
Karun Nair creates history: जरा सोचिए कि किसी 25 साल के युवा बल्लेबाज को टेस्ट करियर की सिर्फ तीसरी ही पारी में नाबाद तिहरा शतक (303*) के बाद बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए. सिर्फ इसलिए कि अगली चार पारियों में एक अर्द्धशतक भी नहीं बना. सोचिए कि 'सुपर सितारों', 'सितारों' या चहेतों और युवा तिहरे शतकवीर बल्लेबाज के लिए मानक कितने अलग-अलग हैं टीम में चयन या बाहर किए जाने के. 'सात साल के बनवास' और बढ़ती उम्र के सात कैसी मनोदशा रही होगी करुण नायर (Karun Nair) की. हालात कैसे होंगे, जब इस बल्लेबाज को उसके राज्य कर्नाटक रणजी ट्रॉफी टीम से ही बाहर कर दिया गया . पूरी तरह टूट और हार चुके थे नायर! लेकिन आज वह बल्ले के नए बाजीगर हैं. इस 'हार (बनवास के 7 साल और तमाम बातें)' को धता बताकर वह बाजीगर बन हैं! राष्ट्रीय टीम में वापसी की एक नई लकीर खींचने के साथ ही बड़ी मिसाल खड़ी कर दी है करुण नायर ने. शायद ही तिहरे शतक के बाद ऐसी वापसी भारतीय क्रिकेट में कभी देखी गई या कहीं और सुनी गई हो. कम से कम पिछले कुछ दशकों में तो ऐसा नहीं ही सुनने या देखने को मिला, लेकिन यह 'बाजीगरी' इतनी आसान भी नहीं रही. आप इसे कदम-दर कदम जानिए और महसूस कीजिए.
Karun nair 200 great innings ❤️. https://t.co/1GYSxdeFSO pic.twitter.com/bRqw1B3SF5
— Mahesh (@ICTMANTHAN) May 31, 2025
जब कर्नाटक ने भी कर दी रणजी टीम से छुट्टी
यह जुलाई 2022 का का समय था. करुण के लिए यह बहुत ही ज्यादा पीड़ादायक समय था, जब उनके राज्य कर्नाटक ने भी उनको रणजी ट्रॉफी टीम से बाहर कर दिया. इसके बाद करुण भीतर से बुरी तरह टूट चुके थे. लंबा समय घर पर हताशा में गुजरा. करुण ने X भावनात्मक संदेश पोस्ट गिया; 'डियर क्रिकेट मुझे एक मौका और दो.' फिर कड़ी तपस्या शुरू हुई, हर दिन नेट पर करीब तीन घंटे और कम से कम 600 गेंदों की प्रैक्टिस. और यह सिलसिला करीब छह महीने चला. बिना थके,बिना रुके! और कर्नाटक के ठुकराए जाने के करीब 14 महीने बाद नायर ने मानो करुण के 'बल्ले का बाजीगर' बनने की शुरआत हो चुकी थी. परिणाम मिलना शुरू हो गया था.
Dear cricket, give me one more chance.🤞🏽
— Karun Nair (@karun126) December 10, 2022
'कड़ी तपस्या' का फल मिला नायर को
यह साल 2023 था, जब करुण ने इंग्लिश काउंटी नॉर्थम्टनशायर का रुख किया. और उन्होंने पहली तीन पारियों में 78, 150 और 21 का स्कोर किया. नायर ने 10 मैचों में 52.57 के औसत से 736 रन बनाए. इसमें ग्लेमार्गन के खिलाफ एक नाबाद दोहरा शतक भी शामिल था. इस प्रदर्शन ने उन्हें भारत 'ए' टीम में जगह दिलाई. और यहां से करुण ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह कदम दर कदम और प्रदर्शन दर प्रदर्शन आगे बढ़ते गए. औ इस यात्रा के दौरान उन्होंने बड़ा फैसला भी लिया.
बदला राज्य, बदला प्रदर्शन!
इस सीजन में करुण विदर्भ के कप्तान बनकर आए और छा गए. काउंटी जैसा प्रदर्शन उन्होंने रणजी ट्रॉफी के 2023-24 में भी किया. करुण घरेलू क्रिकेट में सातवें नंबर के बल्लेबाज रहे. 10 मैचों की 17 पारियों में 3 शतक और 2 पचासों से 40.58 के औसत से 690 रन बनाकर मानो करुण ने नॉर्थेम्टनशायर के लिए एक साल पहले लगाए गए 'सुर' की आवाज को और ऊंचा कर दिया.
Scoring 752 runs in 7 innings with 5 centuries is nothing short of extraordinary, @karun126. Performances like these don't just happen, they come from immense focus and hard work. Keep going strong and make every opportunity count!
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) January 17, 2025
...और इस प्रदर्शन ने सचिन को भी हिला दिया !
करुण के बल्ले की आग घरेलू वनडे विजय हजारे टूर्नामेंट में और ऊंची चली गई. और उन्होंने टूर्नामेंट में अलग ही इतिहास रच दिया. 9 मैचों की 8 पारियों में 5 शतक औ 1 पचासे से 389.50 के औसत से 779 रन बनाए, तो सचिन तेंदुलकर ने इसे असाधारण करार दिया.वह 6 पारियों में नॉटआउट रहे करुण नायर. और इस औसत पांच शतकों की निरंतरता ने सभी को दांत तले उंगली दबाने पर मजबूर किया था. इतने पर भी करुण के बल्ले की आग शांत नहीं हुई.
...बरकरार रखी रणजी ट्रॉफी में लय
विजय हजारे की आग को नायर ने रेड-बॉल फॉर्मेट में बुझने नहीं दिया. पिछले सीजन में अगर वह नंबर सात बल्लेबाज थे, तो इस साल करुण ने 9 मैचों की 16 पारियों में 49.54 के औसत से 863 रन बनाकर नंबर चार पर रहे. चार शतक और दो अर्द्धशतक से, लेकिन यह प्रदर्शन भी मेगा नीलामी में उन्हें किसी फ्रेंचाइजी को बोली लगाने पर मजबूर नहीं कर सका
नीलामी में बिना बिके रह गए करुण !
विजय हजारे का प्रदर्शन भी मेगा नीलामी में फ्रेंचाइजी के मैनजरों को नहीं पिघला सका. शायद करुण 32 साल के हो चुके थे और फ्यूचर प्लानिंग में फिट नहीं बैठ रहे थे. यही वजह रही कि 50 लाख के बेसिक प्राइस के बावजूद उन पर किसी ने भी दांव नहीं लगाया. मगर इस 'बाजीगर' ने हार नहीं मानी. बीच टूर्नामेंट में दिल्ली कैपिटल्स ने टीम से जोड़ा, तो फिर किस्मत ने अपने ही अंदाज में बहादुर करुण के लिए टीम इंडिया का दरवाजा खोल दिया.
किस्मत ने खोल दिया बहादुर करण का दरवाजा!
इसी साल टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रॉफी जीती, लेकिन न्यूजीलैंड के हाथों साल के आखिर में 3-0 से घर में हार मिली, तो पर्दे के पीछे बहुत कुछ बदलने लगा था.और ऑस्ट्रेलिया दौरे में 1-3 से मिली हार ने मानो पटकथा सुनिश्चित कर दी थी! इंग्लैंड दौरे के लिए टीम इंडिया के ऐलान से पहले रोहित और विराट के संन्यास ने इस पर पुरी तरह मुहर लगा दी. इन दोनों के जाने के बाद समीकरण 360 डिग्री पर बदल चुके थे. इस किस्मत रूपी बदलाव ने करुण नायर के लिए टीम इंडिया का दरवाजा खोल दिया. और अब भारत 'ए' के लिए खेलते हुए इंग्लैंड लॉयन्स के खिलाफ दोहरा शतक जड़कर नायर ने झंडा गाड़ते मानो नई लाइन लिख दी- "क्रिकेट में हारकर जीतने वाले को बाजीगर नहीं, करुण नायर कहते हैं"
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