पढ़िए, 12 दिन चले क्रिकेट इतिहास के सबसे लंबे टेस्ट मैच की रोमांचक कहानी

पढ़िए, 12 दिन चले क्रिकेट इतिहास के सबसे लंबे टेस्ट मैच की रोमांचक कहानी

प्रतीकात्मक फोटो

आपने वनडे, दो दिवसीय, तीन दिवसीय और टेस्ट (पांच दिवसीय) मैचों के बारे में तो सुना है, पर क्या आपने किसी ऐसे क्रिकेट मैच के बारे में सुना है, जिसकी कोई समयसीमा नहीं थी। जी हां, यह है क्रिकेट इतिहास का सबसे लंबा मैच, जिसे 'टाइमलेस टेस्ट मैच' नाम दिया गया था। हाल ही में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच बेंगलुरू में खेला गया दूसरा टेस्ट मैच बारिश की भेंट चढ़ गया। क्रिकेट जगत का यह सबसे लंबा मैच भी बारिश से प्रभावित रहा था। हम आपको इसी रोचक मैच के बारे में बताने जा रहे हैं।

हम बात कर रहे हैं मार्च, 1939 में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच दक्षिण अफ्रीका की धरती पर खेले गए एक अंतरराष्ट्रीय मैच की। यह मैच डरबन में 3 से 14 मार्च तक खेला गया था। 12 दिन चले मैच में केवल 9 दिन ही खेल हो सका, जबकि 3 दिन बारिश के चलते मैच बाधित रहा। इसमें दोनों टीम की ओर से कुल 1981 रन बने। ये रन क्रिकेट इतिहास में दर्ज हैं।

5 मैचों की थी सीरीज
दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच यह सीरीज 5 मैचों की थी, जिसमें इंग्लैंड टीम 1-0 से आगे चल रही थी और यह सीरीज का अंतिम मैच था। ऐसे में दक्षिण अफ्रीकी टीम अपने घर में टेस्ट सीरीज गंवाना नहीं चाहती थी। उसने खेल भी कुछ ऐसा ही दिखाया, लेकिन परिणाम कुछ और ही रहा।

पहली पारी में दक्षिण अफ्रीकी टीम रही हावी
दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 540 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। इस विशाल स्कोर के सामने इंग्लैंड की टीम केवल 316 रन ही बना सकी। इसमें अफ्रीकी गेंदबाज डेल्टन ने 59 रन देकर 4 विकेट लिए।

इस प्रकार दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में  इंग्लैंड टीम पर 214 रनों की बढ़त हासिल कर ली। इसके बाद दूसरी पारी में भी अफ्रीका ने 481 रन का बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया। पहली पारी की बढ़त और दूसरी पारी के स्कोर को मिलाकर दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 695 रनों का लक्ष्य रख दिया।

...और फिर इंग्लैंड पहुंचा जीत के करीब
इंग्लैंड ने दूसरी पारी में 695 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए शानदार बैटिंग की। उसने 5 विकेट खोकर 654 रन बना लिए, जिसमें कप्तान हेमंड ने 140 रन और इडरिच ने 219 रनों की पारी खेली। इस प्रकार इंग्लैंड की टीम जीत के करीब पहुंच गई। उसे जीत के लिए महज 42 रन चाहिए थे।

12वें दिन इंग्लैंड ने जीता हुआ मैच छोड़ दिया
मैच का 12वां दिन (14 मार्च 1939) था। दिन का खेल खत्म होने ही वाला था और इंग्लैंड को जीत के लिए 42 रन और चाहिए थे, जबकि उसके पास 5 विकेट बाकी थे। इतने में इंग्लैंड ने अंपायर से मैच ड्रॉ करने की अपील कर दी।

दरअसल, हुआ यह था कि 14 मार्च की रात इंग्लैंड को वापस अपने देश लौटना था। उनके शिप का समय रात 8 बजे था। अब इंग्लैंड को मैच जीतने के लिए अगले दिन भी खेलना था, लेकिन पहले से तय शेड्यूल के कारण वह ऐसा नहीं कर सकी। अंत में मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ और इंग्लैंड टीम 5 मैचों की सीरीज 1-0 से जीतकर गई।

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4 सेंचुरी, एक डबल सेंचुरी
इस ऐतिहासिक मैच में दक्षिण अफ्रीका ने दोनों पारियों में मिलाकर 1011 रन बनाए थे। इस मैच में 4 सेंचुरी और एक डबल सेंचुरी भी लगी थी।