में भी कामयाब हुए हैं.
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