ब्रिसबेन में खेले गए कार्ल्टन मिड ट्राई सीरीज के दूसरे मैच में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ शिखर धवन तीसरे ही ओवर में आउट हो गए। अब प्रशंसकों की निगाहें पैवेलियन की तरफ थी। कौतुहल था कि क्या उपकप्तान विराट कोहली अपने पसंदीदा नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करने आएंगे? लेकिन आए अंबाटि रायडू।
कोहली नंबर चार पर बल्लेबाज़ी करने आए। सिर्फ़ आठ गेंदों का सामना कर पाए और कार्ल्टन मिड सीरीज़ में भारत को लगातार दूसरी हार का सामना करना पड़ा। आखिर कोहली के बैटिंग ऑर्डर से क्यों छेड़छाड़ की जा रही है? कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के यहां अपने तर्क हैं। 'हमें मध्य और निचले क्रम को मजबूत बनाना है। क्योंकि जडेजा भी टीम में नहीं है। चलो स्टुअर्ट बिन्नी बल्लेबाज़ी कर लेते हैं और की भी। लेकिन जब अक्षर और अश्विन दोनों टीम में होंगे तो नंबर पांच और छह पर मैं और रैना हैं। इसके बाद बल्लेबाज़ी कहां है।', कहते हैं महेन्द्र सिंह धोनी तो ओपनिंग बल्लेबाज़ों की लगातार नाकामी के कारण विराट कोहली के बैटिंग ऑर्डर में तबदीली की जा रही है। पिछली 10 पारियों में कोहली सिर्फ़ दो बार नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी कर पाए हैं। शुक्र है नंबर चार पर इन आठ पारियों में कोहली का औसत गिरा नहीं है।
उन्होंने 57.71 की औसत से 418 रन बनाए हैं। इसमें एक शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। बैटिंग ऑर्डर में बदलाव किए जाने से कोहली के फ़ॉर्म पर तो असर नहीं पड़ता दीख रहा लेकिन टीम को इससे फ़ाएदे के बदले नुकसान हो रहा है। मगर कप्तान और टीम मैनेजमेंट की सोच अलग है।
धोनी का कहना है, 'शुरुआती विकेट जल्दी गिरने पर ही विराट को नंबर-चार पर भेजा जाता है। कोशिश यह ही रहती है कि वे 12वें या 13वें ओवर में ही बल्लेबाज़ी करने जाएं। वहां से भी वह बड़ी साझेदारी कर सकते हैं। दूसरे छोर पर उन्हें दूसरे बल्लेबाज़ों का साथ मिलता है।' लगातार दो हार के बाद टीम मैनेजमेंट के प्रयोगों पर सवाल उठना लाज़िमी है। क्या टीम इंडिया ऐसे तमाम सवालों का जवाब जीत से देगी?
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