पप्पू यादव की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली: आरजेडी के निष्कासित सांसद पप्पू यादव ने महागठबंधन की भारी जीत को जातीय भावना की जीत बताया, जो आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण संबंधी बयान से भड़की। उन्होंने बीजेपी की उसके नकारात्मक अभियान के लिए भी आलोचना की।
उन्होंने दावा किया कि उनकी एक महीने पुरानी जन अधिकार पार्टी लालू-नीतीश की सोशल इंजीनियरिंग की वजह से बुरी तरह हारी। साथ ही आरजेडी प्रमुख की 'खुल्लम खुल्ला' जातिवादी राजनीति ने मतदाताओं का ध्रुवीकरण किया।
उन्होंने कहा, 'यह आरएसएस प्रमुख के बयान के बाद लालू प्रसाद द्वारा भड़काई गई जातीय भावना की जीत है। यह नीतीश कुमार के तथाकथित विकास के एजेंडा की जीत नहीं है। अन्यथा जेडीयू की सीटें 2010 में 110 से 71 पर नहीं आती और आरजेडी की सीटें 21 से 80 नहीं होतीं। चुनाव प्रचार के दौरान पप्पू यादव का मुख्य निशाना महागठबंधन था और महागठबंधन ने उन पर एनडीए के हितों के अनुरूप उम्मीदवारों का चयन करने का आरोप लगाया था।
बीजेपी के चुनाव हारने पर पाकिस्तान में पटाखे छूटेंगे, इस बयान के लिए पार्टी प्रमुख अमित शाह पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में सांप्रदायीकरण नहीं किया जा सकता क्योंकि वहां मजबूत जाति व्यवस्था है।
उन्होंने कहा, लालूजी ने जातिवादी भावना भड़काई। बीजेपी नेताओं ने उनके स्तर पर आने का फैसला किया और हार गए। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी स्वतंत्र पहचान रखेगी और विपक्षी पार्टी के तौर पर काम करेगी।