माइकल क्लार्क को विदाई देते साथी खिलाड़ी
नई दिल्ली:
इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 3-2 से हराकर एशेज़ सीरीज़ पर क़ब्ज़ा कर लिया है। ओवल में खेले गए सीरीज़ के आख़िरी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने मेज़बान टीम को पारी और 46 रन से ज़रूर हराया लेकिन सीरीज़ नहीं बचा सकी।
ओवल में नए टेस्ट कप्तान स्टीवन स्मिथ ने शतक बनाया और वो मैन ऑफ़ द मैच रहे जबकि क्रिस रॉज़र्स और जो रूट प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ के ख़िताब से नवाज़े गए। इंग्लिश टीम ने नॉटिंघम टेस्ट पारी और 78 रन से जीता था और एशेज़ में 3-1 की अजेय बढ़त हासिल कर ली थी।
ऑस्ट्रेलिया भले ही एशेज़ सीरीज़ हार गई लेकिन ओवल में जीत के साथ टीम ने एक महान खिलाड़ी को विदाई दी। ओवल टेस्ट में जीत के साथ ही माइकल क्लार्क के 12 साल के क्रिकेट करियर पर पर्दा गिर गया।
चार साल तक ऑस्ट्रेलियाई टीम की कमान क्लार्क के हाथों में रही। इस दौरान टीम ने कई उपल्बधियां हासिल की, एशेज़ भी जीता तो वनडे का वर्ल्ड कप भी जीता।
क्लार्क को इस बात का मलाल ज़रूर रहेगा कि वो अपने 12 साल के करियर में इंग्लैंड में एक खिलाड़ी और कप्तान के रूप में कभी भी एशेज़ नहीं जीत सके।
क्लार्क ने अपने टेस्ट करियर में 115 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 8643 रन बनाए। इस दौरान क्लार्क ने 28 शतकों के साथ 27 अर्द्धशतक बनाए और उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 329 रन रहा।
टेस्ट के अलावा क्लार्क का वनडे में भी प्रदर्शन शानदार रहा है। 245 वनडे में क्लार्क ने 7 हज़ार से ज़्यादा रन, 8 शतक और 58 अर्द्धशतकों की मदद से बनाए। हालांकि एशेज़ 2015 में क्लार्क का प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा है। क्लार्क ने 5 टेस्ट की 9 पारियों में 16.50 की औसत से 132 रन ही बटोर सके।
इतना तय है कि क्लार्क की विदाई के पलों में उनके लिए करियर की सबसे मीठी याद 2015 वर्ल्ड कप की ट्रॉफ़ी उठाना ही है। चार महीने में ऑस्ट्रेलिया के गोल्डन बॉय की दुनिया बदल चुकी है।
ओवल में नए टेस्ट कप्तान स्टीवन स्मिथ ने शतक बनाया और वो मैन ऑफ़ द मैच रहे जबकि क्रिस रॉज़र्स और जो रूट प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ के ख़िताब से नवाज़े गए। इंग्लिश टीम ने नॉटिंघम टेस्ट पारी और 78 रन से जीता था और एशेज़ में 3-1 की अजेय बढ़त हासिल कर ली थी।
ऑस्ट्रेलिया भले ही एशेज़ सीरीज़ हार गई लेकिन ओवल में जीत के साथ टीम ने एक महान खिलाड़ी को विदाई दी। ओवल टेस्ट में जीत के साथ ही माइकल क्लार्क के 12 साल के क्रिकेट करियर पर पर्दा गिर गया।
चार साल तक ऑस्ट्रेलियाई टीम की कमान क्लार्क के हाथों में रही। इस दौरान टीम ने कई उपल्बधियां हासिल की, एशेज़ भी जीता तो वनडे का वर्ल्ड कप भी जीता।
क्लार्क को इस बात का मलाल ज़रूर रहेगा कि वो अपने 12 साल के करियर में इंग्लैंड में एक खिलाड़ी और कप्तान के रूप में कभी भी एशेज़ नहीं जीत सके।
क्लार्क ने अपने टेस्ट करियर में 115 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 8643 रन बनाए। इस दौरान क्लार्क ने 28 शतकों के साथ 27 अर्द्धशतक बनाए और उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 329 रन रहा।
टेस्ट के अलावा क्लार्क का वनडे में भी प्रदर्शन शानदार रहा है। 245 वनडे में क्लार्क ने 7 हज़ार से ज़्यादा रन, 8 शतक और 58 अर्द्धशतकों की मदद से बनाए। हालांकि एशेज़ 2015 में क्लार्क का प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा है। क्लार्क ने 5 टेस्ट की 9 पारियों में 16.50 की औसत से 132 रन ही बटोर सके।
इतना तय है कि क्लार्क की विदाई के पलों में उनके लिए करियर की सबसे मीठी याद 2015 वर्ल्ड कप की ट्रॉफ़ी उठाना ही है। चार महीने में ऑस्ट्रेलिया के गोल्डन बॉय की दुनिया बदल चुकी है।
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