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1. जसप्रीत बुमराह
गेंद के साथ बुमराह ने भारत के लिए कई मैच जीते हैं. वह 72 वनडे मैचों में 121 विकेट ले चुके हैं. इसमें दो बार मैच में पांच विकेट भी शामिल हैं. हालांकि, बल्लेबाजी उनका मुख्य काम नहीं है. उन्होंने इन मैचों में 6.47 के औसत से 47 रन बनाए हैं. बुमराह भी ऐसे बल्लेबाज रहे, जो लगातार तीन बार बिना खाता खोले आउट हुए. साल 2019 में बुमराह के हिस्से में तीन बार बैटिंग का मौका आया और वह तीनों ही बार बिना खाता खोले आउट हुए.
2. इशांत शर्मा
लंबू इशांत शर्मा ने बड़े-बड़े बल्लेबाजों को अपनी तीखी स्विंग और उछाल से पानी पिलाया है. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 74 रन पर 7 विकेट चटकाकर करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. लेकिन बल्लेबाजी जब उनका मुख्य काम नहीं है, तो इस डिपार्टमेंट में उनका हाथ भी तंग रहा है. साल 2010-11 में दस महीने में इशांत ने श्रीलंका और विंडीज के खिलाफ तीन वनडे खेले और तीनों में उनके हिस्से में बत्तख आयी.
3. जहीर खान
लेफ्टी पेसर भारत के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ पेसरों में से एक रहे हैं. जहीर ने भारत के लिए 200 वनडे खेले और इसमें उन्होंने 282 विकेट लिए. एक बार पांच विकेट भी लिए. जहीर बाकी पुछल्लों की तुलना में कुछ बैटिंग कर लिया करते थे, लेकिन रिकॉर्ड बहुत ही खराब है. 200 वनडे में 782 रन. सर्वाधिक है उनका 34 रन. बहरहाल, यह साल 2003-04 का समय था, जब वह लगातार तीन मैचों में खाता नहीं खोल सके. पहले वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीवीएस कप में जीरो पर आउट हुए, तो फिर 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ अगले दो मैचों में उन्होंने शून्य किया.
4. अनिल कुंबले
अनिल कुंबले अंडर-19 के दिनों तक बतौर बल्लेबाज खेले, तो वहीं निचले क्रम में वह शतक भी बना चुके हैं. कुंबले ने बल्ले से 271 मैचों में 10.17 के औसत से 938 रन बनाए हैं. लेकिन साल 1996 में भारत के इंग्लैंड दौरे में कुंबले ने इंग्लैंड के खिलाफ और सिंगर वर्ल्ड सीरीज को मिलाकर लगातार तीन मैचों में शून्य पर आउट होने का अनचाहा रिकॉर्ड भी बनाया. इंग्लैंड के खिलाफ वह दो मैचों में जीरो पर आउट हुए, तो फिर वर्ल्ड सिंगर सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ छठे मैच में फिर से कुंबले जीरो पर आउट हो गए.
4. सचिन तेंदुलकर भी नहीं बच सके
क्रिकेट इतिहास में सचिन तेंदुलकर का क्या ओहदा है, यह किसी को भी बताने की जरूरत नहीं है. करीब 24 साल के करियर में सचिन ने न जाने कितने रिकॉर्ड बनाए, जिनके आस-पास भी किसी भी बल्लेबाज का पहुंचना एक बड़ा चैलेंज बना रहेगा. सचिन ने पहला वनडे शतक जड़ने के लिए पांच साल और 78 पारियां ली थीं. साल 1994 में वर्ल्ड सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 110 रन की पारी खेली. लेकिन अगले तीन मैचों में वह खाता भी नहीं खोल सके. पहला डक श्रीलंका के खिलाफ आया, तो अगली दो शून्य विंडीज के खिलाफ सीरीज में बनीं.
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