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This Article is From Nov 23, 2018

मध्य प्रदेश में बसपा मुखिया मायावती ने क्यों छोड़ा कांग्रेस का साथ, कमलनाथ ने किया खुलासा

मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता कमलनाथ ने खुलासा कर दिया है कि किन वजहों से बसपा मुखिया मायावती से गठबंधन की कोशिशें परवान नहीं चढ़ सकीं.

मध्य प्रदेश में बसपा मुखिया मायावती ने क्यों छोड़ा कांग्रेस का साथ, कमलनाथ ने  किया खुलासा
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने एनडीटीवी को बताया- क्यों मायावती से फेल हो गई बातचीत
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदारों में शुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने खुलासा कर दिया है कि किन वजहों से बसपा मुखिया मायावती से गठबंधन की कोशिशें परवान नहीं चढ़ सकीं. चुनाव कैंपेनिंग के दौरान एनडीटीवी से बातचीत के दौरान कमलनाथ ने उन कारणों पर से परदा हटाया, जिनकी वजह से बसपा मुखिया मायावती से कांग्रेस की बात नहीं बन सकी. कमलनाथ ने कहा कि एक तो सीटों की संख्या और दूसरे विशेष सीटों की मांग पर मतभेद रहे. बसपा की ओर से जो सीटें मांगीं जा रहीं थीं, उन पर जीत का न कोई कांबिनेशन नजर आ रहा था और न कोई फार्मूला दिख रहा था. ऐसी सीटें बसपा मुखिया मायावती ने मांग लीं, जहां हजार वोट से ज्यादा उन्हें नहीं मिल पाते.
कांग्रेस ने मायावती की बहुजन समाज पार्टी को 25 सीटें ऑफर कीं थीं. यहां तक कि कहा गया कि अगर वे बीजेपी को हराने में कामयाब हैं तो 230 में से 30 सीटें भी पार्टी देने को तैयार है. मगर मायावती 50 सीटों से कम पर समझौते को तैयार ही नहीं थीं.

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मायावती ने छिंदवाड़ा में भी एक सीट मांगी. इस लोकसभा क्षेत्र से  कमलनाथ नौ बार से सांसद चुने जाते रहे हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव और आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर देखें तो  बसपा के साथ गठबंधन से कांग्रेस को मध्य प्रदेश में 40 से 50 सीटों पर बढ़त मिल सकती थी.  हालांकि कांग्रेस नेता कमलनाथ इससे इत्तफाक नहीं रखते और इसे बहुत सैद्धांतिक मूल्यांकन करार देते हैं. कमलनाथ ने कहा-जिन सीटों पर मायावती जोर दे रहीं थीं अगर वे सीटें उन्हें मिल जातीं तो   एक प्रकार से ये सीटें बीजेपी को उपहार में चलीं जातीं.  उन्होंने कहा कि बसपा मुखिया मायावती एक-एक सीट छिंदवाड़ा और इंदौर में एक सीट चाहती थीं. जहां वे एक हजार से ज्यादा वोट नहीं पा सकतीं थीं.फिर भी ये सीटें क्यों चाहतीं थीं, हम नहीं जानते. यही वजह है कि गठबंधन को लेकर बातचीत विफल हो गई. 230 विधानसभा सदस्यों वाले मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणाम 11 दिसंबर को आएंगे. 

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गठबंधन न होने पर क्या बोले थे राहुल गांधी
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती की ओर से  विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ किसी तरह का गठबंधन करने से भले ही इनकार कर दिया हो, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भरोसा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव को दोनों पार्टियां साथ मिलकर लड़ेंगी. एक कार्यक्रम में  पिछले दिनों राहुल कह चुके हैं कि बसपा प्रमुख का कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने के फैसले से राजस्थान और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.   उन्होंने कहा, "राज्यों में गठबंधन और केंद्र में गठबंधन दो अलग-अलग चीजें हैं और मायावती ने इस बारे में संकेत दिए हैं." राहुल ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि (कांग्रेस के साथ) मध्य प्रदेश और राजस्थान में बसपा का गठबंधन नहीं करना हमें प्रभावित करेगा." कांग्रेस अध्यक्ष ने जाहिर तौर पर मायावती के इस दावे की पुष्टि की है कि कुछ पार्टी नेताओं का रुख गठबंधन तोड़ने को लेकर अड़ियल था. उन्होंने कहा, "राज्यों में (सीट साझा करने के बारे में) हमारा रुख लचीला था.  वास्तव में इस बारे में कुछ राज्य के नेताओं की तुलना में मेरा रुख अधिक लचीला व नरम था. जब उन्होंने (बसपा) अपना रास्ता अलग तय करने का फैसला किया तो उस समय हमारे बीच वार्ता हो रही थी." राहुल ने कहा, "लेकिन आम चुनाव में पार्टियां (बसपा, कांग्रेस) एक साथ आएंगी. हमारे पास यही संकेत है."

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