सांकेतिक तस्वीर
नई दिल्ली:
एक दिन पहले ही रेलवे किराया बढ़ने की खबर से परेशान यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। रेलवे के सूत्रों का कहना है कि 25 फरवरी को पेश होने वाले रेल बजट में यात्री किराए में बढ़ोतरी नहीं होगी।
सूत्रों का कहना है कि यात्री किराए में 10 फीसदी बढ़ोतरी करने पर भी रेलवे को सिर्फ 4500 करोड़ की अतिरिक्त आमदनी होगी, लेकिन इससे बजट को लेकर सकारात्मक माहौल को झटका लग सकता है।
रेलवे इससे ज्यादा कमाई तो पीएफटी (प्राइवेट फ्रेट टर्मिनल्स) और विज्ञापन जैसे अन्य रास्तों से कर सकता है। केंद्र की मौजूदा एनडीए सरकार साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से दो बार यात्री किराए में बढ़ोतरी कर चुकी है। पहली बार तो सरकार ने सीधे-सीधे 14 फीसदी की बढ़ोतरी की थी, जबकि दूसरी बार अप्रत्यक्ष रूप से यात्री किराया बढ़ाया गया था।
भारतीय रेलवे को सातवें वेतन आयोग को भी लागू करना है और इस मद में रेलवे पर 32 हजार करोड़ का अतिरिक्त भार है।
इससे पहले बुधवार को खबर आई थी कि संसाधनों की कमी का सामना कर रहा रेलवे अपने आगामी बजट में यात्री किरायों में पांच से 10 फीसदी तक इजाफा करने की संभावनाओं पर विचार कर रहा है।
रेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया था कि यात्री किरायों और मालभाड़ों से होने वाली आमदनी में कमी और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर पड़ने वाले 32,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बोझ को देखते हुए यात्री किरायों में इजाफे के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।
इसके अलावा, रेलवे की ओर से कम धनराशि खर्च करने के कारण केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 2015-16 के लिए इसके सकल बजटीय समर्थन में भी 8,000 करोड़ रुपये की कटौती कर दी थी।
सूत्रों का कहना है कि यात्री किराए में 10 फीसदी बढ़ोतरी करने पर भी रेलवे को सिर्फ 4500 करोड़ की अतिरिक्त आमदनी होगी, लेकिन इससे बजट को लेकर सकारात्मक माहौल को झटका लग सकता है।
रेलवे इससे ज्यादा कमाई तो पीएफटी (प्राइवेट फ्रेट टर्मिनल्स) और विज्ञापन जैसे अन्य रास्तों से कर सकता है। केंद्र की मौजूदा एनडीए सरकार साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से दो बार यात्री किराए में बढ़ोतरी कर चुकी है। पहली बार तो सरकार ने सीधे-सीधे 14 फीसदी की बढ़ोतरी की थी, जबकि दूसरी बार अप्रत्यक्ष रूप से यात्री किराया बढ़ाया गया था।
भारतीय रेलवे को सातवें वेतन आयोग को भी लागू करना है और इस मद में रेलवे पर 32 हजार करोड़ का अतिरिक्त भार है।
इससे पहले बुधवार को खबर आई थी कि संसाधनों की कमी का सामना कर रहा रेलवे अपने आगामी बजट में यात्री किरायों में पांच से 10 फीसदी तक इजाफा करने की संभावनाओं पर विचार कर रहा है।
रेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया था कि यात्री किरायों और मालभाड़ों से होने वाली आमदनी में कमी और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर पड़ने वाले 32,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बोझ को देखते हुए यात्री किरायों में इजाफे के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।
इसके अलावा, रेलवे की ओर से कम धनराशि खर्च करने के कारण केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 2015-16 के लिए इसके सकल बजटीय समर्थन में भी 8,000 करोड़ रुपये की कटौती कर दी थी।
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