वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 627 अंक लुढ़क कर बंद हुआ. कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता के बीच एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और इन्फोसिस जैसे शेयरों में मुनाफावसूली से बाजार में गिरावट आयी. 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 627.43 अंक यानी 1.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 49,509.15 पर बंद हुआ. इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 154.40 अंक यानी 1.04 प्रतिशत टूटकर 14,690.70 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक गिरावट एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी में दर्ज की गयी. एक दिन पहले ही एचडीएफसी बैंक ने ऑननलाइन बैंक सेवाओं में कुछ तकनीकी गड़बड़ी की बात स्वीकार की थी. ऑनलाइन सेवाओं में बाधा को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के जुर्माने का सामाना कर रहा एचडीएफसी बैंक ने मसले का समाधान करने और सेवाएं बहाल करने का वादा किया है.
एचडीएफसी बैंक जहां 4 प्रतिशत लुढ़का वहीं एचडीएफसी बैंक में 3.86 प्रतिशत की गिरावट आयी. जिन अन्य शेयरों में गिरावट आयी, उनमें पावर ग्रिड (2.71 प्रतिशत), टेक महिंद्रा (2.5 प्रतिशत), आईसीआईसीआई बैंक (1.71 प्रतिशत), ओएनजीसी (1.59 प्रतिशत), कोटक बैंक (1.5 प्रतिशत), इन्फोसिस (1.28 प्रतिशत) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (1.25 प्रतिशत) शामिल हैं. सेंसेक्स के 30 शेयरों में 19 नुकसान में रहे. दूसरी तरफ आईटीसी, बजाज फिनसर्व, एचयूएल, भारतीय स्टेट बैंक और टीसीएस लाभ में रहे.
रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति मामलों के प्रमुख विनोद मोदी ने कहा, ‘‘कोविड-19 मामलों में तेजी को लेकर चिंता तथा इसके कारण कुछ जगहों पर पाबंदियों के कारण निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा और घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गयी.'' केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में एक दिन में कोरोना वायरस के 53,480 नए मामले सामने आए जिसके बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,21,49,335 हो गई. वहीं, संक्रमण से 354 और लोगों की मौत हो गई जो इस साल एक दिन में सर्वाधिक मृतक संख्या है. इसी के साथ देश में मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 1,62,468 हो गई. मोदी ने कहा कि इसके अलावा अमेरिकी ट्रेजरी के प्रतिफल में वृद्धि तथा डॉलर सूचकांक के मजबूत होने से भी चिंता बढ़ी है.
वित्तीय क्षेत्र खासकर निजी बैंकों में भारी मुनाफावसूली देखी गयी. इसके अलावा आईटी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली दबाव रहा. हालांकि निवेशक दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों, धातु और औषधि कंपनियों के शेयरों में लगातार निवेश कर रहे हैं.
एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई, हांगकांग, सोल और तोक्यो नुकसान में रहे. वाल स्ट्रीट में मंगलवार की गिरावट का असर एशिया के अन्य बाजारों पर पड़ा. अमेरिकी बाजार पर राष्ट्रपति जो बाइडेन के बयान का असर पड़ा. एक रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति ने वृद्धि को गति देने और रोजगार सृजित करने के लिये बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर 2,000 अरब डॉलर से अधिक खर्च की इच्छा जतायी है. इस खर्च को पूरा करने के लिये कंपनी कर बढ़ाया जाएगा. भारतीय समयानुसार दोपहर बाद खुले यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी गिरावट का रुख रहा. इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.58 प्रतिशत की गिरावट के साथ 63.80 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.