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This Article is From Jul 19, 2018

बारिश में दिल्ली और मुंबई के बुरे हाल पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार

कोर्ट ने कहा- दिल्ली में हमारे पास इस तरह का शासन है! मुंबई में सड़कों पर बने गड्ढों के चलते लोगों की जानें जा रही हैं और अधिकारी गड्ढे गिन रहे हैं!

बारिश में दिल्ली और मुंबई के बुरे हाल पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार
दिल्ली के मिंटो रोड पर बस डूबीं (फाइल फोटो).
  • कोर्ट ने कहा, ये क्या हो रहा है? ये कैसी नींद है? अचंभित करने वाला
  • दिल्ली में मिंटो रोड पर पानी भरने के कारण बसों के डूबने की घटनाएं
  • दिल्ली में सीलिंग के मामले में कहा- अवैध निर्माण करने वाले को तुरंत रोकें
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई की सड़कों के गड्ढों में लोगों के गिरने और दिल्ली में सड़कों पर बसों के डूबने के मामलों को लेकर सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. दिल्ली में मिंटो रोड पर पानी भरने के कारण एक बस के उसमें डूबे होने की तस्वीरें प्रकाशित होने के बाद इस पर बुधवार को स्वत: संज्ञान लिया. कोर्ट ने कहा कि क्या दिल्ली में हमारे पास इस तरह का शासन है! वहीं, मुंबई में सड़कों पर बने गड्ढों के चलते लोगों की जानें जा रही हैं और अधिकारी गड्ढे गिन रहे हैं!

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सड़क पर निकलकर देखें कि जनता किस कदर परेशान है. जस्टिस मदन भीमराव लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ ने व्यंग्यात्मक लहजे में सरकार से कहा कि हमे न बताएं कि प्रशासन किस तरह काम कर रहा है? दिल्ली के दिल में मिंटो रोड पर बस कुछ मिनटों की बारिश में ही डूब गई. मुंबई में लोग सड़कों के गड्ढों में गिर कर मर रहे हैं. ये देश मे क्या हो रहा है? ये कैसी नींद है? ये सब अचंभित करने वाला है! सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि थोड़ी सी बारिश ने नक्शा बदल दिया अगर तेज़ बारिश हुई तो राजधानी  का क्या होगा ये कल्पना से परे है.

कोर्ट ने मुंबई की सड़कों पर बने गड्ढों के चलते लोगों की जान जानें की खबरों पर भी स्वत: संज्ञान लिया और दिल्ली व मुंबई के नगर निकायों के अधिकारियों की आलोचना की. कोर्ट ने मॉनसून के दौरान जलजमाव और सड़कों पर बने गड्ढों के चलते जनजीवन पंगु हो जाने को लेकर दोनों शहरों के नगर निकाय अधिकारियों की आलोचना की. पीठ ने कहा कि रिपोर्टों के मुताबिक मुंबई में सड़कों पर लगभग 4,000 गड्ढे हैं. केंद्र की ओर से पेश हुए अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इन उदाहरणों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और बेंगलुरु की बेलंदूर झील की जहरीली झाग का भी जिक्र किया. 

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दरअसल सीलिंग मामले की सुनवाई के दौरान AG ने कहा कि अगर 48 घंटों के भीतर कार्रवाई करनी होगी तो सैकड़ो लोगों की जरूरत होगी. तब कोर्ट ने कहा कि आपके पास सोता मेन पावर है. ऐसा नहीं है कि आपके पास मेन पॉवर नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 48 घंटों से ज्यादा किसी को समय नहीं दिया जा सकता. अवैध निर्माण करने वाले को आपको तुरंत रोकना होगा. जैसे ही आपने नोटिस दिया, उसी समय उन्हें काम करना बंद करना होगा. 

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवैध निर्माण करने वाली कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करना चाहिए. कोर्ट ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई अर्किटेक्ट अवैध निर्माण का काम करता है तो उसके बारे में पता होना चाहिए, ताकि उसे काम नहीं दिया जाए. उसको ब्लैक लिस्ट भी किया जाए. अगर बिल्डर अवैध निर्माण करता है तो आप उसे ब्लैक लिस्ट करें. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कमेटी को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर क्या कर रहे हैं. टीवी पर दिखाया जा रहा है कि पुलिस शांत खड़ी रहती है कुछ नहीं करती. कमेटी को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराने की जरूरत है.

VIDEO : बारिश में दिल्ली और मुंबई की दुर्दशा

सुप्रीम कोर्ट ने AG से कहा कि आपको अवैध निर्माण और सड़कों को लेकर दिल्ली में एक बार फिर सर्वे करना होगा. एमिकस रंजीत कुमार ने कहा कि दिल्ली में कई पुरातात्विक इमारतें हैं जिनको सुरक्षित करने की जरूरत है. इसके लिए कमेटी में ASI के लोगों को भी शामिल किया जाए. कोर्ट ने कहा कि ये कहा जाता है कि पुरातात्विक इमारतों में लोग रह रहे हैं. रंजीत कुमार ने कहा कि महरौली में लोग रहे हैं.  AG ने कहा कि लाखों लोग हैं, वे कहां जाएं? तब कोर्ट ने कहा कि नेशनल लाइवली हुड मिशन के तहत उनकी देखरेख हो. इसको लेकर कुछ नहीं हुआ. 
(इनपुट भाषा से भी)

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