
वेस्टइंडीज दौरे के लिए विराट कोहली (Virat Kohli) के कप्तान के रूप में स्वाभाविक चयन पर सवाल उठाने वाले पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) से पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) ने असहमति जताई है. गावस्कर ने दो दिन पहले मिड-डे में लिखे अपने कॉलम में चयन समिति की तुलना 'लंगड़ी बतख' से की थी. उन्होंने लिखा था कि विराट कोहली को फिर से कप्तान नियुक्त करने के लिए चयन समिति की बैठक होनी चाहिए थी फिर भले ही यह पांच मिनट के लिए होती. गावस्कर ने सवाल किया था कि दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik) जैसे खिलाड़ियों को खराब प्रदर्शन के कारण हटा दिया जाता है जबकि कप्तान को बरकरार रखा जाता है जबकि कप्तान के रूप में कोहली का कार्यकाल वर्ल्डकप तक ही था. गावस्कर के इस लेख के बाद मांजरेकर ने विराट कोहली की कप्तानी और भारतीय चयनकर्ताओं पर उनके सवाल के लिए ट्विटर का सहारा लिया.
कप्तान के रूप में विराट कोहली के स्वाभाविक चयन पर सुनील गावस्कर ने उठाए सवाल..
सुनील गावस्कर पर पलटवार करते हुए मांजरेकर ने लिखा, वर्ल्डकप में भारतीय टीम के प्रदर्शन में कमी नहीं थी. उन्होंने सात मैच जीते और दो हारे.'
Respectfully disagree with Gavaskar Sir with his views on Indian selectors & Virat being retained as capt. No, Ind did not put in a ‘much below par WC performance', they won 7 lost two. Last one very narrowly. And integrity a far more important quality as selector than stature.
— Sanjay Manjrekar (@sanjaymanjrekar) July 29, 2019
मिड-डे में प्रकाशित अपने लेख में गावस्कर ने लिखा था, 'अगर उन्होंने (चयनकर्ताओं ने) वेस्टइंडीज (West Indies Cricket team) दौरे के लिए कप्तान का चयन बिना किसी मीटिंग के लिए कर लिया तो यह सवाल उठता है कि क्या कोहली अपनी बदौलत टीम के कप्तान हैं या फिर चयन समिति की खुशी के कारण हैं.' गावस्कर ने लिखा, 'हमारी जानकारी के मुताबिक उनकी (कोहली) नियुक्ति वर्ल्डकप तक के लिए ही थी. इसके बाद चयनकर्ताओं को इस मसले पर मीटिंग बुलानी चाहिए थी. यह अलग बात है कि यह मीटिंग पांच मिनट ही चलती लेकिन ऐसा होना चाहिए था.'
गावस्कर ने लिखा, 'चयन समिति में बैठे लोग कठपुतली हैं. पुनर्नियुक्ति के बाद कोहली को मीटिंग में टीम को लेकर अपने विचार रखने के लिए बुलाया गया. प्रक्रिया को बाईपास करने से यह संदेश गया कि दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik) को खराब प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर किया गया जबकि वर्ल्डकप के दौरान और उससे पहले कप्तान ने इन्हीं खिलाड़ियों पर भरोसा जताया था और नतीजा हुआ था कि टीम फाइनल में भी नहीं पहुंच सकी.'
वीडियो: विराट कोहली के ऊपर इतना दबाव क्यों?
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