NDTV और उसके संस्थापकों के ख़िलाफ़ CBI द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के नए केस पर NDTV का पक्ष

NDTV और उसके संस्थापकों के ख़िलाफ़ CBI द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के नए केस पर NDTV का पक्ष

एक के बाद एक कई मामलों के बावजूद, जिसमें जांच जान-बूझकर अटकाई गई, एजेंसियों को NDTV द्वारा किसी भ्रष्टाचार के कोई सबूत नहीं मिले हैं. NDTV के संस्थापकों, राधिका रॉय और प्रणय रॉय ने और साथ ही कंपनी ने अपने खिलाफ़ दर्ज सभी मामलों में पूरा सहयोग किया. आज़ाद प्रेस के निरंतर उत्पीड़न के सिलसिले के तौर पर, अब NDTV के गैर-समाचार कारोबार में NBCU द्वारा 150 मिलियन डॉलर के निवेश का एक नया CBI केस दर्ज किया गया है. NBCU एक विशाल अमेरिकी समूह है, जिसकी कमान तब जनरल इलेक्ट्रिक के हाथ में थी. इस केस में यह हास्यास्पद आरोप लगाया गया है कि अमेरिका और भारत में सभी प्रासंगिक अधिकारियों के लिए घोषित लेनदेन के ज़रिये अज्ञात सरकारी लोगों के लिए मनी लॉन्डरिंग की गई.

इस अहम समय में, NDTV और उसके संस्थापकों की भारतीय न्यायपालिका में पूरी आस्था है और वे कंपनी की पत्रकारिता की ईमानदारी को लेकर प्रतिबद्ध हैं. बदनीयत और फ़र्ज़ी आरोपों के ज़रिये आज़ाद और निष्पक्ष ख़बरों को रोकने की कोशिश कामयाब नहीं होगी. यह एक कंपनी या व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि प्रेस की आज़ादी को बनाए रखने की कहीं ज़्यादा व्यापक लड़ाई है - जिसके लिए भारत हमेशा से जाना जाता रहा है.