
सीओए ने शीर्ष न्यायालय में तीन शीर्ष अधिकारियों के कामकाज का लेखा-जोखा पेश किया गया है....
नई दिल्ली:
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का कामकाज देखने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) ने न्यायालय के आदेशों का जानबूझकर पालन नहीं करने को लेकर बुधवार को बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना, सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को हटाने की मांग की है. शीर्ष न्यायालय में इन तीन अधिकारियों के कामकाज का लेखा-जोखा पेश किया गया है. सीओए ने 26 जुलाई को आयोजित विशेष आम बैठक में हिस्सा लेने को लेकर बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी और कानूनी टीम को भी लताड़ लगाई है.
इतिहासकार रामचंद्र गुहा और बैंकर विक्रम लिमये के इस्तीफ़े के बाद प्रशासकों की समिति में पूर्व सीएजी विनोद राय और महिला क्रिकेटर डायना एडुल्जी ने ये सिफ़ारिश की है. समिति ने चुनाव नहीं होने तक अदालत से 'बोर्ड का शासन, प्रबंध और प्रशासन' अपने हाथों में सौंपने की मांग की है.
पढ़ें: निरंजन शाह, श्रीनिवासन जैसे अयोग्य पदाधिकारी लोढ़ा समिति के सुधारों में बाधा बन रहे : सुप्रीम कोर्ट में सीओए
विनोद राय की अध्यक्षता वाली सीओए ने इस बात को भी स्पष्ट किया कि राज्य क्रिकेट संघ लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू नहीं करना चाहते और इसमें बोर्ड के मौजूदा शीर्ष अधिकारियों की भी भूमिका संदिग्ध हैं क्योंकि उन्होंने इसे लागू करने को लेकर अपनी ओर से कोई प्रयास नहीं किया है. साथ ही साथ सीओए ने 'कॉफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट' और ऑम्बड्समैन की नियुक्ति जैसे मूल मुद्दों का ध्यान नहीं रखने को लेकर भी बोर्ड अधिकारियों की खिंचाई की है.
(इनपुट भाषा से भी)
इतिहासकार रामचंद्र गुहा और बैंकर विक्रम लिमये के इस्तीफ़े के बाद प्रशासकों की समिति में पूर्व सीएजी विनोद राय और महिला क्रिकेटर डायना एडुल्जी ने ये सिफ़ारिश की है. समिति ने चुनाव नहीं होने तक अदालत से 'बोर्ड का शासन, प्रबंध और प्रशासन' अपने हाथों में सौंपने की मांग की है.
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विनोद राय की अध्यक्षता वाली सीओए ने इस बात को भी स्पष्ट किया कि राज्य क्रिकेट संघ लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू नहीं करना चाहते और इसमें बोर्ड के मौजूदा शीर्ष अधिकारियों की भी भूमिका संदिग्ध हैं क्योंकि उन्होंने इसे लागू करने को लेकर अपनी ओर से कोई प्रयास नहीं किया है. साथ ही साथ सीओए ने 'कॉफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट' और ऑम्बड्समैन की नियुक्ति जैसे मूल मुद्दों का ध्यान नहीं रखने को लेकर भी बोर्ड अधिकारियों की खिंचाई की है.
(इनपुट भाषा से भी)