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टेंबा बवुमा ने किया खुलासा, जीत नहीं पा रहे थे कंगारू खिलाड़ी, तो सालों पुराने दर्द से लगे चिढ़ाने

Temba Bavuma Reveals Australian Team Sledging: टेंबा बवुमा ने खुलासा करते हुए बताया है कि कंगारू खिलाड़ी मैच के दौरान उन्हें चोकर्स कहकर चिढ़ा रहे थे.

टेंबा बवुमा ने किया खुलासा, जीत नहीं पा रहे थे कंगारू खिलाड़ी, तो सालों पुराने दर्द से लगे चिढ़ाने
Temba Bavuma

Temba Bavuma Reveals Australian Team Sledging: ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मैदान में छींटाकशी करने के लिए पूरी दुनिया में सरनाम हैं. 11 जून से 14 जून के बीच खेले गए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में भी वह अपनी आदत से बाज नहीं आए. विजेता टीम के कप्तान टेंबा बवुमा ने बड़ा खुलासा किया है. उनका कहना है कि जब वह और एडन मार्करम मैदान में जीत के लिए संघर्ष कर रहे थे. उस दौरान विपक्षी टीम की तरफ से उन्हें चोकर्स के टैग की याद दिलाई गई. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया कि पहले की अपेक्षा कंगारू खिलाड़ी मैदान में अब कम बकवास कम करते हैं.

35 वर्षीय कप्तान ने कहा, 'पिछले सालों में ऑस्ट्रेलिया के साथ खेलना थोड़ा अलग रहा है. अब मैदान में वह पहले की तरह ज्यादा नहीं बोलते हैं. वे अभी भी अपनी बॉडी लैंग्वेज के जरिए आक्रामक होने की कोशिश करते हैं. उनके पास हुनर भी है, लेकिन अब मैदान में पहले की तरह बकवास नहीं करते हैं. निसंदेह उन्होंने आज सुबह हमें चोकर्स कहा. उनके एक खिलाड़ी ने कहा कि हम अब भी 60 रन के अंदर ढेर हो सकते हैं. मैंने साफतौर पर ये शब्द सुना.'

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा मगर मार्करम की बातों ने मुझे लक्ष्य से भटकने नहीं दिया. बवुमा ने कहा, 'हर ओवर के बाद एडन कह रहा था क्रीज पर जमे रहो. हमें टिके रहना है. उन्हें वापसी का कोई मौका नहीं देना है. इसलिए ज्यादा बकवास नहीं हुई. बस एकाध बार उन्होंने कुछ शब्द कहे.'

प्रोटियाज को क्यों कहा जाता है चोकर्स? 

प्रोटियाज को क्यों कहा जाता है चोकर्स? लोग अक्सर इसका जवाब जानने के लिए उत्सुक रहते हैं. अगर आपका भी यही सवाल है तो उसका जवाब हम लेकर आए हैं. क्रिकेट के इतिहास में अफ्रीकी टीम WTC से पहले केवल एक बार वह 1998 में आईसीसी का कोई खिताब जीत पाई थी. इसके बाद से कई ऐसे मौके बने जब लगा कि वह खिताब को अपने हाथ में उठा सकते हैं. मगर ऐसा नहीं हो सका. 

टीम ने 1998 के बाद से आईसीसी टूर्नामेंट्स के 12 क्वार्टर फाइनल, 2 सेमीफाइनल और एक फाइनल मुकले खेले गए. इस दौरान हर मुकाबलों में उन्हें नाकामयाबी हाथ लगी. जिसके बाद उन्हें चोकर्स कहा जाने लगा. मगर अब उन्होंने WTC का अवॉर्ड अपने नाम करते हुए इस भ्रम को तोड़ दिया है. 

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