पुणे की साइबर बैंक डकैती में उत्तर कोरिया के साइबर चोरों का हाथ है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. पिछले साल 11 अगस्त को कॉसमॉस बैंक से साइबर डकैतों ने 94 करोड़ रुपये लूट लिए थे.
पुणे के कॉसमॉस कॉपरेटिव बैंक में 11 अगस्त 2018 को दोपहर 3 बजे बैंक के सर्वर में मालवेयर अटैक हुआ था. स्विचिंग सिस्टम को हैक कर लिया गया था और उसके बाद अगले सात घंटों में 28 देशों में तकरीबन 12 हजार बार ट्रांजैक्शन कर करीब 78 करोड़ और देश में 2849 बार ट्रांजेक्शन कर ढाई करोड़ रुपये निकाल लिए गए थे.
खास बात यह है कि उसके एक दिन बाद यानी 13 अगस्त को भी जब तक बैंक कुछ समझ पाता, साइबर डकैतों ने करीब 14 करोड़ रुपये और उड़ा लिए थे.पता चला था कि भारत सहित 29 देशों में निकाले गए रुपये.
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महाराष्ट्र के पुणे में देश की अब तक की सबसे बड़ी इस साइबर बैंक डकैती में साइबर डकैतों ने पुणे की कॉसमॉस कोआपरेटिव बैंक का सर्वर हैक कर 94 करोड़ 42 लाख रुपये लूट लिए थे.
शुरुआती जांच के बाद मामले में हांगकांग की एएलएम ट्रेडिंग लिमिटेड कंपनी को आरोपी भी बनाया गया था.
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इस बीच पुणे साइबर सेल इस मामले में 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुका है और आठ लाख के करीब रुपये भी रिकवर किए जा चुके हैं.
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