मीडिया में आप लोगों ने भी कथित 10 लाख रुपये के सूट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना सुनी या देखी होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं...
- गुजरात के मुख्यमंत्री रहते भी नरेंद्र मोदी को वर्ष 2001 से 2014 तक 18,710 उपहार मिले, जिन्हें उन्होंने सरकारी ख़ज़ाने में जमा कराया था...
- इन उपहारों की कुल कीमत 19 करोड़ रुपये थी...
- इन उपहारों में सोने-चांदी की कलाकृतियां भी शामिल थीं...
25 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब एक बंद गले का सूट पहना तो उन्होंने सोचा भी नहीं था, उनका यह सूट, जिसमें उनका नाम लिखा था, लोगों में चर्चा, या यूं कहिए, विवाद का विषय बन जाएगा। सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया तक बहस छिड़ गई। सोशल मीडिया ने तो उन्हें 'प्रधानमंत्री' की बजाय 'परिधानमंत्री' का टाइटल भी दे दिया था। लोगों ने गूगल के जरिये जानकारी भी निकाल डाली कि इस तरह का सूट मिस्र के शासक रह चुके होस्नी मुबारक भी पहन चुके हैं। अक्सर हर ख़बर से बेख़बर रहने वाले कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी पूरी रिसर्च के साथ दिल्ली विधानसभा के चुनाव प्रचार में जानकारी देते दिखे, कहते थे कि मोदी का सूट 10 लाख का है और 'मेड इन यूके' है।
खैर, सूट की पूरी सच्चाई आज सामने आई है। सूट गिफ्ट करने वाले अप्रवासी भारतीय गुजराती कारोबारी रमेश बी वीरानी ने मीडिया को बताया कि उन्होंने यह सूट मोदी को तब भेंट किया था, जब वह अपने पुत्र के विवाह समारोह के लिए प्रधानमंत्री को निमंत्रित करने गए थे। सूट की लागत पूछने पर उन्होंने बताया कि मीडिया में जो भी बताया जा रहा है, गलत है। उनका बेटा इतनी रकम खर्च नहीं कर सकता। उनका परिवार जब भी मोदी को मिलता है, उन्हें उपहार दिया करता है।
आज से गुजरात के सूरत में नरेंद्र मोदी के सूट के साथ-साथ उन्हें मिले 455 तोहफों की प्रदर्शनी और नीलामी चल रही है। शुक्रवार को सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को तय सामान दे दिया जाएगा। इस पूरी नीलामी प्रक्रिया से मिलने वाले पैसे को गंगा सफाई अभियान में इस्तेमाल किया जाएगा। आज के दिन मोदी के सूट की बोली एक करोड़ 21 लाख रुपये तक पहुंच गई है।
देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को समय-समय पर उपहार मिलते ही रहते हैं। कोई उसे अपने घर के साजो-सामान का हिस्सा बनाता है, कोई समाज के कल्याण पर नीलाम कर देता है। मोदी इससे पहले भी बालिका शिक्षा पर अपने उपहारों को दान कर चुके हैं। हालांकि इस नीलामी प्रक्रिया पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं, लेकिन अगर नीलामी से मिलने वाली रकम को किसी धर्मार्थ कार्य में लगाया जाएगा, तो माफ कीजिए, मैं हर बात में मोदी की आलोचना करने वाला आलोचक नहीं हूं।