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This Article is From Feb 02, 2016

टी-20 : क्‍या कंगारुओं के खिलाफ 'क्लीनस्वीप' से सुलझ गईं टीम इंडिया की मुश्किलें !

टी-20 : क्‍या कंगारुओं के खिलाफ 'क्लीनस्वीप' से सुलझ गईं टीम इंडिया की मुश्किलें !
टीम इंडिया (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाते वक्त टीम इंडिया के पास कुछ ऐसे सवाल थे जिनके जवाब टी-20 वर्ल्ड कप से पहले तलाशने जरूरी थे। यही वजह थी कि टीम में नए खिलाड़ियों को मौका दिया गया। सीरीज में 'क्लीनस्वीप' कर भारतीय टीम ने वतन वापसी कर ली है, लेकिन क्या इसके साथ भारत को सभी सवालों के जवाब भी मिल गए हैं। नजर डालते हैं, भारतीय टीम से जुड़े कुछ ऐसे ही अहम सवालों पर.....

पहला सवाल-फिनिशर कौन
जिस टीम में एमएस धोनी हों, उस टीम में इस तरह का सवाल भी बेमानी लगता है।धोनी भारत ही नहीं, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशरों में शुमार हैं। उनके चेज करते हुए भारतीय जीत में योगदान पर नजर डालें तो पता चलता है कि वे इस दौर के ही नहीं बल्कि ऑल टाइम ग्रेट फिनिशरों में से एक हैं।

चेज़ करते हुए भारतीय जीत में योगदान
            वनडे रिकॉर्ड             टी-20 रिकॉर्ड
मैच             83                       15
रन            2327                     188
औसत         105.77                 47.00
स्ट्राइक रेट    90.47                 130.55
100/50     02/15                     0/0

वनडे हो या टी-20, धोनी किसी से कम नहीं हैं, लेकिन कुछ समय पहले से उन्होंने खुद को इस रोल से अलग करने की मंशा जतानी शुरू कर दी है। धोनी नंबर चार पर बल्लेबाजी करने आने लगे और नंबर 6 या फिर यूं कहें कि फ़िनिशर की जिम्‍मेदारी कभी रहाणे, कभी रायुडु तो कभी रैना को निभानी पड़ी। लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले तक कोई भी फिनिशर की उस जगह की भरपाई नहीं कर सका था। फिर आया ऑस्ट्रेलिया दौरे में 0-4 से पिछड़ रही भारतीय टीम के लिए सीरीज का अंतिम मैच, जिसमें एक खिलाड़ी से फिनिशर बनने की उम्मीद जगी। मनीष पांडेय ने नाबाद शतक लगाकर भारत को दौरे का पहला मैच जिताया तो सुरेश रैना और युवराज सिंह जैसे पुराने दिग्गजों की टी-20 में वापसी से भी टीम को मज़बूती मिली। रैना ने 3 मैचों में 90 की औसत और 152 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए। मतलब साफ है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद अब इस समस्या का समाधान भारत को मिल चुका है।

दूसरा सवाल-कहां है ऑलराउंडर
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वर्ल्‍ड टी-20 को ध्यान में रखकर ऑलराउंडर्स को टीम में शामिल किया गया, लेकिन ऋषि धवन, और गुरकीरत सिंह का 'एक्सपेरीमेंट' पूरी तरह से विफल रहा। वहीं हार्दिक पांड्या का अभी तक टेस्ट नहीं हुआ है, लेकिन तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की जगह भरने के लिए धोनी ने पांड्या पर भरोसा दिखाया है। यही वजह है कि पांड्या को खुद को साबित करने के लिए श्रीलंका के खिलाफ टी-20 टीम में जगह दी गई है। लेकिन सच यही है कि फिलहाल ऑलराउंडर के लिए कप्तान को युवराज, रैना और जडेजा जैसे नामों पर ही निर्भर रहना पड़ा है। मतलब भारतीय टीम की तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की तलाश जारी है।

तीसरा सवाल- डेथ ओवर गेंदबाज़ी
कप्तान धोनी की मानें तो इस बड़ी परेशानी का जवाब आशीष नेहरा की वापसी और खासतौर पर जसप्रीत बुमराह के ज़रिए मिल चुका है। लेकिन दोनों के आंकड़ों पर नजर डालने से तस्वीर ज्यादा साफ होगी। जसप्रीत बुमराह ने 3 टी-20 मैचों में 6 विकेट जरूर लिए लेकिन इकॉनमी करीब 9 की रही (8.95)। दूसरी ओर आशीष नेहरा की इकॉनमी जहां 8 की रही तो उन्हें विकेट केवल दो ही मिले। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि क्या वाकई भारतीय टीम को वर्ल्‍ड टी-20 से पहले अपने सभी सवालों का जवाब मिल गया है। इस पर कप्तान और चयनकर्ताओं को गौर करना होगा।

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