क्रिकेट के दो सबसे पुराने प्रतिद्वंद्वियों ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज की जंग बुधवार से शुरू हो जाएगी जिसमें मेजबान टीम 57 साल बाद खिताबी हैट्रिक बनाने की कोशिश करेगी।
                                            
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                                                                                नाटिंघम: 
                                        क्रिकेट के दो सबसे पुराने प्रतिद्वंद्वियों ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज की जंग बुधवार से शुरू हो जाएगी जिसमें मेजबान टीम 57 साल बाद खिताबी हैट्रिक बनाने की कोशिश करेगी।
इंग्लैंड ने पिछली दोनों एशेज जीती हैं और उसके पास 1956 के बाद पहली बार लगातार तीन शृंखलाएं जीतने का यह बेहतरीन मौका है।
दूसरी तरफ, ऑस्ट्रेलिया 2011 में अपनी सरजमीं पर मिली हार का दर्द नहीं भुला पाया है और वह एशेज में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बेताब है। माइकल क्लार्क की अगुवाई वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को इंग्लैंड दौरे पर आई सबसे कमजोर टीमों में गिना जा रहा है और इसलिए एलिस्टेयर कुक की टीम का पलड़ा भारी माना जा रहा है। इंग्लैंड हालांकि इतिहास से सबक लेकर ऑस्ट्रेलिया को किसी तरह से कम करने के आंकने की कोशिश नहीं करेगा।
इससे पहले, 1989 में भी यही कहा गया था कि ऑस्ट्रेलिया की यह सबसे कमजोर टीम है। ऑस्ट्रेलिया की उस टीम ने 4-0 से जीत दर्ज करके एशेज जीत ली थी। ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत के हाथों 0-4 से हारकर पहली बार टेस्ट मैच खेलेगा जबकि इंग्लैंड की टीम ने भारत को उसकी सरजमीं पर हराया था। ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं जिसमें क्लार्क को छोड़कर कोई भी भरोसेमंद बल्लेबाज नहीं है।
                                                                        
                                    
                                इंग्लैंड ने पिछली दोनों एशेज जीती हैं और उसके पास 1956 के बाद पहली बार लगातार तीन शृंखलाएं जीतने का यह बेहतरीन मौका है।
दूसरी तरफ, ऑस्ट्रेलिया 2011 में अपनी सरजमीं पर मिली हार का दर्द नहीं भुला पाया है और वह एशेज में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बेताब है। माइकल क्लार्क की अगुवाई वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को इंग्लैंड दौरे पर आई सबसे कमजोर टीमों में गिना जा रहा है और इसलिए एलिस्टेयर कुक की टीम का पलड़ा भारी माना जा रहा है। इंग्लैंड हालांकि इतिहास से सबक लेकर ऑस्ट्रेलिया को किसी तरह से कम करने के आंकने की कोशिश नहीं करेगा।
इससे पहले, 1989 में भी यही कहा गया था कि ऑस्ट्रेलिया की यह सबसे कमजोर टीम है। ऑस्ट्रेलिया की उस टीम ने 4-0 से जीत दर्ज करके एशेज जीत ली थी। ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत के हाथों 0-4 से हारकर पहली बार टेस्ट मैच खेलेगा जबकि इंग्लैंड की टीम ने भारत को उसकी सरजमीं पर हराया था। ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं जिसमें क्लार्क को छोड़कर कोई भी भरोसेमंद बल्लेबाज नहीं है।