
Gautam Gambhir Defends Coaching Amid Prize Money: भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने कुछ पूर्व स्टार टेस्ट खिलाड़ियों की आलोचना करते हुए उन पर भारतीय क्रिकेट को अपनी ‘निजी जागीर' समझने का आरोप लगाया. गंभीर ने नाम तो नहीं लिए लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त संकेत दिए कि उनके गुस्से का निशाना मुंबई के दो पूर्व भारतीय कप्तान थे जो उनके खेलने के दिनों से ही उनकी आलोचना करते रहे हैं.
गंभीर ने ‘एबीपी न्यूज' के कार्यक्रम में कहा, ‘‘मैं आठ महीने से यह काम कर रहा हूं.अगर नतीजे नहीं आते हैं तो मुझे आलोचना से कोई दिक्कत नहीं है.आलोचना करना लोगों का काम है. कुछ लोग हैं जो 25 साल से कमेंट्री बॉक्स में बैठे हैं और उन्हें लगता है कि भारतीय क्रिकेट उनकी निजी जागीर है.'' उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘भारतीय क्रिकेट किसी की निजी संपत्ति नहीं है और यह 140 करोड़ भारतीयों की संपत्ति है''
दिल्ली के इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘इन लोगों ने मेरी कोचिंग, कनकशन (जब सिर में चोट लगने के कारण उन्होंने 2011 का इंग्लैंड दौरा बीच में छोड़ दिया था) से लेकर चैंपियंस ट्रॉफी की पुरस्कार राशि के वितरण तक पर सवाल उठाए हैं''
कमेंटेटर की भी भूमिका निभाने वाले भारत के एक पूर्व मुख्य कोच ने 2011 में इंग्लैंड के हाथों टीम के 0-4 से क्लीनस्वीप के दौरान गंभीर के कनकशन के बारे में कहा था कि यह गंभीर नहीं था.
जहां तक चैंपियंस ट्रॉफी पुरस्कार राशि का सवाल है तो यह भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर थे जिन्होंने ‘स्पोर्टस्टार' के लिए अपने कॉलम में आश्चर्य व्यक्त किया था कि क्या गंभीर अपने पूर्ववर्ती राहुल द्रविड़ का अनुसरण करेंगे और सहयोगी स्टाफ के साथ इनामी राशि साझा करेंगे.
गावस्कर ने लिखा था, ‘‘भारत की टी20 विश्व कप जीत के बाद हमेशा एक टीम खिलाड़ी रहे राहुल द्रविड़ ने अपने साथी कोच से अधिक राशि नहीं लेने का फैसला किया."
उन्होंने लिखा, ‘‘उन्होंने पुरस्कार को उनके साथ समान रूप से साझा किया. हालांकि चैंपियंस ट्रॉफी पुरस्कारों की घोषणा के साथ, हमने वर्तमान कोच गौतम गंभीर से कोई टिप्पणी नहीं सुनी है कि क्या वह द्रविड़ के दृष्टिकोण को अपनाएंगे। क्या द्रविड़ का उदाहरण अब कोई महत्व नहीं रखता है?''
गंभीर ने गावस्कर का नाम तो नहीं लिया लेकिन यह स्पष्ट था कि उन्हें कॉलम में पूछे गए सवाल पसंद नहीं आए. गंभीर ने कहा, ‘‘मुझे किसी को यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि मैंने पैसे दिए हैं या नहीं... शीशे के घरों में रहने वालों को दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए.'' मुख्य कोच ने टेस्ट और एकदिवसीय कप्तान रोहित शर्मा के साथ अपने मतभेदों को लेकर चल रही अटकलों को भी खारिज किया.
गंभीर ने कहा, ‘‘ये लोग कौन हैं जो ये सब बातें कह रहे हैं? ये अटकलें विशेषज्ञों और यूट्यूब चैनल चलाने वालों द्वारा लगाई जा रही हैं. दो महीने पहले एक कोच और एक कप्तान ने मिलकर चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी. कल्पना कीजिए कि अगर हम चैंपियंस ट्रॉफी नहीं जीतते तो आप क्या पूछते. मैं रोहित द्वारा भारतीय क्रिकेट के लिए किए गए काम का सम्मान करता हूं. मेरे पास रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी के लिए बहुत समय है. यह शुरू से ही था और उनके साथ ऐसा ही रहेगा.'
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