अहमदाबाद:
भारतीय टीम चार मैचों की टेस्ट शृंखला में इंग्लैंड से बदला चुकता करने की कोशिश करेगी, जिसका पहला मैच गुरुवार को खेला जाएगा।
इस शृंखला को भारत के लिए ‘बदला चुकता करने की शृंखला’ कहा जा रहा है, क्योंकि उन्हें जुलाई-अगस्त में इंग्लैंड के दौरे पर 0.4 से व्हाइटवाश का मुंह देखना पड़ा था और घरेलू हालातों में स्पिनरों की मदद से टीम बदला चुकता करना चाहेगी।
इंग्लैंड ने करीब 28 वर्षों से भारत में टेस्ट शृंखला नहीं जीती है और दुनिया की दूसरी नंबर की टीम के लिए इस चलन को बदलना काफी मुश्किल होगा।
तेज गेंदबाज स्टीवन फिन की पैर की चोट के कारण उनका अभियान कमजोर जरूर हुआ है, जो धीमी पिचों पर भी भारतीय बल्लेबाजों को परेशानी में डाल सकते थे। इस 6 फुट 7 इंच के तेज गेंदबाज की जांघ में मुंबई में दौरे के शुरुआती अभ्यास मैच के पहले दिन मांसपेशियों में खिंचाव हो गया था। भारतीय तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा को भी वायरल बुखार है, लेकिन वह जहीर खान और उमेश यादव की मौजूदगी में अंतिम एकादश की दौड़ में नहीं थे। इन दोनों गेंदबाजों के नई गेंद से शुरुआत करने की उम्मीद है।
अशोक डिंडा को शर्मा के कवर के तौर पर बुलाया गया है, लेकिन वह जहीर या यादव के सामने अंतिम एकादश से बाहर ही रहेंगे। भारत का मुख्य हथियार प्रज्ञान ओझा, आर अश्विन और अनुभवी हरभजन सिंह की ‘स्पिन तिकड़ी’ होगी। हरभजन को एक साल से ज्यादा समय बाद टीम में शामिल किया गया है। ऑफ स्पिनर अश्विन और बाएं हाथ के स्पिनर ओझा ने अपने उभरते करियर में कुछ ही टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन साबित कर दिया है कि वे मददगार घरेलू परिस्थितियों में अच्छी गेंदबाजी कर सकते हैं।
अश्विन ने पिछले साल वेस्टइंडीज के खिलाफ और इस साल अगस्त में न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछली दो घरेलू श्रृंखलाओं में मैन आफ द सीरीज पुरस्कार अपने नाम किये थे। इस दौरान ओझा ने भी उनका पूरा साथ निभाया है।
इंग्लैंड के बल्लेबाजों, जिसमें वापसी करने वाले केविन पीटरसन भी शामिल हैं, ने श्रृंखला के लिये अच्छी तैयारी की है, हालांकि वे शीर्ष स्तरीय स्पिनर के खिलाफ नहीं खेले हैं।
हरियाणा के खिलाफ अ5यास मैच में टेस्ट टीम से बाहर हो चुके अमित मिश्रा के कुछ ओवरों को छोड़कर मेहमान टीम ने काम चलाउ या घरेलू स्पिनरों का ही सामना किया है।
मेहमान टीम का बल्लेबाजी लाइन अप भी अच्छा है जिसकी अगुवाई कप्तान एलिस्टेयर कुक कर रहे हैं और इसमें जोनाथन ट्राट, पीटरसन, इयान बेल और समित पटेल शामिल हैं। ये सभी टर्निंग गेंद का बखूबी सामना करते हैं।
बेल को छोड़कर सभी ने अभ्यास मैचों में शतक जमाये हैं। अश्विन और ओझा इस मजबूत लाइन-अप के खिलाफ कितनी अच्छी गेंदबाजी करते हैं, यही भारत की सफलता की कुंजी होगी।
इस शृंखला को भारत के लिए ‘बदला चुकता करने की शृंखला’ कहा जा रहा है, क्योंकि उन्हें जुलाई-अगस्त में इंग्लैंड के दौरे पर 0.4 से व्हाइटवाश का मुंह देखना पड़ा था और घरेलू हालातों में स्पिनरों की मदद से टीम बदला चुकता करना चाहेगी।
इंग्लैंड ने करीब 28 वर्षों से भारत में टेस्ट शृंखला नहीं जीती है और दुनिया की दूसरी नंबर की टीम के लिए इस चलन को बदलना काफी मुश्किल होगा।
तेज गेंदबाज स्टीवन फिन की पैर की चोट के कारण उनका अभियान कमजोर जरूर हुआ है, जो धीमी पिचों पर भी भारतीय बल्लेबाजों को परेशानी में डाल सकते थे। इस 6 फुट 7 इंच के तेज गेंदबाज की जांघ में मुंबई में दौरे के शुरुआती अभ्यास मैच के पहले दिन मांसपेशियों में खिंचाव हो गया था। भारतीय तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा को भी वायरल बुखार है, लेकिन वह जहीर खान और उमेश यादव की मौजूदगी में अंतिम एकादश की दौड़ में नहीं थे। इन दोनों गेंदबाजों के नई गेंद से शुरुआत करने की उम्मीद है।
अशोक डिंडा को शर्मा के कवर के तौर पर बुलाया गया है, लेकिन वह जहीर या यादव के सामने अंतिम एकादश से बाहर ही रहेंगे। भारत का मुख्य हथियार प्रज्ञान ओझा, आर अश्विन और अनुभवी हरभजन सिंह की ‘स्पिन तिकड़ी’ होगी। हरभजन को एक साल से ज्यादा समय बाद टीम में शामिल किया गया है। ऑफ स्पिनर अश्विन और बाएं हाथ के स्पिनर ओझा ने अपने उभरते करियर में कुछ ही टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन साबित कर दिया है कि वे मददगार घरेलू परिस्थितियों में अच्छी गेंदबाजी कर सकते हैं।
अश्विन ने पिछले साल वेस्टइंडीज के खिलाफ और इस साल अगस्त में न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछली दो घरेलू श्रृंखलाओं में मैन आफ द सीरीज पुरस्कार अपने नाम किये थे। इस दौरान ओझा ने भी उनका पूरा साथ निभाया है।
इंग्लैंड के बल्लेबाजों, जिसमें वापसी करने वाले केविन पीटरसन भी शामिल हैं, ने श्रृंखला के लिये अच्छी तैयारी की है, हालांकि वे शीर्ष स्तरीय स्पिनर के खिलाफ नहीं खेले हैं।
हरियाणा के खिलाफ अ5यास मैच में टेस्ट टीम से बाहर हो चुके अमित मिश्रा के कुछ ओवरों को छोड़कर मेहमान टीम ने काम चलाउ या घरेलू स्पिनरों का ही सामना किया है।
मेहमान टीम का बल्लेबाजी लाइन अप भी अच्छा है जिसकी अगुवाई कप्तान एलिस्टेयर कुक कर रहे हैं और इसमें जोनाथन ट्राट, पीटरसन, इयान बेल और समित पटेल शामिल हैं। ये सभी टर्निंग गेंद का बखूबी सामना करते हैं।
बेल को छोड़कर सभी ने अभ्यास मैचों में शतक जमाये हैं। अश्विन और ओझा इस मजबूत लाइन-अप के खिलाफ कितनी अच्छी गेंदबाजी करते हैं, यही भारत की सफलता की कुंजी होगी।
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