
Indian Cricket: भारतीय क्रिकेट में कुछ क्रिकेटर ऐसे हुए हैं जिनका करियर समय रहते खत्म हो गया, चाहे वो इरफान पठान हों या फिर विनोद कांबली. इन दो क्रिकेटरो के अलावा कई और भारतीय क्रिकेटर हैं जिन्हें अपने करियर में ज्यादा खेलना था लेकिन किसी कारण वश करियर को आगे नहीं बढ़ा पाए. खासकर विनोद कांबली और श्रीसंत ऐसे भारतीय क्रिकेटर रहे हैं जिनके पास काफी सारा टैलेंट था लेकिन अपनी गलती के कारण करियर को बड़ा नहीं बना सके. वहीं. भारतीय क्रिकेट में एक ऐसा क्रिकेटर भी हुआ है जिसने कोई गलती नहीं की बल्कि साथी क्रिकेटर की गलती के कारण उनका करियर खत्म हो गया. वो क्रिकेटर कोई और नहीं बल्कि 50-60 दशक के मशहूर भारतीय लेग स्पिनर सुभाष गुप्ते (Subhash Gupte) थे. सुभाष गुप्ते (Subhash Gupte) ने अपने करयर में भारत की ओर से 36 टेस्ट मैच खेले और इस दौरान 149 विकेट लेने में सफल रहे. सुभाष गुप्ते (Subhash Gupte) के बारे में एक बार वेस्टइंडीज के महान क्रिकेटर सर गैरी सोबर्स ने कहा था कि आजतक अपने जीवन में उन्होंने गुप्ते के जैसा लेग स्पिनर नहीं देखा था.
Birth of India's First World Class Leg Spinner#OnThisDay in 1929, Subhash Gupte was born, played 36 Tests (149 wickets)
— Cricketopia (@CricketopiaCom) December 11, 2017
Sobers: "Warne's a great bowler but the best leg-spinner I've ever seen is still Gupte. He could do things that I still don't believe all these years later" pic.twitter.com/lJ90a6ldPB
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में एक पारी में 10 विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज
साल 1954-55 में सुभाष गुप्ते ने बंबई की ओर से खेलते हुए पाकिस्तान कम्बाइंड सर्विसेज एंड बहावलपुर इलेवन के खिलाफ उन्होंने गजब की गेंदबाजी की थी. ब्रेबोर्न स्टेडियम में खेले गए इस मैच में गुप्ते ने 78 रन देकर पूरे 10 विकेट चटकाए थे. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में एक पारी में 10 विकेट लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बने थे. सुभाष गुप्ते के द्वारा बनाया गया यह रिकॉर्ड बाद में प्रेमांगसु चटर्जी (Premangsu Chatterjee) ने तोड़ा था. साल 1956-57 में प्रेमांगसु चटर्जी ने बंगाल की ओर से खेलते हुए असम के खिलाफ मैच में एक पारी में 20 रन देकर 10 विकेट लिए थे.
कैच छूटने के कारण कुंबले से पहले एक पारी में 10 विकेट लेने में रहे असफल
साल 1958 में वेस्टइंडीज की टीम भारत दौरे पर आई थी, इस दौरान वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए कानपुर टेस्ट में सुभाष गुप्ते ने अपनी गेंदबाजी से कमाल किया और पारी में 9 विकेट झटके. बता दें कि गु्प्ते के पास एक पारी में 10 विकेट लेने का मौका था लेकिन भारतीय विकेटकीपर नरेश तम्हाणे के हाथों से वेस्टइंडीज बल्लेबाज लांस गिब्स का कैच छूट गया था. यदि विकेटकीपर कैच लेने में सफल हो जाते तो कुंबले से पहले पारी में 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड बना चुके होते सुभाष गुप्ते
...and perhaps Indian cricket's best untold story on why Subhash Gupte failed to make the cut for the 1962 tour of West Indies
— Cricketwallah (@cricketwallah) May 31, 2010
साथी क्रिकेटर की गलती के कारण भारतीय टीम से हुए बाहर
साल 1961 में इंग्लैंड की टीम भारत के दौर पर आई थी. इसी दौरान दिल्ली टेस्ट मैच के दौरान बारिश के कारण जब चौथे और पांचवें दिन खेल नहीं हो पाया तो भारतीय क्रिकेट दिल्ली के होटल में सुस्ता रहे थे. जिस होटल के कमरे में सुभाष ठहरे थे उसी कमरे में क्रिकेटर एजी कृपाल (A. G. Kripal Singh) भी रूके हुए थे. क्रिकेटर एजी कृपाल ने कमरे से महिला रिसेप्शनिस्ट को फोन कर डेट पर जाने के लिए पूछा, जिसकी शिकायत होटल के मैनेजर ने टीम मैनेजमेंट को कर दी. इसके बाद दोनों क्रिकेटरों की सुनवाई हुई. बता दें कि उस समय भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष एमए चिदंबरम थे. बोर्ड ने फिर फैसला किया कि दोनों क्रिकेटरों को अगले वेस्टइंडीज दौरे के लिए नहीं चुना जाए.
Subhash Gupte, was suspended in 1961 when his roommate Kripal Singh tried get a date with the hotel's receptionist. pic.twitter.com/UXUg8Lkr1E
— Epicgrams (@Epicgrams) January 3, 2016
बोर्ड ने सुभाष गुप्ते से सवाल किए और कहा कि जब एजी कृपाल ऐसा कर रहे थे तो आपने उन्हें रोका क्यों नहीं. इसपर गुप्ते ने कहा कि मैं ऐसा नहीं कर सकता था, गुप्ते का मानना था कि एजी ने किसी को डेट पर पूछकर कोई अपराध नहीं किया है. सुभाष के जवाब से बोर्ड संतुष्ट नहीं हुआ और दोनों खिलाड़ी को टीम से बाहर कर दिया गया. बता दें कि दिल्ली टेस्ट मैच गुप्ते के करियर का आखिरी टेस्ट मैच साबित हुआ. हालांकि इस विवाद के बाद साथी क्रिकेटर एजी कृपाल को मौका मिला और 1964 तक भारतीय टीम के लिए खेले. सुभाष गुप्ते के साथ घटी यह घटना आज भी भारतीय क्रिकेट में एक विवाद की तरह है.
वेस्टइंडीज की लड़की से की शादी
भारतीय पूर्व लेग स्पिनर ने त्रिनिदाद की महिला कैरोल से शादी की, दोनों के बीच प्यार की शुरूआती वेस्टइंडीज दौरे के लिए हुई, जब सुभाष की मुलाकात सरकारी समारोह में कैरोल से हुई. वहां से दोनों का रोमांच शुरू हुआ. साल 1962 में सुभाष और कैरोल की शादी हुई. भारतीय टीम से अलग होने के बाद सुभाष गुप्ते (Subhash Gupte) वेस्टइंडीज में जाकर बस गए थे. अपनी पूरी लाइफ उन्होंने वेस्टइंडीज में गुजारी. 72 साल की उम्र में गुप्ते का निधन जून 2002 में त्रिनिदाद में हुई. बता दें कि साल 2002 में जब भारतीय टीम वेस्टइंडीज दौरे से वापस लौट रही थी तो गुप्ते की वाइफ ने भारतीय कप्तान गांगुली से कहा था कि 'शायद सुभाष की आत्मा भारतीय टीम के साथ वापस भारत लौटना चाहती थी.'
VIDEO: कुछ दिन पहले विराट ने करियर को लेकर बड़ी बात कही थी.
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