विराट कोहली (फाइल फोटो)
मुंबई:
पूर्व भारतीय कप्तान श्रीकांत को लगता है कि विराट कोहली की हालात के मुताबिक ढलने की क्षमता को देखते हुए वह क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक साबित होंगे। श्रीकांत ने बीती शाम ‘राइट मैनेजमेंट’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि विराट में खुद को ढालने की जो क्षमता है, वह बेहतरीन है।
आप विराट के खेल के प्रति दृष्टिकोण को देख सकते हो, वह खेल के तीनों प्रारूपों में खुद को खूबसूरती से ढालता है। बतौर क्रिकेटर अगर आप पूर्ण क्रिकेटर बनना चाहते हो तो आपको इसकी जरूरत होती है और क्रिकेट आपको यही सिखाता है। चयनकर्ताओं के पूर्व चेयरमैन ने कोहली की ‘कभी न हार मानने की काबिलियत’ की भी प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि वह कभी भी हार नहीं मानता और आगे बढ़कर जूझता है। यही विराट का स्टाइल है। श्रीकांत ने अपने पुराने दिनों की याद करते हुए कपिल देव की नेृतत्व क्षमता की प्रशंसा की। 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य ने कहा कि कपिल देव अलग थे, सुनील गावस्कर बतौर कप्तान पहले परफेक्शन चाहते थे और फिर जीत के लिये आगे बढ़ते थे, लेकिन कपिल देव अलग थे। लेकिन दोनों सकारात्मक थे।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
आप विराट के खेल के प्रति दृष्टिकोण को देख सकते हो, वह खेल के तीनों प्रारूपों में खुद को खूबसूरती से ढालता है। बतौर क्रिकेटर अगर आप पूर्ण क्रिकेटर बनना चाहते हो तो आपको इसकी जरूरत होती है और क्रिकेट आपको यही सिखाता है। चयनकर्ताओं के पूर्व चेयरमैन ने कोहली की ‘कभी न हार मानने की काबिलियत’ की भी प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि वह कभी भी हार नहीं मानता और आगे बढ़कर जूझता है। यही विराट का स्टाइल है। श्रीकांत ने अपने पुराने दिनों की याद करते हुए कपिल देव की नेृतत्व क्षमता की प्रशंसा की। 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य ने कहा कि कपिल देव अलग थे, सुनील गावस्कर बतौर कप्तान पहले परफेक्शन चाहते थे और फिर जीत के लिये आगे बढ़ते थे, लेकिन कपिल देव अलग थे। लेकिन दोनों सकारात्मक थे।
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