तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने मंगलवार को क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की है. बाएं हाथ के 32 वर्षीय तेज गेंदबाज रुद्रप्रताप (आरपी) सिंह ने ट्विटर के जरिए इसका ऐलान किया. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि 13 साल पहले चार सितंबर, 2005 को पहली बार उन्होंने भारतीय टीम की जर्सी पहनी थी. उनका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर लगभग छह साल रहा. उन्होंने क्रिकेट के सभी तीन प्रारूप में 82 मैच खेले और 100 से अधिक विकेट चटकाए.
टी 20 वर्ल्डकप-2007 में कप्तान एमएस धोनी के भरोसे पर खरा उतरा था यह तेज गेंदबाज..
— R P Singh (@rpsingh) September 4, 2018
आरपी सिंह ने भारत के लिए 14 टेस्ट, 58 वनडे और 10 टी20 मैच खेले. टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 40, वनडे में 69 और टी20 इंटरनेशनल में 15 विकेट हासिल किए. अपने लयबद्ध एक्शन के कारण आरपी सिंह अपनी गेंदों को अच्छी खासी गति देने में सफल रहते थे. कई बार अपनी गति से वे बल्लेबाजों को चौंकाने में भी सफल रहते थे. वर्ष 2007 में महेंद्र सिंह धोनी की टीम ने टी20 वर्ल्डकप जीतकर हर किसी को हैरान किया था.
आरपी सिंह ने पटाखों की बिक्री पर बैन से जुड़ा सवाल पूछा तो उन्हें मिला यह जवाब...
टीम ने इस टूर्नामेंट के फाइन में प्रबल प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को पांच विकेट से पराजित किया था. भारतीय टीम की इस जीत में गेंदबाजी में आरपी सिंह के प्रदर्शन का खास योगदान रहा था. आरपी सिंह ने इस टूर्नामेंट में सात मैच खेलकर 12 विकेट हासिल किए थे और इस दौरान 13 रन देकर चार विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा था. इस टूर्नामेंट में विकेटों के मामले में वे पाकिस्तान के उमर गुल (7 मैच में 13 विकेट), ऑस्ट्रेलिया के स्टुअर्ट क्लार्क (छह मैच में 12 विकेट) के बाद तीसरे स्थान पर रहे थे. आरपी ने क्लार्क के ही बराबर 12 विकेट लिए थे, लेकिन उन्होंने इस दौरान क्लार्क से एक मैच अधिक खेला था.
वीडियो: मैडम तुसाद म्यूजियम में विराट कोहली
इस टूर्नामेंट के फाइनल में भी आरपी सिंह की गेंदबाजी का सामना करना पाकिस्तानी टीम के लिए आसान नहीं रहा था. उन्होंने फाइनल में चार ओवर में 26 रन देकर तीन विकेट हासिल किए थे. इस मैच में उन्होंने मोहम्मद हफीज, कामरान अकमल और उमर गुल के विकेट हासिल किए थे. आरपी सिंह ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच, वनडे के रूप में सितंबर 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ कार्डिफ में खेला था. इस मैच में उन्होंने सात ओवर में 51 रन खर्च किए थे और एक विकेट हासिल किया था.