
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित वाणिज्यिक मिशन के तहत बुधवार को तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा के लिए रवाना होकर इतिहास रच दिया. रूसी अंतरिक्ष यान के जरिये भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा की अंतरिक्ष यात्रा के 41 साल बाद किसी भारतीय की यह यात्रा हो रही है. कई विलंबों के बाद, अरबपति कारोबारी एलोन मस्क के स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट ने दोपहर 12 बजकर एक मिनट पर एक्सिओम मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों के लेकर फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से आईएसएस के लिए उड़ान भरी. जैसे ही एक्सिओम-4 मिशन के अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी की कक्षा में पहुंचे, हर तरफ से बधाईयां आने लगीं. क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर समेत कई हस्तियों ने अंतरिक्ष मिशन की सराहना की.
सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा,"हम सब इस यात्रा में आपके साथ हैं, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला. भारत के लिए कितना गर्व का क्षण है. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत के हर कोने में हर बच्चे को यह वीडियो देखने को मिले, और ग्रुप कैप्टन शुक्ला और चालक दल की यात्रा का गवाह बने. युवा दिमागों की कल्पना को जगाने के लिए प्रेरणा से अधिक शक्तिशाली कुछ भी नहीं है. जय हिंद, जय भारत!."
हम सब इस सफर में आपके साथ हैं, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला|
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) June 25, 2025
What a proud moment for India, the @IAF_MCC & @isro.
We should ensure every child across every corner of India gets to see this video, and witness Group Captain Shukla and the crew's journey.
There's nothing more… pic.twitter.com/kVbWudqETT
भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन शुक्ला, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की अंतरिक्ष यात्री पूर्व मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन, हंगरी के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपू एवं पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा हैं.
भारत, पोलैंड, हंगरी और अमेरिका में उड़ान का सीधा प्रसारण देखने के लिए आयोजित कार्यक्रमों में एकत्रित परिवार के सदस्य, अनेक शुभचिंतक और अंतरिक्ष प्रेमी उस समय खुशी से झूम उठे, जब रॉकेट फ्लोरिडा के आकाश में उसी स्थान से उड़ा, जहां से जुलाई 1969 में अपोलो-11 मिशन के तहत अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग ने उड़ान भरी थी. नील आर्मस्ट्रांग चंद्रमा पर कदम रखने वाले प्रथम व्यक्ति थे.
ड्रैगन अंतरिक्षयान के धरती से ऊपर 200 किलोमीटर की ऊंचाई पर कक्षा में प्रवेश करने के तुरंत बाद शुक्ला ने कहा,"कमाल की राइड (यात्रा) थी." करीब 28 घंटे की यात्रा के बाद यान के बृहस्पतिवार शाम साढ़े चार बजे आईएसएस पहुंचने की संभावना है. क्रू कैप्सूल के अंदर से कैमरों द्वारा प्रसारित फुटेज में चारों अंतरिक्ष यात्रियों को उनके केबिन में एक-दूसरे के बगल में बैठे हुए देखा गया, तथा वे हेलमेट पहने हुए सफेद और काले रंग के फ्लाइट सूट पहने हुए थे.
लखनऊ में जन्मे 39 वर्षीय शुक्ला अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरने वाले दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं. इससे 41 साल पहले भारत के राकेश शर्मा 1984 में तत्कालीन सोवियत संघ के सैल्यूट-7 अंतरिक्ष स्टेशन के तहत कक्षा में आठ दिन रहे थे. शुक्ला ने कहा,"हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं... यह सिर्फ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की मेरी यात्रा की शुरुआत नहीं है, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है और मेरी इच्छा है कि सभी देशवासी इस यात्रा का हिस्सा बनें."
अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने एक वीडियो संदेश में कहा,"भारत से आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं. चालक दल के लिए- जितना संभव हो सके खिड़की से बाहर देखते हुए समय बिताएं. मजे करो दोस्तों." अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में 14 दिन बिताएंगे और अपने मिशन के दौरान 60 प्रयोग करेंगे.
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