सचिन तेंदुलकर ने वर्ल्ड कप से पहले बल्लेबाजों को दिए टिप्स

फाइल फोटो

मुंबई:

वर्ल्ड कप से पहले चैम्पियन बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने बल्लेबाजों को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की चुनौतीपूर्ण पिचों पर अपनी सफलता का मूलमंत्र बताते हुए कुछ टिप्स दिए हैं।

क्रिकेट के इतिहास के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक तेंदुलकर ने 1992 से 2011 तक छह विश्व कप खेले। सबसे पहले वह 1992 में विश्व कप खेले थे।

उन्होंने आईसीसी के लिए विश्व कप के अपने कॉलम में लिखा, पर्थ और ब्रिसबेन में तेज और उछालभरी पिचें हैं, जिन पर अनुभवहीनता की कलई खुल जाएगी। गेंदबाजों और बल्लेबाजों के लिए गलती की कोई गुंजाइश नहीं होगी। बल्लेबाज अगर तेजी और उछाल को समझते हैं तो गेंदबाजों पर हावी हो सकते हैं।

उन्होंने कहा, गेंदबाजों को इन पिचों पर अच्छी लैंग्थ की गेंद डालनी होगी क्योंकि उसमें चूक होने पर बल्लेबाज फायदा उठा सकते हैं। यदि आप अच्छी लैंग्थ की गेंद डालकर उछाल का फायदा उठाते हैं तो बल्लेबाजों के लिए संकट पैदा हो जाएगा।

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नवंबर 2013 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले तेंदुलकर ने कहा कि बल्लेबाजों को न्यूजीलैंड में चलने वाली तेज हवाओं से सावधान रहना होगा। उन्होंने कहा, न्यूजीलैंड में बल्लेबाज को तेज हवाओं से सावधान रहना होगा। हवाएं इतनी तेज होती हैं कि बल्लेबाज की टाइमिंग पर असर पड़ सकता है। विश्व कप में 45 मैचों में सर्वाधिक 2278 रन बना चुके तेंदुलकर ने 2011 में नौ मैचों में 482 रन बनाए थे।
 
तेंदुलकर ने कहा, न्यूजीलैंड के मैदान पारंपरिक रूप से गोल नहीं हैं। ऑस्ट्रेलिया में एडीलेड ओवल की बाउंड्री प्वाइंट और स्क्वेयर लेग पर छोटी है, लेकिन स्ट्रेट बाउंड्री काफी लंबी है। मेहमान टीम के लिए यह बड़ा फर्क होगा क्योंकि इससे फील्ड पोजिशंस और गेंदबाजी की रणनीतियों पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, ऑस्ट्रेलिया के बड़े मैदानों पर बाउंड्री भी बड़ी है। मुझे याद है कि 1999 की शृंखला में फुल बाउंड्री हुआ करती थी। मैंने बाउंड्री से रिकी पोंटिंग के थ्रो पर चौथा रन दौड़ा था। रिकी की मजबूत भुजाओं से फेंके गए थ्रो के बावजूद हम चार रन दौड़ गए क्योंकि हमें पता था कि गेंद को विकेटकीपर तक पहुंचने में समय लगेगा। उन्होंने कहा, खराब फार्म से जूझ रहे खिलाड़ियों के लिए सर्कल में अतिरिक्त फील्डर चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि स्ट्राइक रोटेट करना कठिन होगा। वहीं अगर फार्म में चल रहे दो बल्लेबाज क्रीज पर हैं तो गेंदबाज के लिए संकट होगा।