नई दिल्ली:
वीरेंद्र सहवाग इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई में शुक्रवार से होने वाले दूसरे टेस्ट मैच में उतरने के साथ ही 100 टेस्ट मैच खेलने वाले दुनिया के 54वें और भारत के नौवें क्रिकेटर बन जाएंगे, लेकिन इस विस्फोटक बल्लेबाज से लगभग साढ़े तीन साल पहले अपना टेस्ट करियर शुरू करने वाले ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह को इसके लिए इंतजार करना पड़ेगा।
इंग्लैंड के खिलाफ वर्तमान शृंखला से पहले सहवाग और हरभजन दोनों के नाम पर 98 - 98 टेस्ट मैच दर्ज थे। सहवाग टीम के नियमित सदस्य हैं, लेकिन पिछले डेढ़ साल से कोई टेस्ट नहीं खेल पाने वाले हरभजन की अंतिम एकादश में जगह तय नहीं है। भारत के दो मुख्य स्पिनरों आर अश्विन और प्रज्ञान ओझा के अहमदाबाद में पहले टेस्ट मैच में अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए हरभजन को मुंबई में भी मौका मिलने की संभावना नहीं है। वैसे सहवाग को भी भारत की तरफ से टेस्ट मैचों का सैकड़ा पूरा करने के लिए कोलकाता में पांच दिसंबर से होने वाले तीसरे टेस्ट मैच तक इंतजार करना पड़ेगा। असल में सहवाग ने एक मैच विश्व एकादश की तरफ से खेला था और इस तरह से भारत की तरफ से उनके नाम पर अभी 98 टेस्ट मैच ही दर्ज हैं। नवंबर 2001 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले सहवाग शृंखला के शुरू से ही 100 मैच खेलने को लेकर उत्साहित थे। उन्होंने कहा था, मेरा पहला सपना देश की तरफ से खेलना था। उसके बाद मैं 100 टेस्ट मैच खेलने का सपना देखने लगा। मुझे खुशी है कि यह क्षण जल्द ही आएगा। यह बड़ा सम्मान है।
गौरतलब है कि यदि भारत तीन स्पिनरों के साथ उतरने का फैसला करता है तभी हरभजन को मुंबई में मौका मिलेगा, क्योंकि अहमदाबाद में पहले टेस्ट मैच में अश्विन और ओझा ने मिलकर 13 विकेट लिए थे। अश्विन हालांकि चार विकेट ले पाए थे, लेकिन माना जा रहा है कि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी विजयी टीम में किसी तरह का बदलाव करना पसंद नहीं करेंगे। जहां तक सहवाग का सवाल है तो यह तय है कि वानखेड़े स्टेडियम में वह अपना 100वां टेस्ट मैच खेलेंगे। उनके लिए यह ऐतिहासिक क्षण होगा क्योंकि यह उन सचिन तेंदुलकर का घरेलू मैदान है जिनके पर सर्वाधिक 191 टेस्ट मैच खेलने का रिकॉर्ड दर्ज है जिन भारतीय क्रिकेटरों ने अब तक 100 से अधिक टेस्ट मैच खेले हैं उनमें तेंदुलकर के अलावा राहुल द्रविड़ (164), वीवीएस लक्ष्मण (134), अनिल कुंबले (132) , कपिल देव (131), सुनील गावस्कर (125), दिलीप वेंगसरकर (116) और सौरव गांगुली (113) शामिल हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ वर्तमान शृंखला से पहले सहवाग और हरभजन दोनों के नाम पर 98 - 98 टेस्ट मैच दर्ज थे। सहवाग टीम के नियमित सदस्य हैं, लेकिन पिछले डेढ़ साल से कोई टेस्ट नहीं खेल पाने वाले हरभजन की अंतिम एकादश में जगह तय नहीं है। भारत के दो मुख्य स्पिनरों आर अश्विन और प्रज्ञान ओझा के अहमदाबाद में पहले टेस्ट मैच में अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए हरभजन को मुंबई में भी मौका मिलने की संभावना नहीं है। वैसे सहवाग को भी भारत की तरफ से टेस्ट मैचों का सैकड़ा पूरा करने के लिए कोलकाता में पांच दिसंबर से होने वाले तीसरे टेस्ट मैच तक इंतजार करना पड़ेगा। असल में सहवाग ने एक मैच विश्व एकादश की तरफ से खेला था और इस तरह से भारत की तरफ से उनके नाम पर अभी 98 टेस्ट मैच ही दर्ज हैं। नवंबर 2001 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले सहवाग शृंखला के शुरू से ही 100 मैच खेलने को लेकर उत्साहित थे। उन्होंने कहा था, मेरा पहला सपना देश की तरफ से खेलना था। उसके बाद मैं 100 टेस्ट मैच खेलने का सपना देखने लगा। मुझे खुशी है कि यह क्षण जल्द ही आएगा। यह बड़ा सम्मान है।
गौरतलब है कि यदि भारत तीन स्पिनरों के साथ उतरने का फैसला करता है तभी हरभजन को मुंबई में मौका मिलेगा, क्योंकि अहमदाबाद में पहले टेस्ट मैच में अश्विन और ओझा ने मिलकर 13 विकेट लिए थे। अश्विन हालांकि चार विकेट ले पाए थे, लेकिन माना जा रहा है कि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी विजयी टीम में किसी तरह का बदलाव करना पसंद नहीं करेंगे। जहां तक सहवाग का सवाल है तो यह तय है कि वानखेड़े स्टेडियम में वह अपना 100वां टेस्ट मैच खेलेंगे। उनके लिए यह ऐतिहासिक क्षण होगा क्योंकि यह उन सचिन तेंदुलकर का घरेलू मैदान है जिनके पर सर्वाधिक 191 टेस्ट मैच खेलने का रिकॉर्ड दर्ज है जिन भारतीय क्रिकेटरों ने अब तक 100 से अधिक टेस्ट मैच खेले हैं उनमें तेंदुलकर के अलावा राहुल द्रविड़ (164), वीवीएस लक्ष्मण (134), अनिल कुंबले (132) , कपिल देव (131), सुनील गावस्कर (125), दिलीप वेंगसरकर (116) और सौरव गांगुली (113) शामिल हैं।
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