
Clash of Generations: इटली के खूबसूरत शहर पिएत्रासांता में ला वेर्सिलियाना में आयोजित ऐतिहासिक मुकाबले 'पीढ़ियों की टक्कर' में भारत के पांच बार के विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने अर्जेंटीना के 11 वर्षीय बाल प्रतिभा फॉस्टिनो ओरो को 2–0 से पराजित किया. खेल वैसे तो एकतरफा ही रहा पर ऑरो नें इस उम्र में भी इतने बड़े खिलाड़ी के सामने इस मुक़ाबले को पूरी शालीनता और एकाग्रता के साथ खेला. यकीनन तौर पर आने वाले समय में यह मुक़ाबला एक ऐतिहासिक महत्व रखेगा. पहले खेल में आनंद नें सफ़ेद मोहरो से बाजी अपने नाम की तो दूसरे मुक़ाबले में वह काले मोहरो से जीतने में कामयाब रहे. आनंद नें दोनों ही मुकाबलों में पूरे समय तेज खेलते हुए ऑरो पर दबाव डाला.
घोड़े की बग्घियों में सवार होकर पहुंचे खिलाड़ी
1 जून 2025 को इटली के पिएत्रासांता में आयोजित चेस रोड्स शतरंज महोत्सव की शुरुआत एक भव्य और सांस्कृतिक शोभायात्रा के साथ हुई. इस विशेष अवसर पर खिलाड़ियों और गणमान्य अतिथियों ने घोड़े से जुड़ी पारंपरिक बग्घियों में बैठकर कार्यक्रम स्थल विला ला वर्सिलियाना तक यात्रा की. यह शोभायात्रा पिएत्रासांता और फोर्ते देई मार्मी के रास्तों से होकर गुजरी, जिसने पूरे आयोजन को एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक आयाम दिया. इस अनोखे स्वागत ने दर्शाया कि यह आयोजन केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि कला, परंपरा और इतिहास का उत्सव है.
बग्घियों की यह यात्रा न केवल दर्शकों के लिए एक आकर्षण रही, बल्कि इसने शतरंज जैसे बौद्धिक खेल को भी राजसी सम्मान के साथ प्रस्तुत किया. यह दृश्य आयोजन की भव्यता और इटली की सांस्कृतिक विरासत को बखूबी दर्शाता है.
चेस रोड्स – प्रदर्शनी का हुआ उदघाटन
मैच शुरू होने के ठीक पहले 40 बेशकीमती शतरंज बोर्डों की प्रदर्शनी का भव्य उद्घाटन किया गया. इस ऐतिहासिक प्रदर्शनी का उद्घाटन पांच बार के विश्व शतरंज चैम्पियन विश्वनाथन आनंद, 11 वर्षीय अर्जेंटीनी बाल प्रतिभा फॉस्टिनो ओरो, विश्वविख्यात संगीतकार आंद्रे बोचेली, तथा ला वर्सिलियाना फाउंडेशन की अध्यक्ष पाओला रोवेलिनी ने संयुक्त रूप से किया. यह प्रदर्शनी केवल शतरंज से जुड़ा एक खेल आयोजन बस नहीं है , बल्कि शतरंज की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कलात्मक विरासत का उत्सव है, जिसमें एशिया और यूरोप से एकत्र किए गए 1700 ईस्वी से लेकर वर्तमान समय तक के दुर्लभ और कलात्मक शतरंज सेट प्रदर्शित किए जा रहे हैं.
आनंद नें पहली चाल के बाद बनाई बढ़त
सफ़ेद मोहरो से खेलते हुए आनंद नें पहली बाजी में राय लोपेज ओपनिंग से खेल की शुरुआत की जहां पर 15वीं चाल तक दोनों खिलाड़ी संतुलित खेल रहे थे. पर इसके बाद ऑरो नें अपने घोड़े की एक चला से आनंद को आने काले रंग के ऊंट की अदला बदली करने का मौका दिया और उनके राजा के हाथी के सामने से प्यादा हटते ही आनंद नें ऑरो पर दबाव बनाना शुरू कर दिया. हालांकि कुछ बढ़त बनाने के बाद भी 40 चालों तक खेल बराबर ही पर आनंद के कोने के बढ़ते प्यादे से ऑरो पर दबाव बढ़ रहा था. आखिरकार 40वीं चाल में उन्होने घोड़े की चाल से बड़ी चूक की और उसके बाद के एंडगेम में आनंद नें खेल पूरी तरह अपने नाम कर लिया 57 चालों में पहली जीत दर्ज करते हुए 1-0 की बढ़त हासिल कर ली. इस खेल के मध्य और एंडगेम में आनंद साफ़तौर पर ऑरो से बहुत बेहतर नजर आए.
फीडे प्रेसिडेंट नें किया दूसरे खेल का उदघाटन
विश्व शतरंज के अध्यक्ष आर्कडी द्वोर्कोविच नें ऑरो के लिए पहली चाल चलकर किया. दूसरे खेल में ऑरो नें अपने राजा के पड़े को दो घर चलकर खेल की शुरूआत की , मैच को बराबर रखने के लिए ऑरो को हर हाल में जीतना जरूरी था और आनंद के लिए ड्रॉ भी उनकी ख़िताबी जीत तय कर देता. आनंद नें फ्रेंच ओपनिंग खेलकर जबाब दिया. खेल की 37वीं चाल में एक बड़ी गलती हुई और इसके बाद खेल आनंद नें आसानी नें 48 चालों में अपने नाम कर लिया और इस इतिहासिक मुक़ाबले को 2-0 से अपने नाम कर दिया.
आनंद का जीतना कोई बड़ी बात नहीं थी क्यूंकी उनके और ऑरो के बीच फिलहाल फासला बहुत ज़्यादा है और यह नजर भी आया पर ऑरो के लिए पांच बार के विश्व चैम्पियन से मंच साझा करना एक बड़ा मौका था जो उन्हे इस प्रतिस्पर्धी शतरंज की दुनिया में कदम जमाने में मदद करेगा. आनंद के सामने खेलना एक दबाव भी रहा होगा पर ऑरो नें खुद की भावनाओं को बखुभी सम्हाला और यह उनके अंदर के आत्मविश्वास को दिखाता है.
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