
प्रतीकात्मक फोटो.
आइजोल:
मिजोरम में 40 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए बुधवार को मतदान होगा. यहां 7,70,395 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. राज्य में पहली बार सभी मतदान केंद्रों को वायरलेस संचार तंत्र से जोड़ दिया गया है ताकि मतदान के दौरान त्वरित रूप से सूचनाएं भेजी जा सकें.
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) आशीष कुंदरा ने बताया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान कराने के लिए सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं. कुंदरा ने कहा कि वे प्रबंधों से पूरी तरह संतुष्ट हैं. पूर्वोत्तर में मिजोरम एकमात्र राज्य है जहां कांग्रेस की सरकार है. राज्य में कांग्रेस 2008 से सत्ता में है और उसकी नजरें तीसरी बार सरकार बनाने पर हैं.
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 34 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के खाते में पांच और मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस की झोली में एक सीट आई थी. कांग्रेस और मुख्य विपक्षी एमएनएफ ने 40-40 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं जबकि बीजेपी 39 सीटों पर मैदान में है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मिजोरम में चुनाव प्रचार किया.
यह भी पढ़ें : विधानसभा चुनाव : मध्यप्रदेश और मिजोरम में आज मतदान, कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए
मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियों को अंतिम रूप देते हुए अधिकारियों ने पहली बार सभी मतदान केंद्रों को वायरलेस संचार तंत्र से जोड़ने का फैसला किया है. राज्य के कई क्षेत्र दुर्गम हैं. मिजोरम के पुलिस उप महानिरीक्षक (प्रशिक्षण और सशस्त्र शाखा) जोसफ लालछुआना ने कहा कि राज्य के चुनावी इतिहास में पहली बार सभी मतदान केंद्रों को वायरलेस संचार के दायरे में लाया जाएगा. इससे मतदान के बारे में समय से जानकारी मिल सकेगी. उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव तक, सभी क्षेत्रों को वायरलेस प्रौद्योगिकी से नहीं जोड़ा जाता था. इससे दूरदराज के मतदान केंद्रों से जानकारी देर से प्राप्त होती थी. चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रणाली के संचालन के मद्देनजर मिजोरम पुलिस कर्मियों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए थे.
VIDEO : दिग्गजों ने लगाई ताकत
मिजोरम में 7,70,395 मतदाता हैं जो 1,164 मतदान केंद्रों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. त्रिपुरा के छह शिविरों में रहने वाले ब्रू शरणार्थियों के लिए ममित जिले के कानहमुन गांव में अतिरिक्त 15 विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं. चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा के लिए कदम उठाए गए हैं. असम, मणिपुर और त्रिपुरा के साथ राज्य की सीमाओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया है. मिजोरम के डीजीपी ने इन राज्यों में अपने समकक्षों से सहयोग मांगा है.
(इनपुट भाषा से)
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) आशीष कुंदरा ने बताया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान कराने के लिए सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं. कुंदरा ने कहा कि वे प्रबंधों से पूरी तरह संतुष्ट हैं. पूर्वोत्तर में मिजोरम एकमात्र राज्य है जहां कांग्रेस की सरकार है. राज्य में कांग्रेस 2008 से सत्ता में है और उसकी नजरें तीसरी बार सरकार बनाने पर हैं.
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 34 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के खाते में पांच और मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस की झोली में एक सीट आई थी. कांग्रेस और मुख्य विपक्षी एमएनएफ ने 40-40 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं जबकि बीजेपी 39 सीटों पर मैदान में है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मिजोरम में चुनाव प्रचार किया.
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मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियों को अंतिम रूप देते हुए अधिकारियों ने पहली बार सभी मतदान केंद्रों को वायरलेस संचार तंत्र से जोड़ने का फैसला किया है. राज्य के कई क्षेत्र दुर्गम हैं. मिजोरम के पुलिस उप महानिरीक्षक (प्रशिक्षण और सशस्त्र शाखा) जोसफ लालछुआना ने कहा कि राज्य के चुनावी इतिहास में पहली बार सभी मतदान केंद्रों को वायरलेस संचार के दायरे में लाया जाएगा. इससे मतदान के बारे में समय से जानकारी मिल सकेगी. उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव तक, सभी क्षेत्रों को वायरलेस प्रौद्योगिकी से नहीं जोड़ा जाता था. इससे दूरदराज के मतदान केंद्रों से जानकारी देर से प्राप्त होती थी. चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रणाली के संचालन के मद्देनजर मिजोरम पुलिस कर्मियों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए थे.
VIDEO : दिग्गजों ने लगाई ताकत
मिजोरम में 7,70,395 मतदाता हैं जो 1,164 मतदान केंद्रों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. त्रिपुरा के छह शिविरों में रहने वाले ब्रू शरणार्थियों के लिए ममित जिले के कानहमुन गांव में अतिरिक्त 15 विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं. चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा के लिए कदम उठाए गए हैं. असम, मणिपुर और त्रिपुरा के साथ राज्य की सीमाओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया है. मिजोरम के डीजीपी ने इन राज्यों में अपने समकक्षों से सहयोग मांगा है.
(इनपुट भाषा से)
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