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This Article is From Aug 24, 2019

मेडिकल शिक्षा के सत्यानाश की कोशिश की पड़ताल करता 'डाउन टू अर्थ'

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    अगस्त 24, 2019 18:28 pm IST
    • Published On अगस्त 24, 2019 18:27 pm IST
    • Last Updated On अगस्त 24, 2019 18:28 pm IST

आप में से बहुत से लोग छोटा लिखा पढ़ना चाहते हैं. जानने के लिए मेहनत नहीं करते. इसी का फायदा उठाकर व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी और न्यूज़ चैनलों ने आपको भरमाना शुरू किया. कई लोग मिलते हैं जो दस-दस साल से एक किताब नहीं पढ़ें. अच्छे आर्टिकल को ढूंढ कर पढ़ेंगे नहीं. लंबाई देखकर छोड़ देंगे. यही वो लोग हैं जो अंध राष्ट्रवाद और सांप्रदायिकता की आंधी में आसानी से हांक लिए जाते हैं.

डाउन टू अर्थ के ताज़ा अंक में कितनी मेहनत से मेडिकल शिक्षा को लेकर मोदी सरकार की कारगुज़ारी की विश्लेषण किया है. आप पढ़ेंगे नहीं लेकिन फिर भी पढ़िए. समझ आएगा कि कैसे प्राइवेट मेडिकल कालेजों का कारोबार बढ़ाने के लिए और आपके शरीर में सुई से खून निकाल कर करोड़ों की फीस वसूलने के प्रबंध किए गए हैं. साइंटिफिक मेडिकल प्रोफेशन से जुड़ा कोई भी अब दवा लिख सकता है. फिर डॉक्टर किस लिए बना रहे हैं. ख़ैर डॉक्टर लोग भी उसी नेशनल सिलेबस के प्रोजेक्ट में फंसे हुए हैं. थोड़ा बहुत विरोध प्रदर्शन कर छोड़ दिया.

जयराम रमेश का मोदी की तारीफ वाला बयान मीडिया में चलता रहा. इस रिपोर्ट में जयराम रमेश कह रहे हैं कि सरकार झोला छाप डॉक्टरों को संस्थागत रूप दे रही है. गैस सिलेंडर पहुंचाने की खूबी के सामने क्या यह ख़तरनाक बात नहीं है. आपको अभी समझ नहीं आएगा. कभी समझ नहीं आएगा क्योंकि जानने का प्रयास तो आप दस साल बाद भी नहीं करेंगे.

बनजोत कौर, इशान कुकरेती, जितेंद्र और कुंदन पांडे ने इस पर अच्छी रिपोर्ट लिखी है. जो लोग मेडिकल परीक्षा की तैयारी में लगे हैं उन्हें पढ़ना चाहिए. उनके मां बाप से कोई उम्मीद नहीं है. वो कर्ज़ लेकर फीस दे आएंगे. लेकिन जानिए दोस्तों. और घर में डाउन टू अर्थ मंगाया कीजिए. हिन्दी और अंग्रेज़ी वाला. जो ठीक लगे. ढंग की चीज़ पढ़िए.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) :इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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