शनिवार को चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy 2025) के लिए घोषित हुई भारतीय टीम के चयन पर कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और चीफ सेलेक्टर अजित अगरकर दोनों ने ही संतुष्टि जाहिर की उन्होंने मेगा इवेंट के लिए "अच्छे संतुलन" वाली टीम चुनी है, लेकिन चयन के बाद गंभीर की अलग पसंद को लेकर बाहर आई खबरों ने बहुत कुछ कह दिया है. वैसे टीम के सामने आने के बाद से ही जहां पूर्व क्रिकेटरों ने कुछ चयन होने या न होने को लेकर सवाल उठाना शुरू कर दिया था, तो फैंस भी अभी तक इस मुद्दे पर खुलकर बातें कर रहे हैं. कुछ चयन का होना या न होना बड़े सवाल खड़ा कर रहा है. चलिए जान लीजिए कि वो 3 सबसे बड़े सवाल क्या हैं, जो टीम चयन के बाद लगातार चर्चा में हैं. और यह बहस जल्द ही खत्म भी होने नहीं जा रही.
1. जायसवाल का हक क्यों मारा जा रहा?
कुछ दिन पहले एक खबर यह भी आई थी कि हेड कोच गौतम गंभीर जायसवाल को भविष्य का कप्तान बनाना चाहते हैं, लेकिन गिल को उप-कप्तान बनाकर चयन समिति ने कुछ और ही कह दिया है. बहरहाल, यह एक बड़ा सवाल हो चला है कि आखिर जायसवाल को क्यों रोका जा रहा है? जिस बल्लेबाज ने टेस्ट क्रिकेट बहुत हद तक वनडे अंदाज में खेली है, जो बल्लेबाज अपने पहले ही ऑस्ट्रेलिया दौरे में पर्थ में शतक बनाता है, जिसका टी20 खेलने का अंदाज बहुत ही प्रचंड है, उसे चैंपियंस ट्रॉफी में रिजर्व ओपनर के रूप में चुना गया है. जहां एक तरफ जायसवाल को इलेवन में रोहित के साथ पारी शुरू करनी चाहिए थी, वहीं लग रहा है कि जायसवाल के लिए चैंपियंस ट्रॉफी एक पिकनिक ही साबित होगा?
2. हार्दिक का बैक-अप टीम में क्यों नहीं?
हार्दिक टीम में चुने ही जाने थे लेकिन सवाल यह है कि वह चैंपियंस ट्रॉफी के मैचों में कितने ओवर करेंगे या करेंगे भी? क्या वह पूरा कोटा फेंकने की क्षमता रखते हैं? विजय हजारे ट्रॉफी में हार्दिक ने तीन ओवरों में 20 ओवर डाले? हर मैच में औसत साढ़े छह ओवर. बहरहाल, अगर खुदा न खास्त पांड्या चोटिल हो गए, तो फिर कौन? साल 2023 विश्व कप में बांग्लादेश के खिलाफ चोटिल होने पर वह टूर्नामेंट से ही बाहर हो गए थे. शुक्र है उनका जाना फायदे का सौदा साबित हुआ क्योंकि शमी ने उसके बाद इतिहास रच दिया. सवाल यह है कि उनका बैक-अप कौन है. और क्यों नीतीश रेड्डी को स्टैंड-बाई पर नहीं रखा गया? अगर गिल को उप-कप्तान बनाकर उनकी इलेवन में जगह सुनिश्चित करनी ही थी, तो बेहतर होता कि जायसवाल की जगह नीतीश रेड्डी को टीम के साथ ले जाया गया होता.
3. रवींद्र जडेजा का क्या इस्तेमाल?
प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने एक बड़ा इशारा कर दिया, जब उन्होंने पूरे 15 नामों को पढ़ा. आमतौर पर ऐसा होता नहीं है, जब चीफ सेलेक्टर क्रमश: नाम पढे़. और जो नाम थे, उनमें सबसे आखिर में नाम रवींद्र जडेजा का था. यही पहलू इस ऑराउंडर के बारे में बहुत कुछ कह देता है. इलेवन में अक्षर पटेल का नाम शामिल था. पंडित और फैंस यही सवाल कर रहे हैं कि क्या जडेजा इलेवन का हिस्सा होंगे? और अगर नहीं होंगे, तो बेहतर होता कि टीम में वरुण चक्रवर्ती, नीतीश रेड्डी या फिर कोई और खिलाड़ी ज्यादा बेहतर होता. प्वाइंट यह भी है कि अक्षर और जडेजा एक ही शैली के खिलाड़ी हैं, तो दूसरा होता तो विविधता होती.
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