नई दिल्ली:
भारतीय क्रिकेट बोर्ड और खेल मंत्रालय फिर से एक दूसरे के आमने-सामने हो सकते हैं क्योंकि राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक के मसौदे में शामिल विवादास्पद नियम में कहा गया है कि केवल उन्हीं महासंघों को अपनी टीम के लिए ‘भारत’ का उपयोग करने का अधिकार होगा जो सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत आते हैं।
प्रस्तावित विधेयक के नियम (एच) से बीसीसीआई को निश्चित तौर पर कुछ परेशानियां होगी क्योंकि यह खेल गतिविधियों में देश के नाम का उपयोग करने से संबंधित है। इसमें कहा गया है, ‘अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करने और किसी खेल महासंघ के लिए खेलों में ‘भारत’ या ‘भारतीय’ का उपयोग करने का अधिकार रखने के लिए उस महासंघ को अध्याय चार (खेलों में अनैतिक गतिविधियां) और अध्याय नौ (सूचना के अधिकार के अधिनियम की प्रासंगिकता) का पालन करना होगा।’
बीसीसीआई मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) नहीं है और वह सरकारी अनुदान नहीं लेता है और इसलिए उसे आरटीआई के तहत नहीं लाया जा सकता है लेकिन मसौदा खेल विधेयक को यदि संसद ने पारित कर दिया तो फिर महेंद्र सिंह धोनी और उनकी टीम अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में आधिकारिक तौर पर ‘भारत’ का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती है।
प्रस्तावित विधेयक के नियम (एच) से बीसीसीआई को निश्चित तौर पर कुछ परेशानियां होगी क्योंकि यह खेल गतिविधियों में देश के नाम का उपयोग करने से संबंधित है। इसमें कहा गया है, ‘अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करने और किसी खेल महासंघ के लिए खेलों में ‘भारत’ या ‘भारतीय’ का उपयोग करने का अधिकार रखने के लिए उस महासंघ को अध्याय चार (खेलों में अनैतिक गतिविधियां) और अध्याय नौ (सूचना के अधिकार के अधिनियम की प्रासंगिकता) का पालन करना होगा।’
बीसीसीआई मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) नहीं है और वह सरकारी अनुदान नहीं लेता है और इसलिए उसे आरटीआई के तहत नहीं लाया जा सकता है लेकिन मसौदा खेल विधेयक को यदि संसद ने पारित कर दिया तो फिर महेंद्र सिंह धोनी और उनकी टीम अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में आधिकारिक तौर पर ‘भारत’ का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती है।
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