
- मयंक की फील्डिंग पोजीशन ने ध्यान खींचा
- फैंस और कमेंटेटरों के बीच हो रही थी चर्चा
- ...और अब एमसीसी ने दी सफायी
Ind vs Nz 1st Test: न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर में खेले गए पहले टेस्ट मैच में मयंक अग्रवाल ने कुछ ऐसा काम किया था, जिस पर अब क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने किया है. दरअसल कानपुर की पिच पर गेंद टप्पा खाने के बाद काफी ज्यादा नीचे रह रही थी. ऐसे में नजदीकी फील्डिंग कर रहे मयंक अग्रवाल ने नया तरीका इजाद करते हुए घुटनों पर रहते हुए फील्डिंग की. अग्रवाल ने यह रास्ता तब निकाला जब बल्लेबाज के बल्ले के अंदरुनी और बाहरी किनारे छूने के बाद गेंद फील्डरों तक नहीं जा रही थी.
Not sure I've seen this kneel down/both knees on the ground technique of close in fielding employed by Mayank Agarwal.
— Sriranjan Thirumalai (@sambabriza) November 27, 2021
I get it's keeping low, but isn't your mobility seriously compromised in that position?
Dominic Cork on comms said Trescothic used to do it in county cricket pic.twitter.com/edUPwJ0prS
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बस इसी का तोड़ निकालने के लिए मयंक अग्रवाल ने घुटनों पर बैठकर या जोर डालते हुए फील्डिंग करने का फैसला किया. और अब क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था और इसकी संरक्षक एमसीसी के क्रिकेट सलाहकार जॉनी सिंगर ने कहा है क्रिकेट का कोई भी नियम फील्डर को घुटनों पर बैठकर फील्डिंग करने से नहीं रोकता. उन्होंने कहा कि घुटनों पर फील्डिंग करना अब मॉडर्न क्रिकेट में एक आम बात हो चली है. और इस स्थिति को अपनाना गलत नहीं है.
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सिंगर ने एक अखबार के हवाले से कहा कि क्रिकेट नियमों में ऐसा कुछ नहीं है, जो किसी फील्डर को घुटने पर बैठकर फील्डिंग करने से रोकता है. वास्तव में, यह पहलू हालिया क्रिकेट में एक सच्चाई के रूप में सामने आया है. उन्होंने कहा कि घुटनों पर बैठकर फील्डिंग करने की स्थिति औ इसे बरकरार रखना निश्चित तौर पर गलत नहीं है.
Mayank Agarwal is Fielding at strange position#INDvSA #FridayThoughts pic.twitter.com/DfYSkgNHLm
— SportVot (@sportvot) October 4, 2019
घुटनों पर फील्डिंग करना कब नियमों के खिलाफ जाएगा, पर सिंगर ने कहा कि अगर कोई फील्डर गेंद डिलिवर होने के बाद घुटनों पर बैठता है, तो इसे नियम का भंग होना माना जाएगा. और इसकी व्याख्या मैदानी अंपायर के ऊपर निर्भर करती है. उन्होंने कहा कि अगर कोई भील्डर गेंद फिंकने के बाद पोजीशन से ऊपर उठता है या घुटनों पर बैठता है, तो यह नियम 28.6.1 का भंग होना माना जा सकता है. इस बारे में मैदानी अंपायर ही विस्तार से अपनी रिपोर्ट देंगे.
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