
पूर्व सीएजी विनोद राय की अध्यक्षता वाली प्रशासकों की समिति ने कई फैसले लिए हैं (फाइल फोटो)
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प्रशासकों की समिति ने बीसीसीआई में कई बदलाव किए हैं
सौराष्ट्र और बड़ौदा की भी पूर्ण सदस्यता छीन ली गई है
सभी राज्यों को बोर्ड में शामिल किए जाने की बात की जा रही है
लोढा समिति की एक राज्य एक वोट की सिफारिश को मानते हुए सीओए ने इन संघों को लेकर यह फैसला लिया है. नए बदलाव के अनुसार महाराष्ट्र क्रिकेट संघ (एमसीए), गुजरात क्रिकेट संघ को इन दो राज्यों में मौजूद अलग-अलग संघों में से चुना गया है. सभी सरकारी संघों के साथ क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया (सीसीआई), राष्ट्रीय क्रिकेट क्लब (एनसीसी) की भी सदस्यता रद्द कर दी गई है.
बीसीसीआई की वेबसाइट पर जारी किए गए संशोधनों के मुताबिक, "एक राज्य में कई सदस्य होने के कारण पूर्ण सदस्यता वार्षिक तौर पर बदली जाएगी ताकि सिर्फ एक सदस्य ही एक समय पर पूर्ण सदस्य के रूप में अपने वोट का उपयोग कर सके."
बयान में लिखा है, "हर राज्य का प्रतिनिधित्व बीसीसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त संघ ही करेगी और यह संघ बोर्ड की पूर्ण सदस्य होगी. किसी भी समय एक राज्य से एक से ज्यादा संघ बोर्ड की पूर्ण सदस्यता की हकदार नहीं होंगी."
बयान में कहा गया है, "वार्षिक आम सभा या विशेष सभा में प्रत्येक पूर्ण सदस्य को सिर्फ एक वोट ही करने का अधिकार होगा. अस्थायी सदस्य के पास वोट करने का अधिकार नहीं होगा."
70 साल की आयु सीमा के छोड़कर यह साफ है कि बीसीसीआई और राज्य संघों में अलग-अलग नौ साल का कार्यकाल वाली सिफारिश को भी मंजूरी मिल गई है.
नए बदलाव के तहत बीसीसीआई राज्य संघों, अस्थायी सदस्यों और संबद्ध सदस्यों को दिए जाने वाले पैसे की जांच के लिए एक स्वतंत्र ऑडिटर नियुक्त करेगी.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
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