
- रोहित ने कहा कि पूर्व कोच द्रविड़ के कार्यकाल में शुरू की गई प्रक्रियाओं ने चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में मदद की
- चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान गौतम गंभीर हेड कोच थे, जबकि राहुल द्रविड़ ने टी20 विश्व कप की तैयारी में योगदान दिया
- रोहित ने बताया कि टीम ने कई सालों तक मेहनत की और सभी खिलाड़ियों ने मिलकर जीत के लिए समर्पण दिखाया
Rohit Sharma's big statement: ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए घोषित वनडे टीम की कप्तानी गंवाने वाले रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने अब बड़ा बयान दिया है. रोहित ने मंगलवार को कहा कि पूर्व कोच राहुल द्रविड़ के कार्यकाल में शुरू की गई प्रक्रियाओं का पालन करने की वजह से भारतीय टीम को चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में मदद मिली. यहां इस तथ्य की अनदेखी नहीं की जा सकती कि चैंपियंस ट्रॉफी में हेड कोच गौतम गंभीर थे. ऐसे में रोहित का यह बयान बहुत बड़ा हो जाता है और इसके अपने ही मायने हैं, जिस पर पूर्व दिग्गजों और मीडिया में बहस छिड़ सकती है. रोहित और राहुल के कार्यकाल में भारत ने 2023 वनडे विश्व कप फाइनल में मिली हार से उबरते हुए 2024 टी20 विश्व कप जीता, लेकिन इसके बाद जब भारतीय टीम ने 2025 चैम्पियंस ट्रॉफी जीती, जो इस दौरान गंभीर बतौर हेड कोच टीम से जुड़ चुके थे.
रोहित ने सीएट क्रिकेट रेटिंग पुरस्कार समारोह के दौरान कहा, 'मुझे वह टीम पसंद है और उसके साथ खेलना भी. हम सभी इस सफर में कई साल से थे. यह एक या दो साल का काम नहीं था. बहुत सालों से काम चल रहा था.' उन्होंने कहा, ‘हम कई बार ट्रॉफी जीतने के बहुत करीब पहुंचे लेकिन जीत नहीं सके. तभी सभी ने तय किया कि हमें कुछ अलग करना होगा और इसे देखने के दो तरीके हैं.'
उन्होंने कहा, ‘हमेशा यही विचार आता है कि ऐसा किया जाए और फिर जाकर वैसा ही किया जाए. यह एक या दो खिलाड़ियों से नहीं हो सकता. हमें चाहिए था कि सभी इस विचार को अपनायें और यह सभी की ओर से अच्छा था.' चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने के लिये एक स्मृति चिन्ह पाने वाले रोहित ने कहा, ‘उस प्रतियोगिता (चैंपियंस ट्रॉफी) में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों ने यह सोचा कि कैसे मैच जीते जाये और कैसे खुद को चुनौती दी जाए. हम आत्मसंतुष्ट न हों तथा किसी भी चीज को हल्के में न लें.'
उन्होंने कहा,‘ जब हम टी20 विश्व कप की तैयारी कर रहे थे तो मुझे और राहुल भाई को इस प्रक्रिया से काफी मदद मिली. हमने उसे चैंपियंस ट्रॉफी में भी बरकरार रखा.' रोहित ने कहा, ‘मुझे जब भी मौका मिला मैने तीनों प्रारूपों में अच्छा खेलने की कोशिश की. मुझे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना पसंद है. वहां क्रिकेट खेलना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. वहां खेलने का काफी अनुभव है तो पता है कि कैसे खेलना है.'
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